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14/09/2025
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कारगिल, डिस्किट और तुर्तुक में एकॉर्ड फाउंडेशन का नि:शुल्क मेगा हेल्थ कैंपएकॉर्ड फाउंडेशन ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआ...
14/09/2025

कारगिल, डिस्किट और तुर्तुक में एकॉर्ड फाउंडेशन का नि:शुल्क मेगा हेल्थ कैंप

एकॉर्ड फाउंडेशन ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के प्रोजेक्ट विजयक के सहयोग से कारगिल, डिस्किट और तुर्तुक में नि:शुल्क मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया। इस तीन दिवसीय शिविर का उद्देश्य सीमावर्ती और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ बीआरओ श्रमिकों और उनके परिवारों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना था।

शिविर में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मरीजों की जांच की, परामर्श दिया और मुफ्त दवाइयां वितरित कीं। इस मौके पर अस्पताल चेयरमैन डॉ. जितेंद्र कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या कुमार, आर्थो एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के चेयरमैन डॉ. युवराज कुमार, कार्डियक एवं वैस्कुलर विभाग के डायरेक्टर डॉ. बीजू शिवम पिल्लई, साथ ही डॉ. आशिफ उमर, डॉ. आदित्य और डॉ. कोमल ने सैकड़ों मरीजों का इलाज किया।
कैंप में फिजिशियन, स्त्री रोग एवं बांझपन विशेषज्ञ, आर्थोपेडिक, हृदय रोग और सर्जरी विभाग से जुड़े डॉक्टरों ने सेवाएं दीं। बीआरओ श्रमिकों को कठिन मौसम और ऊंचाई वाले इलाकों में कार्य जारी रखने के लिए गर्म कपड़े भी वितरित किए गए।

स्थानीय लोगों और मजदूरों ने बताया कि उन्हें पहली बार इतने विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह और उपचार एक ही जगह पर प्राप्त हुआ।
अस्पताल चेयरमैन डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा कि कारगिल और आसपास के क्षेत्र बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से काफी हद तक वंचित हैं। ऐसे में एकॉर्ड फाउंडेशन समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर लोगों तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बीआरओ श्रमिक देश के लिए कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं और उनकी देखभाल करना समाज की जिम्मेदारी है।

आर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. युवराज कुमार ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग अक्सर हड्डी और जोड़ों से जुड़ी बीमारियों का इलाज समय पर नहीं करा पाते। ऐसे में इस तरह के कैंप उन्हें सही दिशा और भरोसा देते हैं।

इस आयोजन को स्थानीय लोगों ने सराहा और इसे सहयोग और करुणा का अनूठा संदेश बताया। आयोजकों ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी ऐसे शिविर लगातार आयोजित किए जाएंगे, ताकि सीमांत क्षेत्रों के लोग और श्रमिक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ सकें।

राज्यसभा के माननीय उपाध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह ने मानव रचना में एडवोकेसी पत्रकारिता पर पुस्तक का अनावरण कियाफरीदाबाद, 1...
11/09/2025

राज्यसभा के माननीय उपाध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह ने मानव रचना में एडवोकेसी पत्रकारिता पर पुस्तक का अनावरण किया

फरीदाबाद, 10 सितंबर 2025: राज्यसभा के माननीय उपाध्यक्ष श्री हरिवंश नारायण सिंह ने आज मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) में “हैरिवंश एक्सपेरिमेंट विद एडवोकेसी जर्नलिज़्म: फ्रॉम एड्स टू एक्शन, वर्ड्स टू चेंज” पुस्तक का अनावरण किया। इस अवसर पर छात्रों, मीडिया पेशेवरों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने एडवोकेसी पत्रकारिता की बदलती भूमिका और समाज पर इसके प्रभाव पर चर्चा की।

अपने संबोधन में श्री हरिवंश नारायण सिंह ने सामाजिक एडवोकेसी पत्रकारिता में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब हमने पत्रकारिता की यात्रा शुरू की थी, तब संसाधन नहीं थे और हमारे अख़बार का भविष्य भी अनिश्चित था। फिर भी, दृढ़ निश्चय, रचनात्मकता और लगातार प्रयास के माध्यम से हमने पाठकों तक पहुँचने और सार्थक प्रभाव डालने के तरीके खोजे। आज की तेज़ी से बदलती तकनीकी दुनिया में एल्विन टॉफलर ने सही कहा है कि जो पढ़ना और लिखना नहीं जानते, वे अप्रचलित हो जाएंगे। लेकिन यह केवल साक्षरता तक सीमित नहीं है;

हर व्यक्ति को अपने चारों ओर हो रहे तकनीकी परिवर्तनों को समझना और उन्हें आत्मसात करना होगा, अन्यथा पीछे रह जाएंगे। यह पुस्तक युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देती है: चुनौतियों को अपनाएं, नवाचारी सोच रखें और बदलते समय के अनुसार अपने भविष्य को आकार दें।”
एमआरआईआईआरएस के कुलपति प्रो. (डॉ.) संजय श्रीवास्तव ने कहा, “प्रत्येक व्यक्ति की पहचान केवल उनके शब्दों या कार्यों से नहीं बल्कि उनके द्वारा छोड़े गए सूक्ष्म प्रभावों से भी बनती है।

