26/09/2024
केंद्र सरकार ने 156 कॉकटेल दवाओं पर लगाया प्रतिबंध, कई आपके घर में भी हो सकती हैं
केंद्र सरकार ने 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इन दवाओं का उपयोग आमतौर पर बालों के विकास, त्वचा की देखभाल, दर्द से राहत, मल्टीविटामिन, एंटीपैरासिटिक्स, एंटीएलर्जिक्स जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। ये दवाएं एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई जाती हैं, और इन्हें 'कॉकटेल' दवाएं कहा जाता है।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिश
सरकार की ओर से जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इन 156 FDC दवाओं का उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है, जबकि इनके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने इन दवाओं की समीक्षा की और इन्हें तर्कहीन पाया। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने भी इस सिफारिश का समर्थन करते हुए कहा कि इन दवाओं का चिकित्सा विज्ञान के हिसाब से कोई ठोस आधार नहीं है।
प्रभावित फार्मा कंपनियां
हालांकि अभी तक दवा निर्माताओं ने प्रतिबंध के आर्थिक असर की घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रमुख फार्मा कंपनियां जैसे सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन के कुछ उत्पाद इस प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।
कौन सी दवाएं हैं शामिल?
प्रतिबंधित दवाओं की सूची में कई ऐसी दवाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग लोग आमतौर पर घरों में करते हैं। कुछ कंपनियों ने पहले ही इन दवाओं का उत्पादन बंद कर दिया था। उदाहरण के लिए, मुंहासों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन और एडैपेलीन के संयोजन को पहले ही बंद कर दिया गया था।
इस सूची में एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट, जो एक लोकप्रिय दर्द निवारक दवा है, पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, पैरासिटामोल + पेंटाज़ोसीन, जिसका उपयोग दर्द से राहत के लिए होता है, को भी इस सूची में शामिल किया गया है। अन्य संयोजनों में लेवोसेटिरिज़िन + फेनिलेफ्राइन, मैग्नीशियम क्लोराइड, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के मिश्रण भी शामिल हैं।