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(3)

जेठ जी ने फिर खाना मंगवाया और हम सब खा कर सो गए सुबह office के टाइम जब मैं जेठ जी को उठाने गई तो वो बोलने लगे मैं आज off...
24/08/2025

जेठ जी ने फिर खाना मंगवाया और हम सब खा कर सो गए सुबह office के टाइम जब मैं जेठ जी को उठाने गई तो वो बोलने लगे मैं आज office नही जाऊंगा मेरे सिर मे दर्द है मेरे पति office चले गए फिर मैं जब जेठ जी को खाना देने गई तो उन्होंने मुझे अपने पास बिठा लिया और बोले कल रात जब तुम सो रही थी तो तुम्हे कुछ अजीब सा लगा था क्या मैं बोली नही तो मैं तो नींद में थी तो मुझे कुछ पता ही नही चला लेकिन जब उठी तो मुझे लगा जैसे कि मेरे साथ किसी ने कुछ किया है जेठ जी बोले हा वो गलती से मुझसे ही हो गया था मैं एकदम से उठ खड़ी हुई और बोली क्या अपने? क्या किया था आपने मेरे साथ? वो बोले देखो जो भी हुआ अंजाने मे हुआ मुझे लगा तुम्हारी जेठानी सो रही हैं मुझे बिल्कुल भी एहसास नही था की तुम सो रही हो मेरे कमरे में

जेठ जी चुप हो गए मेरे पति ने कहा यार बहुत जोर की भूख लगी जल्दी से खाना निकाल दो फिर भइया से बोले आपने खाना खाया की नही भ...
24/08/2025

जेठ जी चुप हो गए मेरे पति ने कहा यार बहुत जोर की भूख लगी जल्दी से खाना निकाल दो फिर भइया से बोले आपने खाना खाया की नही भइया बोले नही अभी तो खाना बना भी नही है मेरे पति मुझ पर ग़ुस्सा करने लगे क्या कर रही थी जो अब तक खाना नही बना सो गई थी क्या मै बोली हा मेरी आँख लग गई थी अभी उठी हु इतने मे जेठ जी बोले अरे गुस्सा क्यो कर रहा है मैं खाना online मंगवा दूंगा तु मुझे ये बता तेरी भाभी अचानक क्यो चली गई अपने मायके वहाँ सब ठीक तो है ना मेरे पति बोले हा भइया वहाँ सब ठीक है उनके पापा की तबियत थोड़ी खराब हो गई थी तो उनकी माँ ने बुला लिया था उन्हें भाभी ने कहा है वो 2-3 दिन बाद आयेगी मेरे जेठ जी मेरी तरफ देख कर मंद मंद मुस्काने लगे मैं समझी ही नही वो क्यो मुस्का रहे है...

जेठ जी मुझे देखते ही एक दम से खड़े हो गए और बोलने लगे बहु तु यहाँ मेरे कमरे मे फिर मेरी लुगाई यानी तेरी जेठानी कहा है मै...
24/08/2025

जेठ जी मुझे देखते ही एक दम से खड़े हो गए और बोलने लगे बहु तु यहाँ मेरे कमरे मे फिर मेरी लुगाई यानी तेरी जेठानी कहा है मै बोली वो तो अपने मायके गई है आप कब आये और अपने मुझे जगाया क्यो नहीं जेठ जी चुप बैठ कर सोचने लगे तो मै bathroom मे चली गई bathroom करते हुए मुझे थोड़ा लगा की मेरे इज्जत के साथ कुछ हुआ है मै बाहर निकलकर जेठ जी से पूछने लगी आपके छोटे भाई आये थे क्या जेठ जी बोले मुझे नही पता मैंने नही देखा मै बोली वो जेठानी जी को छोड़ने गए थे उनके मायके बोले रात को लेट आयेंगे फिर मेरे जेठ जी थोड़े गुस्से में मुझसे पूछने लगे वो सब तो ठीक है बहु लेकिन मुझे ये बता तु मेरे कमरे मे क्या कर रही थी वो भी अपनी जेठानी की सारी पहन के मै बोली भाई जी ये सारी मुझे दीदी यानी जेठानी जी ने दी थी मुझे अपनी जैसी और उनके साथ रूम खेलते खेलते थक गई थी तो सो गई थी फिर जेठ जी बोले बहु अंजाने मे मुझसे आज बहुत बड़ी गलती हो गई मै पूछी क्या फिर जेठ जी कुछ बोलने ही वाले थे की इतने मे मेरे पति आ गए.....

