NAYAK Bhartiya Nayak

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23/09/2025

Buldozer Express शुरू तो मुसलमानों से होता है, और खतम दलित, आदिवासियों तक!

21/09/2025

Farmers और छोटे Business Man का गला घोंट| Pakistan से Cricket खेला गया| सिर्फ शहीदों को धोखा नहीं|

नमस्कार दोस्तों। आज हम बात करेंगे एक ऐसे सवाल की, जो हर भारतीय के मन में घूम रहा है।
एक तरफ हमारे किसान और छोटे व्यापारी, जो देशभक्ति के नाम पर पाकिस्तान से व्यापार बंद करने को मजबूर हो गए। और दूसरी तरफ? हमारे माननीय नेता, जो उसी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैचों की बातें करते हैं। पुलवामा हमले के जख्म अभी ताजा हैं, सैनिकों का खून सूखा भी नहीं, लेकिन नीति? वो तो वैसी ही बनी हुई है।

सबसे पहले, व्यापार का मामला। 2019 में पुलवामा अटैक के बाद, सरकार ने चिल्ला-चिल्ला कर कहा – "बॉयकॉट पाकिस्तान!" हुर्रे! लेकिन ये बॉयकॉट किसने झेला? हमारे सीमावर्ती किसानों ने, जो अपनी फसलें – प्याज, टमाटर, सब्जियां – पाकिस्तान एक्सपोर्ट करते थे। छोटे व्यापारियों ने, जिनका रोजगार उसी ट्रेड पर टिका था। आज भी, वो बेचैन हैं। ब्याज के कर्ज चुकाने को तरस रहे हैं। देशभक्ति का नाम लेकर उनकी जिंदगी क्यों दांव पर?

अब सुनिए दूसरी तरफ की कहानी। वही पुलवामा, वही पाकिस्तान – जिसने हमारे 40 जवान शहीद कर दिए। लेकिन क्या हुआ? क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच हो गया। चीयर्स, स्टेडियम फुल, और टीवी पर लाइव! (हाथ फैलाकर व्यंग्य से) अरे भाई, हमला तो आतंकवाद है, लेकिन क्रिकेट? वो तो 'सॉफ्ट डिप्लोमसी' है ना? अगर व्यापार बंद करना देशभक्ति है, तो क्रिकेट खेलना क्या है? दोस्ती? या फिर, बस वोट बैंक की राजनीति?

दोस्तों, ये नीति कैसी है? एक तरफ 'सर्जिकल स्ट्राइक' की गर्जना, दूसरी तरफ चुप्पी। पाकिस्तान से व्यापारिक 'द्रोह' को तो सजा मिल गई – हमारे किसानों को। लेकिन असली द्रोह? वो तो बॉर्डर पर जारी है। और ऊपर से, हिंदुत्व के नाम पर ये सब?
किसान कब तक तंग जाएंगे? छोटे व्यापारी कब तक बर्बाद होंगे? ये तानाशाही जैसी लगती है – जहां राजा के मन में जो आए, वही हो। जनता की आवाज? वो तो दबा दी जाती है।

पुलवामा के बाद भी मैच, लेकिन व्यापार बंद। इसका मतलब साफ है – नीति नहीं, नाटक है। असली देशभक्ति तो सीमावर्ती इलाकों के लोगों को मजबूत बनाना है, न कि उन्हें कुचलना।

दोस्तों, ये सवाल सिर्फ मेरा नहीं, आपका भी है। क्या हम ऐसे ही चलते रहेंगे? कमेंट बॉक्स में बताएं – ये नीति बदलनी चाहिए या नहीं? लाइक, शेयर करें, और जागरूक रहें। क्योंकि असली देशभक्ति, आवाज उठाने से शुरू होती है। धन्यवाद। जय हिंद!

