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22/09/2025



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आनेवाला नया उपन्यास: "मानव– दीप से दीप जले" लेखक: भागीरथि बेहेरा हिंदी अनुवाद: डॉ. संघमित्रा राएगुरुएक शिक्षक…  दो विद्य...
20/09/2025

आनेवाला नया उपन्यास: "मानव– दीप से दीप जले"

लेखक: भागीरथि बेहेरा
हिंदी अनुवाद: डॉ. संघमित्रा राएगुरु

एक शिक्षक…
दो विद्यार्थी… और आकस्मिक घटनाएं, कड़ी चुनौतियां!

🌧️ बारिश, खाली क्लासरूम, और अधूरी कहानियाँ…
"मानव" एक संवेदनशील और प्रेरणादायक उपन्यास जो शिक्षक जीवन की बारीकियों को छूता है।





19/09/2025
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19/09/2025




बच्चन की मधुशाला आज से 90 वर्ष पहले 1935 में रची गई थी।उस समय की तुलना में आज का मनुष्य अधिक अकेला है और कहीं अधिक उलझा ...
16/09/2025

बच्चन की मधुशाला आज से 90 वर्ष पहले 1935 में रची गई थी।

उस समय की तुलना में आज का मनुष्य अधिक अकेला है और कहीं अधिक उलझा हुआ।

'बनी जिंदगी मधुशाला' के छंद मनुष्य की पीड़ाओं, उसकी आकांक्षाओं, उसकी निराशाओं और अधूरी प्यास को स्वर देती है।

यह पुस्तक न तो पुरानी मधुशाला की नकल है और नहीं उसके चरणों की अनुगामी।

यह उस परंपरा से निसृत एक समकालीन प्रयास है, एक नई आत्मा और नई दृष्टि के साथ।
वरिष्ठ कवि गीतकार एवं अधिवक्ता- श्री दिनेश कुमार शर्मा 'कौत्स' का यह तीसरा काव्य संग्रह है।

लेखक को बहुत बधाई!





कल जो तीन नई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, उसमें औरंगाबाद (बिहार) से प्रतिभाशाली रचनाकार अल्पना सिंह का कहानी संग्रह 'पिया ...
14/09/2025

कल जो तीन नई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, उसमें औरंगाबाद (बिहार) से प्रतिभाशाली रचनाकार अल्पना सिंह का कहानी संग्रह 'पिया बसंती रे' महत्वपूर्ण पुस्तक है।

अल्पना जी लंबे समय से लिख रही हैं और उनके अंदर एक संपूर्ण उपन्यासकार की योग्यता है। यदि आप लंबी कहानियां पढ़ने के इच्छुक हैं तो इस पुस्तक पर विचार जरूर करें।

पुस्तक अमेजॉन पर जल्द ही उपलब्ध करा दी जाएंगी।

शेष दो पुस्तकों का विवरण कल दिया जाएगा।







14/09/2025





एक पत्रिका में विविध लेखकों, विधाओं, शैलियों और विषयों का संगम मिलता है, तो वह केवल एक संग्रह नहीं रह जाती, वह बन जाती ह...
10/09/2025

एक पत्रिका में विविध लेखकों, विधाओं, शैलियों और विषयों का संगम मिलता है, तो वह केवल एक संग्रह नहीं रह जाती, वह बन जाती है अनुभवों की एक समृद्ध यात्रा।

यही अनुभव देती है 'गुलमोहर साहित्य वार्षिकी', जो हर वर्ष साहित्य प्रेमियों के लिए लेकर आती है कहानियों, लेखों, कविताओं, व्यंग्यों, संस्मरणों, यात्रा-वृत्तांतों और विमर्श की एक समर्पित सौगात। एक ही जगह कई लेखकों की आवाज़, दृष्टिकोण और संवेदनाएं।

अंक 2025 शीघ्र आ रहा है।
अपना प्रति आरक्षित करें।




तीसरे वर्ष में प्रवेश करते हुए, हम साहित्य के उन साधकों को प्रणाम करते हैं, जो न शोर माँगते हैं.... न प्रचार—सिर्फ गहराई...
07/09/2025

तीसरे वर्ष में प्रवेश करते हुए, हम साहित्य के उन साधकों को प्रणाम करते हैं, जो न शोर माँगते हैं.... न प्रचार—सिर्फ गहराई और प्रतिबद्धता।

इस वर्ष भी आपके पास आ रही है— विचारों, संवेदनाओं और रचनात्मकता से भरपूर 'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी–2025

शुभदा बुक्स और पाखी प्रकाशन के इस संयुक्त प्रकाशन में पढ़िए :
दस से ज्यादा कहानियाँ, लेख-आलेख, कविताएं, लघुकथाएं, व्यंग्य, यात्रा-वृत्तांत, उपन्यास अंश और भी बहुत कुछ....
सजग दृष्टि, निर्भीक लेखनी और सुसंस्कृत संपादन दृष्टिकोण के साथ।

शब्दों का यह गुलमोहर जल्द ही नमूदार होगा।

* #गुलमोहर_2025 #साहित्य_वार्षिकी

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