Umesh Tiwari

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आप सबकोको  देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की खूब ढेर सारी बधाई व शुभकामनाए !! जय श्री हरि विष्णु  🙏🌹
23/11/2023

आप सबकोको देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की खूब ढेर सारी बधाई व शुभकामनाए !! जय श्री हरि विष्णु 🙏🌹

03/09/2023

⫷▓▓▓( हिंदुओं जागो और जगाओ )▓▓▓⫸
⚔️🌿जय हिन्दू राष्ट्र 🚩जय भारत 🌿⚔️
⚔️🌿जय श्री राम🙏 जय श्री राम🌿 ⚔️
⫷▓▓▓(🕉️)⚔️🚩⚔️🚩⚔️(🕉️)▓▓▓⫸

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01/09/2023

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01/09/2023
💥भगवान श्रीगणेश के आठ अवतारो मे से 💥🍀🌻🍀 चार अवतारो का वर्णन 🍀🌻🍀               💥🌹🌹🌹🌹🌹💥🌿🌿श्री गणेशाय नमः 🌿🌿      अन्य सभी ...
09/08/2023

💥भगवान श्रीगणेश के आठ अवतारो मे से 💥
🍀🌻🍀 चार अवतारो का वर्णन 🍀🌻🍀
💥🌹🌹🌹🌹🌹💥

🌿🌿श्री गणेशाय नमः 🌿🌿

अन्य सभी देवताओं के समान भगवान गणेश ने भी आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए विभिन्न अवतार लिए। श्रीगणेश के इन अवतारों का वर्णन गणेश पुराण, मुद्गल पुराण, गणेश अंक आदि ग्रंथो में मिलता है।जानिए श्रीगणेश के अवतारों के बारे में-

1. वक्रतुंड
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वक्रतुंड का अवतार राक्षस मत्सरासुर के दमन के लिए हुआ था। मत्सरासुर शिव भक्त था और उसने शिव की उपासना करके वरदान पा लिया था कि उसे किसी से भय नहीं रहेगा। मत्सरासुर ने देवगुरु शुक्राचार्य की आज्ञा से देवताओं को प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। उसके दो पुत्र भी थे सुंदरप्रिय और विषयप्रिय, ये दोनों भी बहुत अत्याचारी थे। सारे देवता शिव की शरण में पहुंच गए। शिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे गणेश का आह्वान करें, गणपति वक्रतुंड अवतार लेकर आएंगे। देवताओं ने आराधना की और गणपति ने वक्रतुंड अवतार लिया। वक्रतुंड भगवान ने मत्सरासुर के दोनों पुत्रों का संहार किया और मत्सरासुर को भी पराजित कर दिया। वही मत्सरासुर कालांतर में गणपति का भक्त हो गया।

2. एकदंत
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महर्षि च्यवन ने अपने तपोबल से मद की रचना की। वह च्यवन का पुत्र कहलाया। मद ने दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य से दीक्षा ली। शुक्राचार्य ने उसे हर तरह की विद्या में निपुण बनाया। शिक्षा होने पर उसने देवताओं का विरोध शुरू कर दिया। सारे देवता उससे प्रताडि़त रहने लगे। मद इतना शक्तिशाली हो चुका था कि उसने भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। सारे देवताओं ने मिलकर गणपति की आराधना की। तब भगवान गणेश एकदंत रूप में प्रकट हुए। उनकी चार भुजाएं थीं, एक दांत था, पेट बड़ा था और उनका सिर हाथी के समान था। उनके हाथ में पाश, परशु और एक खिला हुआ कमल था। एकदंत ने देवताओं को अभय वरदान दिया और मदासुर को युद्ध में पराजित किया।

3. महोदर
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जब कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मोहासुर नाम के दैत्य को संस्कार देकर देवताओं के खिलाफ खड़ा कर दिया। मोहासुर से मुक्ति के लिए देवताओं ने गणेश की उपासना की। तब गणेश ने महोदर अवतार लिया। महोदर का उदर यानी पेट बहुत बड़ा था। वे मूषक पर सवार होकर मोहासुर के नगर में पहुंचे तो मोहासुर ने बिना युद्ध किये ही गणपति को अपना इष्ट बना लिया।

4. गजानन
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एक बार धनराज कुबेर भगवान शिव-पार्वती के दर्शन के लिए कैलाश पर्वत पर पहुंचा। वहां पार्वती को देख कुबेर के मन में काम प्रधान लोभ जागा। उसी लोभ से लोभासुर का जन्म हुआ। वह शुक्राचार्य की शरण में गया और उसने शुक्राचार्य के आदेश पर शिव की उपासना शुरू की। शिव लोभासुर से प्रसन्न हो गए। उन्होंने उसे सबसे निर्भय होने का वरदान दिया। इसके बाद लोभासुर ने सारे लोकों पर कब्जा कर लिया और खुद शिव को भी उसके लिए कैलाश को त्यागना पड़ा। तब देवगुरु ने सारे देवताओं को गणेश की उपासना करने की सलाह दी। गणेश ने गजानन रूप में दर्शन दिए और देवताओं को वरदान दिया कि मैं लोभासुर को पराजित करूंगा। गणेश ने लोभासुर को युद्ध के लिए संदेश भेजा। शुक्राचार्य की सलाह पर लोभासुर ने बिना युद्ध किए ही अपनी पराजय स्वीकार कर ली।

5. विघ्नराज
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एक बार पार्वती अपनी सखियों के साथ बातचीत के दौरान जोर से हंस पड़ीं। उनकी हंसी से एक विशाल पुरुष की उत्पत्ति हुई। पार्वती ने उसका नाम मम (ममता) रख दिया। वह माता पार्वती से मिलने के बाद वन में तप के लिए चला गया। वहीं उसकी मुलाकात शम्बरासुर से हुई। शम्बरासुर ने उसे कई आसुरी शक्तियां सीखा दीं। उसने मम को गणेश की उपासना करने को कहा। मम ने गणपति को प्रसन्न कर ब्रह्मांड का राज मांग लिया।

