
02/07/2025
“युक्ति युक्त बात तो बालक की भी मान लेनी चाहिए युक्ति से च्युत को तृण (तिनके) के समान त्याग देना चाहिए, चाहे वह ब्रह्मा ने ही क्यों न कही हो।” - पावन योगविशिष्ठ
हिरण्यगर्भ वाल्मीकि व्योम के इस कथन पर हमें गहन विचार करने की आवश्यकता है।
अफसोस की हम इस ज्ञान को मात्र पढ़ने तक सीमित है, अपने जीवन में अपनाने से कोसों दूर है।
क- कर्ता हे जगत के सुन लो मेरी टेर, आप ही करो दयालुता कमियों का हुॅं ढ़ेर।।