Good Morning Friends mujhse dosti karoge
24/08/2025

Good Morning Friends
mujhse dosti karoge

गर्मी मे light चली गई पार्ट 3 दोस्तों मेरा नाम नेहा है और मैं पहले दो पार्ट में आपको बता चुकी हूं कि मेरे शादी के 2 साल ...
24/08/2025

गर्मी मे light चली गई पार्ट 3 दोस्तों मेरा नाम नेहा है और मैं पहले दो पार्ट में आपको बता चुकी हूं कि मेरे शादी के 2 साल हो चुके थे लेकिन अब तक मैं पति-पत्नी वाला सुख नहीं पा सकती थी मेरे घर के नीचे रहने वाला किराएदार अब अपनी हरकतें अच्छी तरह से दिखाना चालू कर दिया था और मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था ऐसा लग रहा था कि मैं अपने आप को पूरी तरह से इसके हवाले कर दूं लेकिन बस मुझे थोड़ी सी शर्म आ रही थी इसकी वजह से मैं सोने की नाटक कर रही थी रात के तकरीबन 11:00 बज रहे थे और तभी मेरा फोन भी बजने लगा जैसे ही एक घंटी बजी उसे लड़के ने झट से मेरा फोन लेकर उसे साइलेंट कर दिया ताकि मैं जग ना जाऊं लेकिन उसे क्या पता था कि मैं जाग रही हूं और यह सारी हरकतें महसूस कर रही हो मुझे यह देखना था कि फोन किसका आ रहा है उसके बाद फिर से मेरी फोन लगातार बजाना चालू हुआ था फोन पर फोन आया जा रहा था लेकिन उसने साइलेंट कर दिया जिसकी वजह से फोन की रिंग नहीं बज रही थी बस फोन आ रहा था और वह फोन किसी और का नहीं बल्कि मेरे पति का था मैं सोच की अच्छा हुआ इसलिए साइलेंट कर दिया अब बस मुझे नींद से जैन के नाटक करना था उससे पहले मैं सोच रही थी कि मैं कैसे दिन से जागूं क्या बोलूं इस या फिर मैं नींद में ही सोने का नाटक करती रहूं और इसे जो करना है वह करने दो लेकिन मुझे भी वह पल महसूस करना था और खुल के इंजॉय करना था अब मैं थोड़ी सी जैन का नाटक करी तो वह थोड़ा सा डर गया कि शायद मेरी रिएक्शन क्या होगा वह मेरे बगल में लेटा हुआ था और अपनी हरकतें कर रहा था इतने में मैं उसे बोली क्या कर रहे हो तो वह डर से हालात उसका खराब हो गया कि मैं क्या रिएक्शन करूंगी उसके बाद उसने बोला कि नहीं कुछ नहीं मैं तो बस ऐसे ही छत पर आया था गर्मी लग रही थी इसके वजह से तो मैं बोली डरो मत मुझे पता है तुम क्या हरकत कर रहे हो यहां पर तो उसने कहा नहीं मैं कुछ नहीं कर रहा था मैं तो देखा कि आपको इस अवस्था में लेते हुए तो मैं सोचा शायद आप नींद में हो इसलिए मैं आपको