19/09/2025
मैंने चाचा को सलाम किया और चची के साथ कमरे मे चली गई चची जान मुझे देख कर बहुत खुश हुई और कहने लगी अब मेरा परिवार पुरा हो गया है हम दोनों आपस मे बाते कर ही रहे थे की चचा जान ने आवाज़ दी सारी बाते तुम ही कर लोगी या मुझे भी करने दोगी कमरे मे क्या बाते कर रहे हो रुक्साना को यहाँ बाहर हॉल मे ही ले कर आ जाओ हम भी थोड़ी गुफ्त गु कर लेंगे चचा जान की बाते सुन कर चाची मुझे उनके पास हॉल मे ले गई और बोली तुम बैठ कर अपने चचा जान से बाते करो मै तुम्हारे लिए खाना ले कर आती हु चची जान के जाते ही चचा जान ने मेरा हाथ पकड़ लिया और हाथो को सहलाते हुए पूछने लगे रुकसाना तुम्हारा सफर कैसा रहा कोई तकलीफ तो नही हुई ना मै बोली नही चचा जान कोई तकलीफ नही हुई कहते हुए मैंने अपना हाथ पीछे खीच लिया और तभी चाची भी मेरे लिए खाना ले कर आ गई चाची ने चाचा जान से पूछा आपका भी खाना निकाल दु क्या तो उन्होंने कहा नही मै रुक्साना की थाली मे से ही दो निवाला खा लूंगा कहते हुए वो मेरे साथ मेरी थाली मे ही खाने लगे मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था फिर सोची कोई बात नही अपने ही तो है कोई पराये थोड़ी ना है