
11/07/2025
उसकी सुंदरता के पीछे कौन होता है…
एक विवाहित स्त्री जो आपको आकर्षक और सुंदर लगती है — वो सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से नहीं, बल्कि उसके जीवन में मौजूद उस पुरुष के प्रेम, आदर और समर्पण की वजह से भी होती है।
कभी गौर कीजिए, वो स्त्री जो सजी-संवरी है, मुस्कुरा रही है, अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा तरो-ताज़ा लग रही है — उसके पीछे कोई ऐसा पुरुष होता है जिसने उसे "रानी" बनाकर रखा है। उसने सिर्फ उसे घर की जिम्मेदारी नहीं दी, बल्कि उस जिम्मेदारी के साथ उसकी आज़ादी, उसकी इच्छाएं, उसका आत्मसम्मान और उसका स्त्रीत्व भी संभाला है।
वो पुरुष शायद खुद अपने लिए बहुत कुछ ना करता हो। कई बार हफ्तों तक शेव न करना, अपने पुराने कपड़ों में संतुष्ट रहना, लेकिन त्योहारों पर पत्नी के लिए साड़ी, चूड़ियां, सिंदूर, या उसका मनपसंद गहना लेना नहीं भूलता। उसका प्रेम शब्दों में कम और कर्म में अधिक दिखता है।
ऐसे पुरुष अक्सर खुद को पीछे रखकर चाहते हैं कि जब उनकी पत्नी किसी समारोह में जाए, तो लोग उसे देखकर कहें — “वाह! कितनी सुंदर महिला है… कितनी ग्रेसफुल… उसकी किस्मत कितनी अच्छी है।” पर कोई नहीं जानता कि उस किस्मत को किसने संजोया है।
एक स्त्री कई लोगों के जीवन में क्षणिक आकर्षण बन सकती है — उसकी मुस्कान, उसकी आंखें, उसकी चाल कई दिलों को धड़कने पर मजबूर कर सकती हैं। लेकिन उसे अपने जीवन की “रानी” बनाकर रखने वाला, उसकी हर ख्वाहिश का ध्यान रखने वाला, उसकी भावनाओं को समझने वाला पुरुष ही असल मायनों में प्रेमी होता है।
कभी ध्यान से देखिए उन स्त्रियों को जिनके विवाह सफल नहीं रहे, या जिनके पति उन्हें छोड़कर चले गए — उनकी आंखों की उदासी, उनकी त्वचा की थकावट, उनके चेहरे की खोई चमक बहुत कुछ कह देती है। एक स्त्री का सौंदर्य, आत्मविश्वास और ऊर्जा तब ही पूरी होती है जब उसे किसी का साथ, किसी की परवाह, और सबसे बढ़कर, किसी का सम्मान मिलता है।
हर महिला, चाहे वो कितनी भी जिम्मेदार, सशक्त या आत्मनिर्भर हो — उसे भी यह महसूस करवाया जाना चाहिए कि वो सिर्फ एक गृहिणी नहीं, बल्कि इस घर की रानी है। उसकी भी अपनी पहचान है, अपनी इच्छाएं हैं। अगर वो पूरे परिवार की धुरी है, तो उसे भी केंद्र में रखकर स्नेह दिया जाना चाहिए।
याद रखिए — जब आप किसी शादीशुदा महिला के बारे में कहते हैं कि "उसे देखकर ये नहीं लगता कि वो शादीशुदा है या बच्चों की मां है", तो इसके पीछे उसका आत्मनियंत्रण, संयम और नियमित देखभाल तो है ही, पर उससे भी बढ़कर एक ऐसे पुरुष का भावनात्मक योगदान होता है जिसने उसे एक स्त्री बने रहने दिया है।
वो पुरुष जो अपने छोटे-छोटे त्यागों से, अपने गहरे स्नेह से, अपनी नज़र से नहीं बल्कि अपने व्यवहार से उसे खास महसूस करवाता है।
पिता के बाद, वही पति होता है जो एक स्त्री के लिए सच में सबसे अमीर होता है। #हिन्दीब्लॉग #हिंदीकहानी 😍 #दिलसे #देसीकहानी