चद्दर डाल रहा था तो मैं बोली डरो मत मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी मुझे पता है तुम क्या कर रहे थे तो उसने कहा कि आप इतनी देर से सोने का नाटक कर रहे थे आप जाग रहे थे क्या मैं बोली नहीं मैं सो रही थी लेकिन तुम्हारी हरकतों की वजह से मेरी नींद खुल गई और मुझे पता चल गया तुम क्या हरकत कर रहे हो तो उसने कहा कि प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई अब मैं यह हरकत नहीं करूंगा प्लीज किसी को बताना मत मुझसे गलती हो गई और वह डर से बहुत ज्यादा घबरा रहा था क्योंकि उसकी उम्र कम था अभी वह पढ़ाई कर रहा था और उसने सोचा कि उसकी करियर खराब हो जाएगी अगर मैं किसी से कुछ बोलूंगी या पुलिस कंप्लेंट करूंगी तो मैं बोली अरे संजीव क्यों डर रहे हो मुझे पता है तुम क्या हरकत कर रहे थे और मुझे अच्छा लग रहा था इसीलिए मैं तुम्हारी यह हरकत पर तुम्हें रुकना नहीं चाह रही थी अब जब इतना आगे बढ़ ही चुके हो तो क्यों ना हम लोग खुलकर एंजॉय करें तो उसने कहा कि आप यह सब सच में बोल रहे हो या फिर मुझे जांच रहे हो कि मैं क्या बोल रहा हूं मैंने कहा नहीं यार ऐसा कोई बात नहीं है मेरे शादी का 2 साल हो चुका है लेकिन अभी तक मैं इन सब चीजों से पड़ी हूं तो उसने कहा क्यों भैया जी आपको खुश नहीं रखते क्या तो मैंने कहा नहीं खुश तो तब रखेंगे ना जब वह पूरी तरह से शारीरिक फिट हो वह तुम्हारे जैसे फिट नहीं है जैसे मेरे करीब आते हैं उनके टंकी का पानी निकल जाता है तो उसने कहा कोई बात नहीं भाभी जी आपने इतने टाइम अपना बर्बाद कर दिया लेकिन अब आपकी जवानी बर्बाद नहीं होगी अगर आप मेरा साथ दे तो हम लोग बहुत इंजॉय कर सकते हैं मैं बोलिए मैं चाहती नहीं थी यह सब करना लेकिन जब तुमने मेरे साथ यह हरकतें किया तो मुझे अच्छा लगा इसलिए मैं तुझे नहीं रोकी तो उसने कहा सच में भाभी जी आपको अच्छा लगा मैं जो यह कर रहा हूं मैं बोली हां बहुत अच्छा लग रहा है और अब मुझे रहा नहीं जा रहा है तुम जो करना चाह रहे हो खुलकर कर सकते हैं हम लोग तो उसने कहा कि ठीक है भाभी जी जब आपकी परमिशन है फिर मुझे किस बात का डर इतने में लाइट भी आ गई है और उसने कहा कि छत पर यह सब चीज सही नहीं है लाइट आ चुकी है क्यों ना हम लोग नीचे घर में जाकर आराम से इंजॉय करें इसके बाद क्या हुआ आगे की कहानी जानने के लिए पार्ट 4 पढ़े

