10/07/2025
*“जनसंख्या विस्फोट: अब भी समय है संभलने का”*
हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) द्वारा की गई थी, ताकि जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित किया जा सके। वर्ष 2025 की थीम — “The Answer is Education” — इस बात को रेखांकित करती है कि शिक्षा ही वह सशक्त माध्यम है, जो जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और समावेशी विकास की राह खोलता है।
📌 भारत और जनसंख्या का परिदृश्य:
भारत आज विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है। जहां एक ओर यह हमारी श्रमशक्ति और युवा जनसंख्या का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह हमारे संसाधनों, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा व्यवस्था, रोजगार और पर्यावरण पर भारी दबाव भी डाल रहा है। भीड़भाड़, बेरोजगारी, कुपोषण, झुग्गी-झोपड़ियां, जल संकट और प्रदूषण जैसी समस्याएं तेज़ी से जनसंख्या वृद्धि का ही परिणाम हैं।
🎯 शिक्षा ही समाधान क्यों?
विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम “उत्तर है शिक्षा” इस बात को दर्शाती है कि जब नागरिक शिक्षित होते हैं, तो वे न केवल अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज के प्रति भी संवेदनशील बनते हैं। खासकर महिलाओं की शिक्षा को यदि प्राथमिकता दी जाए, तो जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की जा सकती है। शिक्षित महिलाएं विवाह, मातृत्व और परिवार नियोजन जैसे निर्णय समझदारी से लेती हैं।
🏥 सरकारी प्रयास और योजनाएं:
भारत व पंजाब सरकार द्वारा कई परिवार कल्याण और जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जैसे कि मिशन परिवार विकास, जननी सुरक्षा योजना, अंतरा योजना, माला-एनआई योजना, और मुक्त साधनों की आपूर्ति। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
हालाँकि, ये सभी प्रयास तभी सफल हो सकते हैं जब समाज सहयोग करे और जनसंख्या नियंत्रण को केवल सरकार की जिम्मेदारी न समझे। यह एक सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है।
🧭 क्या कर सकता है आम नागरिक?
• अपने बच्चों को शिक्षा दें, खासकर लड़कियों को।
• परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी लें और उन्हें अपनाएं।
• विवाह की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी बातों को गंभीरता से लें।
• समाज में जागरूकता फैलाएं और मिथकों को दूर करें।
• स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
🗣️ निष्कर्ष:
विश्व जनसंख्या दिवस केवल एक दिन मनाने का विषय नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — कि यदि जनसंख्या की रफ्तार पर अभी लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले वर्षों में जीवन की गुणवत्ता, प्राकृतिक संसाधनों और मानव विकास सभी खतरे में पड़ सकते हैं।
शिक्षा ही वह दीया है, जो अज्ञानता के अंधकार को मिटा सकता है और संतुलित, स्वस्थ, और जागरूक समाज की नींव रख सकता है।
प्रेषक
सुशील कुमार, ब्लॉक मास मीडिया प्रभारी
सीएचसी खुईखेड़ा, फ़ाज़िल्का
9855620015