बोलने से पहले ही उनकी मौजूदगी प्रभाव डालती है। वर्षों से, श्री हरिवंश नारायण सिंह की प्रेरक व्यक्तित्व और दूरदर्शी नेतृत्व ने लगातार पीढ़ियों को प्रभावित किया है, सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया है और भारत में एडवोकेसी पत्रकारिता के क्षेत्र को आकार दिया है।”
श्री हरिवंश नारायण सिंह ने छात्रों के साथ एक संवादात्मक सत्र में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने सामाजिक बदलाव लाने में साहसिक विचारों और लगातार प्रयास की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने फ्रांस में हुई क्रांतियों जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला देते हुए बताया कि कैसे नए विचारों ने समाजों को आकार दिया और लोगों को प्रभावित किया। सत्र का संचालन प्रसिद्ध लेखक और मीडिया सलाहकार नवीन चौधरी ने किया, जिन्होंने लेखक की ओर से एक संक्षिप्त नोट पढ़ा और चर्चा को मार्गदर्शन प्रदान किया, जिससे भारत में एडवोकेसी पत्रकारिता के विकास और प्रभाव पर गहरी समझ मिली।

कार्यक्रम का समापन प्रो. (डॉ.) शिल्पी झा, डीन, स्कूल ऑफ मीडिया एंड ह्यूमैनिटीज़, द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों, योगदानकर्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और MRIIRS की मीडिया और संचार में अनुसंधान तथा मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

इस पुस्तक का अनावरण मानव रचना की मीडिया अनुसंधान को बढ़ावा देने और सामाजिक विकास में योगदान देने वाले जिम्मेदार संचार अभ्यास को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।

समय पर जांच से रोके जा सकते है आत्महत्या के मामलेफरीदाबाद, 10 सितंबर। बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के बीच मानसिक स्वास्थ...
11/09/2025

समय पर जांच से रोके जा सकते है आत्महत्या के मामले

फरीदाबाद, 10 सितंबर। बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के बीच मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी लगातार बढ़ रही हैं। कई बार ये इतनी गंभीर हो जाती हैं कि व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाता है।

ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में हर महीने ऐसे 10 से 15 मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि यह स्थिति केवल व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।

समय पर यदि जांच कराई जाए तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।

मनोचिकित्सक डॉ. परमवीर ने अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि आत्महत्या रोकी जा सकती है और समय पर सही मदद लेने से जीवन को बचाया जा सकता है। साथ ही यह दिन आत्महत्या से जुड़े सामाजिक मिथ को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बातचीत को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। परिवार और समाज की जिम्मेदारी है कि वे ऐसा माहौल तैयार करें, जहां व्यक्ति को सहारा और सकारात्मक ऊर्जा मिल सके।

इस साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम है “एक्शन के जरिए आशा जगाना” है। इसका अर्थ है कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास किसी की जिंदगी बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि मानसिक समस्याएं आम हैं, लेकिन मदद लेने में हिचकिचाना खतरनाक हो सकता है। परिवार और दोस्तों को चाहिए कि यदि किसी व्यक्ति में तनाव, अवसाद या आत्महत्या की प्रवृत्ति के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत चिकित्सकीय व भावनात्मक सहायता दिलाएं।

इस मौके पर लोगों ने विशेषज्ञ से सवाल जवाब भी किए। जिनका उन्होंने बखूबी जबाव दिया।

बदलाव हमारी कोशिश ट्रस्ट ने केनरा बैंक के माध्यम से प्रशिक्षण ले रही महिलाओं के साथ शिक्षक दिवस मनाया कहते हैं कि ज्ञान ...
05/09/2025

बदलाव हमारी कोशिश ट्रस्ट ने केनरा बैंक के माध्यम से प्रशिक्षण ले रही महिलाओं के साथ शिक्षक दिवस मनाया

कहते हैं कि ज्ञान कही भी किसी भी रूप में प्राप्त हो उसको जरूर हासिल करना चाहिए इस कहावत को चरितार्थ करते हुए केनरा बैंक ने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं

ये प्रशिक्षण शिविर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्य भी करता है इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को जुट बैग,सिलाई सिखाना,मोबाइल ठीक करना इसके अलावा और भी कार्यशाला आयोजित की गई है

शिक्षक दिवस के अवसर पर बदलाव हमारी कोशिश ट्रस्ट की संस्थापक सुषमा यादव ने केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री पयुष गोयल जी के निमंत्रण पर प्रशिक्षण केंद्र जाकर सभी महिलाओं से मुलाक़ात की और सभी महिलाओं का हौसला बढ़ाया सुषमा यादव ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी महिलाओं को प्रशिक्षण पुरा करने पर बधाई भी दी
साथ ही सभी महिलाओं को समझाया कि अभी तो ये शुरुआत है

जो कि केनरा बैंक ने प्रशिक्षण के माध्यम से आप सभी को प्रेरित किया है मंजिल अभी दूर है वहाँ तक का सफ़र आप को खुद ही तय करना होगा खुद को आत्मनिर्भर बनाना होगा तभी आप सब अपने बच्चों के लिए प्रेरणा बन पाओगी साथ ही खुद के लिए मजबूत सहारा बन पाओगी।
सुषमा यादव ने सभी महिलाओं को उनकी व्यक्तिगत समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी और सभी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन बांटे।

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