पार्ट-4 गार्ड अंकल ने बोला अच्छा मलिक ने बुलाया है फिर तो इसे लेकर जाओ जल्दी मालिक को पता चला कि मेरी वजह से तुम्हें लेट...
24/08/2025

पार्ट-4 गार्ड अंकल ने बोला अच्छा मलिक ने बुलाया है फिर तो इसे लेकर जाओ जल्दी मालिक को पता चला कि मेरी वजह से तुम्हें लेट हो रही है तो मुझ पर भड़केंगे गुस्सा करेंगे बेटा जाओ और मालिक से मिल लो गार्ड अंकल ने मुझसे कहा मैं चंपा चाची के साथ में कोठी के अंदर गई जैसे ही चंपा चाची कमरे में घुसी मलिक ने आवाज लगाई अरे चंपा तू आज फिर खाना बनाने वाली लड़की लेकर नहीं आई तु तो आज ही लेकर आने वाली थी ना चंपा चाची ने बोला जी मालिक लेकर आई हूं ना फिर मुझे आवाज लगाते हुए चाची बोली अरे निशा बाहर क्यों खड़ी है आ भीतर आ साहब को नमस्ते कर मैंने शाहब को नमस्ते किया साहब ने कहा आओ अंदर बैठो चाची अपना काम करने जाने लगी तो साहब ने उन्हें रोका और कहा 2 मिनट पहले बैठ कर बात कर लेते हैं तुम साथ में रहोगी तो अच्छे से बात हो पाएगी चाची ने कहा ठीक है साहब बात कीजिए पूछे क्या पूछना है साहब ने पूछा क्या सब काम कर लेती हो मैंने कहा जी घर का सारा काम कर लेती हूं साफ सफाई से लेकर खाना बनाने तक मैं खुद ही करती हूं अपने घर में खाना अच्छे से बना लेती हु मैंने कहा हां जी खाना बनाने में आपको कोई शिकायत नहीं मिलेगा मालिक बोले ठीक है तो तुम आज से ही काम पर लग जाओ मैं तभी बोली मलिक मेरी तनखा कितनी होगी मुझे कितने पैसे मिलेंगे महीने की साहब ने कहा वैसे तो हम 3000 देते हैं बाकी तुम काम करो उसके बाद देखते हैं थोड़ा ऊपर नीचे कर देंगे मैंने कहा यह तो बहुत कम इतने में कैसे गुजारा होगा मलिक ने कहा काम भी तो ज्यादा नहीं है बस सुबह आना है और शाम को आना है मेरे पास पहले जो थी उसको भी मैं इतना ही देता था बाकी देख लो तुम्हारा काम अच्छा लगा तो और पैसे बढ़ा दूंगा चाची बोली कर ले मलिक अच्छे हैं पैसे बढ़ जाएंगे बाद में अगर काम अच्छे से करेगी तो मन लगाकर करियो काम फिर चाची ने कहा अभी तो एक घर पकडा है कुछ दिन काम करेगी तो इनके जान पहचान से और भी घर पकड़ लेगी दो-चार घर पकड़ लेगी तो 10 12000 आराम से कमा लेगी महीने के मैंने कहा ठीक है साहब मैं कर लूंगी काम चाची और मैं दोनों काम में जुट गए वैसे तो हम लोग एक साथी