09/08/2025
सपा सांसद एसटी हसन ने ऐसा बयान दे डाला, जिसने साबित कर दिया कि इनके लिए मजहब ही सबसे ऊपर है, इंसानियत नहीं
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली गांव में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने सैकड़ों जिंदगियों को तबाह कर दिया....सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, प्रशासन....सब राहत और बचाव में दिन-रात जुटे हैं... लेकिन इस दर्दनाक माहौल में भी समाजवादी पार्टी का चेहरा फिर से बेनकाब हो गया....... हसन ने कहा....धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाने से यह आपदा आई है....उत्तराखंड और हिमाचल में दूसरे मजहब का सम्मान नहीं हो रहा....यानि ये साफ-साफ धमकी है कि अगर मस्जिद या दरगाह पर बुलडोजर चलेगा तो अल्लाह का कहर आएगा.....अब सवाल ये है कि अखिलेश यादव, क्या आप इस बयान से सहमत हैं?.... आपकी पार्टी का सांसद आपदा को भी मजहबी खांचे में बांट रहा है, और आप चुप हैं। क्यों?....क्या सपा की आधिकारिक सोच यही है कि अवैध ढाचों पर कार्रवाई करने का मतलब है मुसलमानों का अल्लाह ‘कहर’ बरपा देगा?....अगर एसटी हसन की सोच को मान लिया जाए तो फिर तुर्कीए में आए भूकंप, पाकिस्तान में आई बाढ़, मक्का में भगदड़, यमन-सीरिया-ईरान-इराक की तबाही—ये सब क्या था?....वहां तो हिंदू नहीं रहते, तो फिर अल्लाह ने वहां अपने ही मानने वालों पर कहर क्यों बरपाया?.....या फिर सच ये है कि एसटी हसन और इनके जैसे नेताओं का मकसद हर बात को हिंदू विरोध और मुस्लिम तुष्टीकरण में मोड़ना है....
ये वही एसटी हसन हैं जिनका इतिहास हिंदू धर्म, परंपरा और आस्था के अपमान से भरा पड़ा है....जुलाई 2025 में कांवड़ यात्रा को आतंक से जोड़ दिया....हिंदू आबादी घटाने के बयान का समर्थन किया, मुस्लिम आबादी बढ़ाने की वकालत की और संसद को धार्मिक जलसा बता कर हिंदू संस्कृति को नीचा दिखाया....सवाल उठता है कि अखिलेश यादव ने इनको अब तक पार्टी से निकाला क्यों नहीं?.... क्या इसलिए क्योंकि ये वही बातें कह रहे हैं जो सपा के वोटबैंक को रास आती हैं?
बीजेपी नेताओं ने इस बयान को शर्मनाक बताया है... भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सपा के वोटबैंक की घटिया राजनीति आज आपदा में भी दिख रही है....मुख्तार अब्बास नक़वी ने एसटी हसन पर जमकर हमला बोला और कहा कि जब पूरा देश दुआ मांग रहा है, ये बद्दुआ दे रहे हैं.... वहीं भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि एसटी हसन का बयान आपदा को मजहबी खांचे में बांटना जख्मों पर नमक-मिर्च छिड़कने जैसा है... लेकिन बात सिर्फ बयान की नहीं है… बात मानसिकता की है....ये वही मानसिकता है जो कश्मीर में आतंकवादियों के जनाजे में भीड़ जुटाती है, जो पाकिस्तान के लिए आंसू बहाती है, जो तुर्कीए के लिए चंदा इकट्ठा करती है, लेकिन भारत में हिंदू आस्था को देखकर जलती है....
ये वही सोच है जो कहती है कि अगर हमारे मजहब का सम्मान नहीं करोगे, तो अल्लाह का कहर आएगा....धराली की आपदा प्राकृतिक थी, लेकिन सपा ने इसे भी राजनीतिक और मजहबी रंग दे दिया... जब पीड़ितों को रोटी, कपड़ा, दवा और छत की जरूरत है, तब सपा के नेता जहर उगल रहे हैं....इससे साफ है कि इंसानियत इनकी डिक्शनरी में नहीं है… सिर्फ वोटबैंक है, सिर्फ मजहब है....तो आज देश पूछ रहा है कि अखिलेश यादव, क्या आप एसटी हसन की सोच से सहमत हैं?....क्या सपा के लिए हिंदू आस्था पर हमला करना ही राजनीति है?....क्या मुसलमानों का वोट पाने के लिए आप आपदा पर भी जहर उगलना जायज़ मानते हैं?....धराली के जख्म अभी ताज़ा हैं… और सपा ने उन पर राजनीति का तेज़ाब डाल दिया है...