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30/07/2025






‘‘क्या हुआ पीयूष ? कुछ बताओगे ? अरे बॉस को सैलरी मिलती है डांटने की, उसने अपनी नौकरी पक्की की। हम हैं आम आदमी, परिवार वा...
08/07/2025

‘‘क्या हुआ पीयूष ? कुछ बताओगे ? अरे बॉस को सैलरी मिलती है डांटने की, उसने अपनी नौकरी पक्की की। हम हैं आम आदमी, परिवार वाले। रोटी कमाने आते हैं। उसकी बातों को शर्ट पर गिरे कीड़े की तरह फूँक मार दे ब ऽ ऽ ...।'’ अंकित ने कहा ।

‘‘हे गाइ़ज! व्हाट्स गोइन ऑन ? लंच हो गया ? बॉस के साथ जरा बाहर निकलना है। पीयूष, तुम जरा देख लेना।'’ विनय ने चहकते हुए कहा।

पीयूष ने बेरुखी से कहा,‘‘मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मे बी लीव अर्ली।'’

‘‘यार ये क्या है! हमेशा लड़कियों की तरह तुम्हारी तबीयत क्यों बिगड़ जाती है ?’’' विनय ने कटाक्ष किया।

‘‘ओए! व्हाट डू यू मीन बाई लड़कियों की तरह ?’’ परमजीत बिगड़ी।

विनय ने अपना ब्लेजर चढ़ाते हुए सख्ती से कहा, ‘‘मैंने जो कहा, मेरा मतलब भी वही है स्वीटी... सी यू।'’

विनय के तेवर बता रहे थे कि आज बॉस उस पर मेहरबान है। पीयूष को आज डांट पड़ी थी तो आज विनय के लिए मौका भी था और दस्तूर भी।

‘‘अंदर जाकर हवनकुंड के अंदर कपूर डाल आया होगा कमीना!’' अंकित ने कहा।

तभी शुभो ने अंकित को कोहनी मारकर उसे चुप रहने का इशारा किया। आजकल परमजीत विनय की खासमखास है।
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*स्पेशल थाली- कहानी: सुजाता राज्ञी*

गुलमोहर साहित्य वार्षिकी -2025



07/07/2025







07/07/2025





झारखंड की जय माला की कहानियां सभी चर्चित पत्रिकाओ में स्थान पा चुकी हैं‌। 'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी में भी उनकी कहानी श...
06/07/2025

झारखंड की जय माला की कहानियां सभी चर्चित पत्रिकाओ में स्थान पा चुकी हैं‌। 'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी में भी उनकी कहानी शामिल हो रही है।

कहानी में सांप्रदायिक आंच की तपिश में आई दो पड़ोसिनों की कथा है, जिनकी साझा दीवार और दांत काटी रोटी थी। लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद बदलते समीकरणों के बीच दोनों के पति उनके आपसी संबंधों का ताना-बाना खत्म कर देते हैं। छतों से पापड़, अचार, सब्ज़ी का लेन-देन ओर आटे-पैसे का उधार बंद हो जाता है।

सांप्रदायिकता का विष केसे जहर बनकर फैलता है, यही दर्शाना कहानी का विषय है!

लेखिका का सहज कहन पाठक को बरबस बांध लेता है।



05/07/2025



'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी अपनी शानदार रचनाओं से पाठकों के बीच अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही है।पाठकों के र...
05/07/2025

'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी अपनी शानदार रचनाओं से पाठकों के बीच अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही है।

पाठकों के रोज ही संदेश मिल रहे हैं कि गुलमोहर पत्रिका चाहिए!

प्रसन्नता है कि इसका तीसरा अंक अगस्त में लाने की तैयारी है। पिछले दो अंकों की भी काफी मांग रहती हैं। इनके प्रिंट हमारे पास खत्म हैं और ऑनलाइन पढ़ने के लिए नि: शुल्क उपलब्ध हैं।

https://drive.google.com/file/d/1kPTSz0rfnQRtChrRjvhFhEsoj-X0PRuq/view?usp=drivesdk



अपनी पुस्तक मिलने पर एक लेखक की सहज और स्वाभाविक प्रतिक्रिया। धन्यवाद डॉ. गीतू धवन!ऐसे कॉम्प्लीमेंट्स हमारा उत्साह बढ़ात...
12/06/2025

अपनी पुस्तक मिलने पर एक लेखक की सहज और स्वाभाविक प्रतिक्रिया।

धन्यवाद डॉ. गीतू धवन!

ऐसे कॉम्प्लीमेंट्स हमारा उत्साह बढ़ाते है।


आने वाला कविता संग्रह नेपाल से डॉ. करुणा झा का है।।संग्रह हमारी सही इकाई पाखी प्रकाशन से जल्द आ रहा है।
10/06/2025

आने वाला कविता संग्रह नेपाल से डॉ. करुणा झा का है।।

संग्रह हमारी सही इकाई पाखी प्रकाशन से जल्द आ रहा है।


बहुत प्रसन्नता की बात है कि शुभदा बुक्स  से दो वर्ष पहले आए डॉ. Upma Sharma के उपन्यास का दूसरा संस्करण  जल्दी ही आ रहा ...
06/06/2025

बहुत प्रसन्नता की बात है कि शुभदा बुक्स से दो वर्ष पहले आए डॉ. Upma Sharma के उपन्यास का दूसरा संस्करण जल्दी ही आ रहा है।

इस उपन्यास की कहानी पर एक फिल्म बनाने की भी सूचना मिली है।

लेखिका को बहुत बधाई और शुभकामनाएं!


26/05/2025






26/05/2025





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