आ गए थे लेकिन मलिक ने बताया कि तुम खाना बनाओगी तो तुम एक घंटा लेट करके आना पहले तुम्हारी चाची आ जाएगी यह अपना साफ-सफाई का काम करें चली जाएगी उसके बाद 1 घंटे बाद तुम आ जाएगा ना और तुम खाना बनाकर चले जाना मैं बोली ठीक है सब बाकी आज का काम तो कर लो तुम साथ मिलकर हम दोनों किचन में गए चाची ने पहले बर्तन साफ कर दिया और मुझे समझा दिया कौन सा सामान कहां रखा है और कह दिया की मालिक से पूछ कर जो कहे वह खाना बना देना बाकी मैं जा रही हूं कमरे की सफाई करने ठीक है कुछ दिन ऐसे ही चला रहा हम दोनों अपने टाइम से जाते काम करके चले जाते हैं लगभग एक हफ्ता बीत गया मालिक ने मुझे कहा देख निशा तू काम तो अच्छा करती है अगर ऐसे ही करती रही तो तेरे पैसे मैं जरूर बढ़ा दूंगा बाकी अभी मैं तुझे बता दूं मेरे पड़ोस में जो लोग रहते हैं उन्हें भी खाना बनाने वाले की जरूरत है क्या तु उनके घर में भी काम करेगी मैं बोली जी सब कर लूंगी ना कमाने ही तो आई हूं अगर काम से जी चोरी करोगी तो पैसे कहां से मिलेंगे मलिक ने कहा बातें तू बहुत बड़ी-बड़ी करती है चल यहां काम खत्म कर ले फिर चलकर मैं बगल वाले से मिलवा देता हूं उनके यहां भी काम पकड़ लिया इस तरह करते-करते महीने भर के अंदर ही मैंने पांच घर पकर लिए और पांचो से मिलाकर लगभग मेरे पास ₹15000 आने लगे महीने के मैं बहुत खुश थी कि चलो पापा के सिरका का बोझ कम हो जाएगा अब जो पापा कमाएंगे उस से घर का खर्च चलाऊंगी और पूरे पैसे जमा करूंगी ताकि आगे भविष्य में मेरे काम आए यही सोचकर मैं काम करती गई लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी इज्जत पर दाग लगा दिया मैं खुद को कोसने लगी कि शायद मैंने थोड़े से पैसों के लालच में अपनी इज्जत को दाव पर रखे के यह ननौकरी पकड़ी थी पता नहीं मेरे इज्जत पर लगा हुआ दाग धूलेगा या नहीं कोई मेरा साथ देगा या नहीं यह बड़े-बड़े लोग गरीब की सुनेंगे भी या अपने सगे संबंधियों की सुनेंगे यही सोच सोच के मैं अंदर-अंदर घुटने लगी थी पापा भी मेरे मेरी किस्मत को देखकर रो रहे थे की कैसी किस्मत मेरी बेटी की मेरे लिए उसे काम करना पड़ रहा है वह भी अपनी इज्जत को दाव पर लगाकर मै ही बेवकूफ था जो मैंने अपनी इस फूल सी बच्ची को किसी और के घर भेजा काम करने के लिए.....पार्ट-