शम्बर ने उसका विवाह अपनी पुत्री मोहिनी के साथ कर दिया। शुक्राचार्य ने मम के तप के बारे में सुना तो उसे दैत्यराज के पद पर विभूषित कर दिया। ममासुर ने भी अत्याचार शुरू कर दिए और सारे देवताओं के बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब देवताओं ने गणेश की उपासना की। गणेश विघ्नराज के रूप में अवतरित हुए। उन्होंने ममासुर का मान मर्दन कर देवताओं को छुड़वाया।

6.लंबोदर
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समुद्रमंथन के समय भगवान विष्णु ने जब मोहिनी रूप धरा तो शिव उन पर काम मोहित हो गए। उनका शुक्र स्खलित हुआ, जिससे एक काले रंग के दैत्य की उत्पत्ति हुई। इस दैत्य का नाम क्रोधासुर था। क्रोधासुर ने सूर्य की उपासना करके उनसे ब्रह्मांड विजय का वरदान ले लिया। क्रोधासुर के इस वरदान के कारण सारे देवता भयभीत हो गए। वो युद्ध करने निकल पड़ा। तब गणपति ने लंबोदर रूप धरकर उसे रोक लिया। क्रोधासुर को समझाया और उसे ये आभास दिलाया कि वो संसार में कभी अजेय योद्धा नहीं हो सकता। क्रोधासुर ने अपना विजयी अभियान रोक दिया और सब छोड़कर पाताल लोक में चला गया।

7.विकट
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भगवान विष्णु ने जलंधर के विनाश के लिए उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया। उससे एक दैत्य उत्पन्न हुआ, उसका नाम था कामासुर। कामासुर ने शिव की आराधना करके त्रिलोक विजय का वरदान पा लिया। इसके बाद उसने अन्य दैत्यों की तरह ही देवताओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए। तब सारे देवताओं ने भगवान गणेश का ध्यान किया। तब भगवान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया। विकट रूप में भगवान मोर पर विराजित होकर अवतरित हुए। उन्होंने देवताओं को अभय वरदान देकर कामासुर को पराजित किया।

8. धूम्रवर्ण
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एक बार भगवान ब्रह्मा ने सूर्यदेव को कर्म राज्य का स्वामी नियुक्त कर दिया। राजा बनते ही सूर्य को अभिमान हो गया। उन्हें एक बार छींक आ गई और उस छींक से एक दैत्य की उत्पत्ति हुई। उसका नाम था अहम। वो शुक्राचार्य के समीप गया और उन्हें गुरु बना लिया। वह अहम से अहंतासुर हो गया। उसने खुद का एक राज्य बसा लिया और भगवान गणेश को तप से प्रसन्न करके वरदान प्राप्त कर लिए।

उसने भी बहुत अत्याचार और अनाचार फैलाया। तब गणेश ने धूम्रवर्ण के रूप में अवतार लिया। उनका वर्ण धुंए जैसा था। वे विकराल थे। उनके हाथ में भीषण पाश था जिससे बहुत ज्वालाएं निकलती थीं। धूम्रवर्ण ने अहंतासुर का पराभाव किया। उसे युद्ध में हराकर अपनी भक्ति प्रदान की।

🌸🌸🌸 ्री_गणेश 🌸🌸🌸
🍁🙏🍁
✍️आभार:----
#उमेशचंद्रतिवारी, गजीपर, उo प्रo
रास्ट्रीय सचिव,
अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा सेवा ट्रस्ट
🌻⭐🇮🇳⭐🌻

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08/08/2023

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🦚  ⃟ ⃟ ⃟ ⃟  🦚 श्री गणेशाय नमः 🦚   ⃟ ⃟ ⃟ ⃟   🦚 🌹🙏🏽🦚🐾 ॐ गं गणपतये नमो नमः🐾 🙏🏽🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🦚*⛳༺⫷⭐⭐🙏🏽⭐⭐⫸༻⛳*  🦚            ...
28/06/2023

🦚 ⃟ ⃟ ⃟ ⃟ 🦚 श्री गणेशाय नमः 🦚 ⃟ ⃟ ⃟ ⃟ 🦚
🌹🙏🏽🦚🐾 ॐ गं गणपतये नमो नमः🐾 🙏🏽🌹
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🦚 ꧁ गणेश जी की कृपा बनी रहे꧂ .🦚
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💥卐 ❥══★ஜ۩۞۩ஜ★══➤❥卐💥💥❥🌹✥ स्नेहमयी वंदन ✥ 🌹❥💥💥❥★ जय श्री राधे कृष्णा ★🌹❥💥💥卐❥★════❤️════ ★➤➤卐💥
01/06/2023

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💥❥🌹✥ स्नेहमयी वंदन ✥ 🌹❥💥
💥❥★ जय श्री राधे कृष्णा ★🌹❥💥
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07/05/2023

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💜❣️जय श्री राधे 🌱जय श्री कृष्णा❣️💜
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💜❣️हरि:शरणम् ❣️💜
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💥🌻🌿सुप्रभात🌿🙏🌻❣️  💥🌻🌿जय श्री राम🙏🌿🌻❣️   💥🌻🌿जय हनुमान 🙏🌿🌻❣️     💥🌻🌿आप का दिन मंगलमय हो🌿🌻                      🍀🍀🙏🍀🍀
02/05/2023

💥🌻🌿सुप्रभात🌿🙏🌻❣️
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