
17/05/2025
10 मई को हुए भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम के महज चार दिन बाद ही 14 मई को लेह में ड्यूटी पर तैनात 22 वर्षीय जवान मनीष कुमार PAK की गोलीबारी में शहीद हो गए। यह न सिर्फ संघर्ष विराम की भावना का खुला उल्लंघन है, बल्कि हमारे देश की संप्रभुता पर भी सीधा हमला है।
शहीद मनीष कुमार का बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारे जवान हर क्षण जान की बाज़ी लगाकर देश की रक्षा कर रहे हैं — जबकि दुश्मन संघर्षविराम जैसे समझौतों को बार-बार रौंदता है।
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