24/08/2025
मैं गहरी नींद में थी पूरे कमरे मे अंधेरा था वो मेरे पास आ गए मेरे बदन को छूने लगे मेरी थोड़ी नींद खुली मगर कमरे में अंधे...
23/08/2025

मैं गहरी नींद में थी पूरे कमरे मे अंधेरा था वो मेरे पास आ गए मेरे बदन को छूने लगे मेरी थोड़ी नींद खुली मगर कमरे में अंधेरा था मुझे समय का होश नही था मैं समझी रात हो चुकी हैं और मैं अपने पति की बाहों मे हु इसलिए मैं बेफ़िकर हो कर फिर से सो गई मेरे साथ नींद मे ही जेठ जी ने वो सब कर लिया और उठ कर बत्ती जला के हॉल मे बैठ गए कुछ देर बाद मुझे बाथरूम लगी तो मैं उठकर बाहर निकली मुझे देखकर जेठ जी चौक गए

आदत से मजबूर पार्ट 2 आदत से मजबूर इंसान और कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती यह बात तो आपने सुना ही होगा जैसे कि मैं पहले...
23/08/2025

आदत से मजबूर पार्ट 2 आदत से मजबूर इंसान और कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती यह बात तो आपने सुना ही होगा जैसे कि मैं पहले पाठ में बताई थी कि मेरी जीजा जी जो दिखने में बहुत ही ज्यादा भोले भाले और मासूम से थे वह मेरे साथ दरिंदगी का वह सपना देख रहे थे और मेरे मजबूरी का मौके का इतना बड़ा फायदा कोई उठा सकता है मैं सोची भी नहीं थी मेरे मां-बाप के गुजर जाने के बाद में आपको पहले ही बताई थी कि अपने दीदी और जीजा के पास चली गई रहने के लिए और उसे रात जो मेरे साथ हुआ वह मैं आपको पहले पाठ में बता चुकी हो कि मेरे जीजा जी रात के 2:00 बजे मेरे रूम में आ चुके थे और कैसे उन्होंने मेरे नींद में होने का फायदा उठाया उन्होंने पहले ही रात में सोने से पहले कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोली मिला दी थी जिसके वजह से मैं इतनी गहरी नींद में सो रही थी कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब वह रात के 2:00 बजे मेरे रूम में आ गए और जब उन्होंने मेरे सारे कपड़े धीरे-धीरे करके हटा दिए थे और मेरे ऊपर आकर लेट के अपनी मंजिल से मेरी मंजिल को टच करना चाह रहे थे तो उनके बाहर से मेरी नींद खुल गई थी और हम दोनों में बहस होना चालू हो गया था अब मैं आगे की कहानी बता रही हूंफिर जीजा जी मुझे कस के पकड़ लिया और फिर धक्का देकर मुझे बेड पर गिरा दिया उसके बाद वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करना चालू किया कि मैं सूची अब मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं बचा चिल्लाने के फिर मैं एक वर्ष चलाई दीदी बचाओ जैसे ही मैं चिल्लाना चालू की की उन्होंने मेरे मुंह पर अपना हाथ रख दिया और बोला ठीक है अगर तुम नहीं चाहती हो तो मैं जा रहा हूं लेकिन तुम बाद में पछताओगे इसीलिए कह रहा हूं मेरी बात मान जाओ मैं बोली मुझे यह सब में कोई इंटरेस्ट नहीं है अभी मैं बहुत छोटी हूं और मुझे इन सब चीजों के लिए फोर्स मत करो फिर मेरे जीजा जी उसे समय तो घर से चले गए लेकिन मुझे नहीं पता था कि मुसीबत अभी ताली नहीं है मेरे साथ आगे जो होने वाला था वह आपको बता रही हूं उन्होंने देखा जब सीधी उंगली से घी नहीं निकल रही है तो होली टीडी करनी पड़ेगी उन्होंने उसके बाद काफी समय तक मेरे साथ बहुत ही ज्यादा नॉर्मल बिहेव करने लगा जैसे कि उसे रात कुछ हुआ ही नहीं था और वह बहुत ही ज्यादा सीधा और शरीफ है मैं सोची जब वह सुधर गए तो दीदी को यह सब बात क्या ही बताओ नहीं तो दोनों में आपसी झगड़ा हो जाएगा मेरी वजह से तो इसलिए मैं यह सब बात अपनी दीदी को नहीं बताएं लेकिन उनके अंदर की दरिंदगीके बारे में मुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं था वह कभी कोल्ड ड्रिंक कभी चाऊमीन कभी कुछ कभी और सामान सब लेट थे बाहर से खाने पीने के लिए और दीदी को भी खिलाते थे