21/09/2025

Farmers और छोटे Business Man का गला घोंट| Pakistan से Cricket खेला गया| सिर्फ शहीदों को धोखा नहीं|

नमस्कार दोस्तों। आज हम बात करेंगे एक ऐसे सवाल की, जो हर भारतीय के मन में घूम रहा है।
एक तरफ हमारे किसान और छोटे व्यापारी, जो देशभक्ति के नाम पर पाकिस्तान से व्यापार बंद करने को मजबूर हो गए। और दूसरी तरफ? हमारे माननीय नेता, जो उसी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैचों की बातें करते हैं। पुलवामा हमले के जख्म अभी ताजा हैं, सैनिकों का खून सूखा भी नहीं, लेकिन नीति? वो तो वैसी ही बनी हुई है।

सबसे पहले, व्यापार का मामला। 2019 में पुलवामा अटैक के बाद, सरकार ने चिल्ला-चिल्ला कर कहा – "बॉयकॉट पाकिस्तान!" हुर्रे! लेकिन ये बॉयकॉट किसने झेला? हमारे सीमावर्ती किसानों ने, जो अपनी फसलें – प्याज, टमाटर, सब्जियां – पाकिस्तान एक्सपोर्ट करते थे। छोटे व्यापारियों ने, जिनका रोजगार उसी ट्रेड पर टिका था। आज भी, वो बेचैन हैं। ब्याज के कर्ज चुकाने को तरस रहे हैं। देशभक्ति का नाम लेकर उनकी जिंदगी क्यों दांव पर?

अब सुनिए दूसरी तरफ की कहानी। वही पुलवामा, वही पाकिस्तान – जिसने हमारे 40 जवान शहीद कर दिए। लेकिन क्या हुआ? क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच हो गया। चीयर्स, स्टेडियम फुल, और टीवी पर लाइव! (हाथ फैलाकर व्यंग्य से) अरे भाई, हमला तो आतंकवाद है, लेकिन क्रिकेट? वो तो 'सॉफ्ट डिप्लोमसी' है ना? अगर व्यापार बंद करना देशभक्ति है, तो क्रिकेट खेलना क्या है? दोस्ती? या फिर, बस वोट बैंक की राजनीति?

दोस्तों, ये नीति कैसी है? एक तरफ 'सर्जिकल स्ट्राइक' की गर्जना, दूसरी तरफ चुप्पी। पाकिस्तान से व्यापारिक 'द्रोह' को तो सजा मिल गई – हमारे किसानों को। लेकिन असली द्रोह? वो तो बॉर्डर पर जारी है। और ऊपर से, हिंदुत्व के नाम पर ये सब?
किसान कब तक तंग जाएंगे? छोटे व्यापारी कब तक बर्बाद होंगे? ये तानाशाही जैसी लगती है – जहां राजा के मन में जो आए, वही हो। जनता की आवाज? वो तो दबा दी जाती है।

पुलवामा के बाद भी मैच, लेकिन व्यापार बंद। इसका मतलब साफ है – नीति नहीं, नाटक है। असली देशभक्ति तो सीमावर्ती इलाकों के लोगों को मजबूत बनाना है, न कि उन्हें कुचलना।

दोस्तों, ये सवाल सिर्फ मेरा नहीं, आपका भी है। क्या हम ऐसे ही चलते रहेंगे? कमेंट बॉक्स में बताएं – ये नीति बदलनी चाहिए या नहीं? लाइक, शेयर करें, और जागरूक रहें। क्योंकि असली देशभक्ति, आवाज उठाने से शुरू होती है। धन्यवाद। जय हिंद!

