28/05/2025
आदमी जब थकता है ना तो किसी का सहारा चाहता है, मांगे या ना मांगे!
चलते-चलते जब गिर जाता है तो उम्मीद करता है कि कोई उठा दे, कोई उठाए या ना उठाए!!
जब "बिखर" जाता है ना, तब वो किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता, मालूम है क्यों... क्योंकि, उसके "वहम" टूट चुके होते हैं!!!
जो जितनी जल्दी सीख जाएगा, वो उतनी जल्दी फिर से "जी" पाएगा।
रब्ब राख्खा।