मुझे भी खिलाते थे लेकिन मुझे नहीं पता था कि कब वह मुझे इन खाने-पीने की चीजों में एक ऐसी दवाई दे रहे थे जिसके वजह से मेरे हारमोंस में बहुत जल्दी बदलाव आए और मुझे यह सब चीज करने का मन करने लगे और उसे दवाई का असर धीरे-धीरे मेरे पर चालू हो गया मेरे शरीर में बहुत ही जल्दी ग्रोथ होना चालू हो गया मेरे हारमोंस में बहुत तेजी से बदलाव आने लगा अब मैं तकरीबन 14 साल की थी और उनके दवाई का असर बहुत ही ज्यादा हो रहा था जिसकी वजह से अगर मुझे कोई टच करता तो मुझे ऐसा लगता है कि वह मुझे और भी ज्यादा टच करने लगे लेकिन मुझे नहीं पता था यह सब चीज उनकी दवाई की वजह से हो रही है और फिर वह खाने पीने की जब भी चीज लाते हैं वह खाने के बाद मुझे रात को फिर भी बातचीत करने के बहाने सोने से पहले थोड़ी देर आकर के गलत जगह टच करते थे लेकिन मुझे अब अच्छा लगने लगा था अब मुझे पहले की तरह बुरा नहीं लग रहा था और मैं भी उनसे ज्यादा ही क्लोज आने लगी थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह सब चीज उनकी दवाई की वजह से हो रही है लेकिन उनकी दरिंदगी की बात तो तब मैंने देखी जब एक रात की बात थी मेरे दीदी के रूम से जोर-जोर से आवाज आ रही थी मैं सोची कि शायद वह दोनों आपस में पति-पत्नी वाला काम कर रहे हैं इसलिए आवाज आ रही है लेकिन इतनी तेज से आवाज तो आमतौर पर नहीं आती है तो आज इतनी तेज आवाज क्यों आ रही है मेरे जीजा जी ने मेरे दीदी को भी वह दवाई दे दे कर उनको भी इन चीजों की ऐसी लत लगा दी थी कि उन्हें भी भरपूर मात्रा में यह सब चाहिए थी और उनका प्लान भी मुझे पता ही नहीं था कि बहुत आगे तक की सोच रखी है उन्होंने जानबूझकर उसे कमरे का गेट खुला हुआ थोड़ा सा छोड़ दिया था ताकि मैं जाकर देख सकूं मैं जब आवाज सुनी तो मुझे रहा नहीं गया मैं सोचा जाकर एक बार देख लूं क्या चल रहा है रूम में तो मैं गेट पर हल्की सी झांकने लगी तो मैं अच्छी तो मेरी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई पति अपने पत्नी के साथ इस तरह का बिहेव कैसे कर सकता है क्योंकि वहां पर सिर्फ दीदी और जीजा जी नहीं थे वहां पर जीजा जी का दोस्त भी उसे रूम में उसे रात मौजूद था उनका दोस्त बहुत ही जवान खूबसूरत और हटा कटा था शायद वह जिम जाता होगा जिसके वजह से उसकी बॉडी बहुत ही जबरदस्त थी मेरे जीजा जी बगल में खड़े थे और दीदी और मेरे जीजा जी के दोस्त एक दूसरे के साथ क्रिकेट खेलने में लगे हुए थे जैसे ही उनका दोस्त दीदी से अलग होकर खराब हुआ तो मैं देखी कि उनका दोस्त के बल्ले बहुत ज्यादा बड़ा स्ट्रांग और मजबूत था और बहुत ज्यादा मोटा भी था इतने मोटे बल्ले से शायद दीदी बैटिंग कर रही थी जिसके वजह से इतनी तेज आवाज दूसरे रूम तक भी आ रही थी क्योंकि मेरे जीजा जी के बल्ले छोटे थे जिसके वजह से उनके साथ बैटिंग करने के समय ज्यादा तेज आवाज नहीं आ रही थी यही वजह थी कि दीदी की आवाज मेरे रूम तक सुनाई दे रही थी लेकिन मैं सोच रही थी कि यह सब चीज जीजा जी के आंखों के सामने हो रहा है शायद कहीं दीदी की बॉयफ्रेंड तो नहीं है लेकिन मुझे बाद में पता चला कि जीजा जी ने खुद लाया था उसे दीदी के साथ क्रिकेट खेलने के लिए और फिर दवाई का असर मेरे पर भी होना चालू हुआ और यह सब दृश्य देखकर के मुझे रहा नहीं जा रहा था क्योंकि रात में जीजा जी ने मुझे भी खाने-पीने में पता नहीं कहां पर यह दवाई ऐसी खिला दी थी जिसके वजह से मेरे अंदर भी भरपूर मात्रा में क्रिकेट खेलने का मन कर रहा था लेकिन अब मैं कैसे बोलूं रूम में दीदी पहले से बैटिंग कर रही है मैं नहीं जा सकती थी लेकिन मैं बाहर खड़ी होकर अपने हाथ से ही क्रिकेट खेलने की कोशिश कर रही थी दोस्तों आगे क्या हुआ यह जानने के लिए पार्ट

