16/09/2025
जर्मनी की एक स्टार्ट-अप कंपनी ने मौत को मात देने का एक बेहद अनोखा तरीका खोजा है। यह कंपनी क्रायो-प्रिजर्वेशन सर्विसेज दे रही है, जिसमें यह वादा किया जाता है कि फ्यूचर में जब टेक्नोलॉजी बढ़ेगी, तो इन फ्रीज लाशों को फिर से जीवित किया जा सकेगा।
₹1.8 करोड़ में पूरा शरीर, ₹67.2 लाख में सिर्फ दिमाग 'टुमारो बायो' नाम की यह कंपनी डेड बॉडी को फ्रीज करने के लिए करीब ₹1.8 करोड़ और सिर्फ ब्रेन को फ्रीज करने के लिए ₹67.2 लाख चार्ज करती है। इस प्रोसेस में बॉडी को माइनस 198 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाता है, जिससे डिकंपोजीशन प्रोसेस हमेशा के लिए रुक जाती हैं। इसे 'बायोस्टैसिस' की स्थिति कहा जाता है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उनका विजन है ‘एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां लोग चुन सकें कि वे कब तक जीना चाहते हैं। अब तक टुमारो बायो ने 6 लोगों और 5 पालतू जानवरों का क्रायो-प्रिजर्वेशन किया है। 650 से अधिक व्यक्तियों ने इस सर्विसेज के लिए पेमेंट किया है और अपने फ्रीज होने का इंतजार कर रहे हैं।
डेड बॉडी फ्रीज करने का प्रोसेस क्या होता है? यह कंपनी व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत बाद क्रायो-प्रिजर्वेशन प्रोसेस शुरू करती है। इसके लिए यूरोपियन शहरों में स्पेशल एम्बुलेंस डेड बॉडी को स्विट्जरलैंड के मेन सेंटर तक ले जाती हैं। इसके बाद, शरीर को एक अलग स्टील कंटेनर में लिक्विड नाइट्रोजन से भरकर माइनस 198 डिग्री सेल्सियस पर दस दिनों तक रखा जाता है, ताकि जरूरी फ्रीजिंग टेम्प्रेचर मेंटेन किया जा सके।