Bas u hi

Bas u hi दिल से निकली शायरी अलग अलग सायरो की जो आप को अपना वक्त याद दिलाएगी
दिल से पढ़ोगे तो फिर महबुबकी बाहों मैं ले जाएगी

13/05/2025

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मैं देखता ही रह गया चेहरा किताब कावो फाड़ करके ले गयी पन्ना किताब काचुपके-से मैंने उससे मिलायी थी जो नज़रफिर उसने भी बना...
22/03/2025

मैं देखता ही रह गया चेहरा किताब का
वो फाड़ करके ले गयी पन्ना किताब का

चुपके-से मैंने उससे मिलायी थी जो नज़र
फिर उसने भी बना लिया परदा किताब का

बूढ़े दुकानदार ने गुस्सा बहुत किया
हमने लगाया दाम जो आधा किताब का

या तो गुलाब दे रहे या दे रहे शराब
अब ख़त्म होता जा रहा क़िस्सा किताब का

उससे ज़रूर मिलना यारो ठहरके तुम
शौक़ीन हो अगर कोई बच्चा किताब का

10/03/2025

*रिश्तों की भी अपनी एक उम्र होती है,
*कुछ मरने तक चलते हैं, तो कुछ
जीते जी मर जाते हैं.* ✍️

किनारा क्या किया उससे किनारा छोड़ आया हूँउसी के हाल पर उसको यारों छोड़ आया हूँ उसे मुझसे बिछड़ने की मुबारकबाद तो दिजे मै...
31/01/2025

किनारा क्या किया उससे किनारा छोड़ आया हूँ
उसी के हाल पर उसको यारों छोड़ आया हूँ

उसे मुझसे बिछड़ने की मुबारकबाद तो दिजे
मैं पहले की तरह जिसको दुबारा छोड़ आया हूँ

सिवाए मेरे कोई और भी उसकी मुहब्बत है
उसे जिसके लिए सारे का सारा छोड़ आया हूँ

वो जब आईना देखेगा उसे शर्मिदगी होगी
मैं उसकी आँखों में ऐसा नज़रा छोड़ आया हूँ

मैं इक दिन चाँद से तर्क़े तालूक करके आया था
तो फिर अफसोस भी क्यूँ हो सितारा छोड़ आया हूँ

कोई मुझसे भी अच्छा मिल गया होगा उसे यारों
सहारा देके जिसको बे सहारा छोड़ आया हूँ ✍️

बहुत ख्वाहिश थी उसे अपना बनाने की... हकीकत कुछ यू थी कि हम दोनो किसी और के थे..✍️😡
23/01/2025

बहुत ख्वाहिश थी उसे अपना बनाने की...

हकीकत कुछ यू थी कि हम दोनो किसी और के थे..✍️😡

कहाँ आसान क़िस्तों में ये रंजोग़म निकलता है,तुम्हारा ज़िक्र भी हो तो हमारा दम निकलता है।।-------जो डूबा है मुहब्बत में उसे ...
19/01/2025

कहाँ आसान क़िस्तों में ये रंजोग़म निकलता है,
तुम्हारा ज़िक्र भी हो तो हमारा दम निकलता है।।
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जो डूबा है मुहब्बत में उसे क्या फ़िक्र सावन की,
मुहब्बत में तो इक जैसा हर इक मौसम निकलता है।।
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भला कैसे ये मुमकिन है वो बिक जाएगा चाँदी में,
ज़मी जिस पर वो बैठा है वहाँ नीलम निकलता है।।
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बहुत रोकर लिखें होंगे यारों उसने वो ख़त शायद,
कोई ख़त आज भी खोलूं तो काग़ज़ नम निकलता है।।🙏

एक बहाना अभी भी है मेरे पास जीने का,,एक तस्वीर मोबाईल में पड़ी है तेरी...!!
15/01/2025

एक बहाना अभी भी है मेरे पास जीने का,,
एक तस्वीर मोबाईल में पड़ी है तेरी...!!

मैं हर किसी से .,      मुहब्बत पे बहस करता हूँ....!!ये इक तरह से.,        तुझे सोचने की कोशिश है...!!
15/01/2025

मैं हर किसी से .,
मुहब्बत पे बहस करता हूँ....!!
ये इक तरह से.,
तुझे सोचने की कोशिश है...!!

11/10/2024
कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा मेरे जैसा यहाँ कोई न कोई रोज़ कम होगा तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका ह...
22/08/2024

कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा
मेरे जैसा यहाँ कोई न कोई रोज़ कम होगा

तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं
कि तू मिल भी अगर जाये तो अब मिलने का ग़म होगा

मोहब्बत नापने का कोई पैमाना नहीं होता ,
कहीं तू बढ़ भी सकता है, कहीं तू मुझ से कम होगा

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