मेरे दोस्तों पर मुझे इतना यकीन हो गया था कि वह जहां कहीं मुझे जाने को बोलते मैं चली जाती जो कुछ भी करने को कहते हैं मैं ...
23/08/2025

मेरे दोस्तों पर मुझे इतना यकीन हो गया था कि वह जहां कहीं मुझे जाने को बोलते मैं चली जाती जो कुछ भी करने को कहते हैं मैं बिना सोचे समझे करने लगते हैं और साथ ही में हम सभी दोस्त मिलकर मस्ती इंजॉय भी बहुत करते थे उसमें लड़कियां और लड़के दोनों थे हमारे टीम में 2 लड़के और मुझे लगा कर चार लड़कियां थी हम सबकी दोस्ती बहुत ही अच्छी चल रही थी और मुझे नहीं लगा था कभी जिंदगी में कि मुझे इतने अच्छे दोस्त कभी मेरे इतने बड़े दुश्मन बन जाएंगे मुझे तो लगा था वह जो कुछ भी कर रहा है मेरे साथ दया भाव से कर रहे हैं दोस्ती के खातिर कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं था उन सब के पीछे एक मतलब था मकसद था बहुत बड़ा मकसद जैसे एक मछली को फसाने के लिए थोड़ा-थोड़ा में दाना डालते हैं ठीक उसी तरह उन लोगों ने मुझे फसाने के लिए थोड़ा थोड़ा प्यार दिखाया थोड़ी-थोड़ी मदद की और मैं उनके जाल में फस्ती चली गई मुझे इतना भरोसा हो गया उन पर कि मैं खुलकर उनके साथ रहने लगी सब कुछ अच्छा चल रहा था कि तभी एक दिन अचानक मेरी एक सहेली का फोन आया जो की रोती रोती मुझे फोन करती है कि मैं बहुत ही परेशानी में हूं बहुत तकलीफ में हूं क्या तुम मेरे घर आ सकती हो वैसे तो हम लोग बाहर ही मिलते थे या फिर मेरे घर पर लेकिन पहली बार उसने अपने घर पर मुझे बुलाया था पहली बार उसने मुझसे मदद मांगी थी तो मैंने मना नहीं किया मै दौड़ी चली गई उसके घर जाकर के देखी तो मेरी सहेली और उसकी मां दोनों बैठकर रो रहे थे मेरी सहेली ने बताया उसके पापा की तबीयत बहुत ही खराब है बहुत सीरियस कंडीशन है उसका ऑपरेशन होना है लेकिन पैसे नहीं है उनके पास में इतने सारे मैंने कहा तुम्हारे पास पैसे की क्या कमी तुम तो मेरी खुद इतनी मदद करती हो फिर भी तुम्हे पैसों की कमी पड़ गई उसने कहा अगर थोड़े बहुत पैसे की बात होती तो मैं इतना नहीं घबराती लेकिन उन लोगों ने मुझे पूरे 10 लख रुपए मांगे हैं मैं इतना रुपए कहां से लाकर दूंगी इतने पैसे तो मेरे पास है भी नहीं और अगर सबसे मांगती फिरू तो भी इतने पैसे इतनी जल्दी इकट्ठे नहीं हो पाएंगे फिर मैंने कहा तो इसमें मैं क्या मदद कर सकती हूं बता अगर मैं तेरे कुछ काम आ सकूं तो मेरी सहेली ने कहा देख एक सेठ है उसके पास जाना है मुझे पैसे के लिए वही एक है जो इतने पैसे हमे दे सकता हैं लेकिन अकेले जाने में मुझे थोड़ा डर लग रहा है इसलिए तू मेरे साथ चलेगी क्या मैंने कहा हां बिल्कुल क्यों नहीं तूने मेरे लिए इतना कुछ किया है तो मैं तेरे साथ तो चल सकती हू चल कहां जाना किसके पास जाना है और मैं चल दी उसके सेठ के पास जिससे उसे पैसे मांगने थे मुझे बिल्कुल भी अंदेशा नहीं हुआ कि यह सब मेरे खिलाफ एक चाल थी एक साजिश थी मुझे किसी अमीर आदमी के चक्कर में फसाने की मेरी भावनाओं के साथ इस तरह से लोग खिलवाड़ करेंगे किसी ने सोचा भी नहीं होगा अगले पार्ट में आपको बताऊंगी कि सेठ के पास जाने के बाद क्या-क्या हुआ उसने मेरे साथ क्या-क्या किया और मैं कैसे मजबूर हो गई उसके साथ सब कुछ करने को

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