14/05/2025
🔱 पंचमुखी हनुमान जी के 5 मुख:
पूर्व मुख – वानर मुख (Hanuman): संकटों से रक्षा करता है।
दक्षिण मुख – नरसिंह: दुश्मनों का नाश करता है।
पश्चिम मुख – गरुड़: नागदोष, विष और कालसर्प दोष से रक्षा करता है।
उत्तर मुख – वाराह: भौतिक सुख और समृद्धि देता है।
ऊर्ध्व मुख – हयग्रीव: विद्या, ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
🙏 पंचमुखी हनुमान जी की पूजा विधि:
1. स्थान का चयन करें:
शुद्ध और शांत जगह पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। मुंह पूर्व दिशा की ओर हो।
2. शुद्धता:
स्वयं स्नान करें और सफेद या केसरिया वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को शुद्ध जल और गंगाजल से पवित्र करें।
3. पूजन सामग्री:
लाल फूल, लाल चंदन, सिंदूर (श्रीफल पर चढ़ाने वाला)
दीपक (देशी घी का)
धूप, कपूर
पान, सुपारी, नारियल
तुलसी, गुग्गुल (अगरबत्ती)
4. आरंभिक मंत्र:
"ॐ श्रीगणेशाय नमः" से आरंभ करें
"ॐ हनुमते नमः"
"ॐ पंचमुखाय हनुमते नमः" का जाप करें
5. पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करें:
यह कवच अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। संकटमोचन और रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है।
6. हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
विशेषकर मंगलवार, शनिवार या अमावस्या को करें।
7. भोग अर्पण:
गुड़, बूंदी, लड्डू, या चने का प्रसाद चढ़ाएं।
8. आरती:
हनुमान आरती करें – "आरती कीजै हनुमान लला की"
🌟 पंचमुखी हनुमान जी की पूजा के लाभ:
भूत-प्रेत बाधा और काले जादू से रक्षा होती है।
शत्रु नाश और कोर्ट-कचहरी से मुक्ति।
कालसर्प दोष, नाग दोष, और विष प्रभाव से मुक्ति।
धन-संपत्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
बुद्धि, शक्ति, और आत्मविश्वास में वृद्धि।
रोगों से रक्षा और स्वास्थ्य लाभ।
मंत्र सिद्धि और आध्यात्मिक उन्नति।