प्यार का इज़हार आसान शब्दों में!, 😂
18/09/2025

प्यार का इज़हार आसान शब्दों में!, 😂

17/09/2025

UP Bihar में बेरोज़गारी चरम पर| दूसरे राज्यों में जान जोखिम में डाल| जीविका चलाने पर मजबूर प्रवासी|

आज हम एक ऐसी सच्चाई पर बात करेंगे, जो हमारे देश की एकता को चुनौती देती है। एक ऐसी हकीकत, जो हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वाकई एक राष्ट्र hain

यूपी और बिहार – हमारे देश के दो ऐसे राज्य, जहां बेरोजगारी अपने चरम पर है। लाखों लोग, अपने परिवार का पेट पालने, अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए, अपने गांव-घर छोड़कर देश के कोने-कोने में रोजगार की तलाश में भटकते हैं।

UP-बिहार के बेरोजगारी के आंकड़े, जैसे "यूपी में बेरोजगारी दर 7.4%, AUR बिहार में 7.2% (2023-24 लेकिन क्या मिलता है इन मेहनतकश लोगों को? सम्मान? नहीं! अवसर? नहीं! उन्हें मिलता है भेदभाव, तिरस्कार और अपमान।

कभी पंजाब से आवाज उठती है – "बिहारियों को भगाओ!" कभी ओडिशा से नारा गूंजता है – "यूपी-बिहार के लोगों को बाहर निकालो!" महाराष्ट्र में भी यही कहानी – "इन बाहरी लोगों को जगह मत दो!" अरुणाचल, असम, हर जगह एक ही स्वर – "यूपी-बिहारियों को भगाओ!"

सवाल ये है – क्या गलती है इन लोगों की? क्या ये लोग इस देश के नागरिक नहीं? क्या इनका हक नहीं कि वे अपने देश में कहीं भी काम करें, जीविका कमाएं?

लेकिन दुख की बात ये है कि हालात और बिगड़ते हैं जब उनकी अपनी सरकारें भी उन्हें पराया जैसा व्यवहार करती हैं। बिहार में कहा जाता है – "अपना कागज दिखाओ!" जैसे ये लोग विदेशी हों। और यूपी में कभी-कभी आवाज उठती है – "मुसलमानों को भगाओ!" जैसे धर्म या क्षेत्र के आधार पर कोई इस देश का हिस्सा नहीं।

दोस्तों, ये क्षेत्रवाद की दीवारें हमें बांट रही हैं। हम भूल जाते हैं कि यूपी-बिहार के ये लोग वही हैं, जो दिल्ली की सड़कें बनाते हैं, मुंबई के दफ्तरों को चमकाते हैं, पंजाब के खेतों में पसीना बहाते हैं। ये लोग हमारे देश की रीढ़ हैं।
फिर क्यों हम उन्हें पराया समझते हैं? क्यों हम उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे इस देश के नहीं?

हमें याद रखना होगा – भारत एक है। हमारी ताकत हमारी एकता में है। रोजगार हर नागरिक का हक है, चाहे वो किसी भी राज्य से हो, किसी भी धर्म से हो। हमें इन दीवारों को तोड़ना होगा – नफरत की, भेदभाव की, क्षेत्रवाद की।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएं, जहां हर नागरिक को सम्मान मिले, जहां हर मेहनतकश को उसका हक मिले।

दोस्तों, ये बदलाव हमसे शुरू होता है। अपने आसपास के लोगों को समझाएं, एकता का संदेश फैलाएं। क्योंकि जब तक हम एक नहीं होंगे, हमारा देश वो ताकत नहीं पा सकता, जिसका वो हकदार है। धन्यवाद। जय हिंद! [स्क्रीन पर कॉल टू एक्शन: "इस संदेश को शेयर करें। एकता के लिए आवाज उठाएं।"

17/09/2025

आज ही के दिन पैदा हुए थे, देश के संपत्तियों को अपने दोस्तों को थमाने वाले देश के पीएम नरेंद्र मोदी!
Happy birthday Modi जी

17/09/2025

NAYAK को youtube पर Subscribe कीजिए, उसके बाद इस वीडियो का लुत्फ लीजिए!

17/09/2025

सेठ जी आ गए, मालिक जी आ गए,

16/09/2025

सस्ते Tail सेठों को| महंगे Tail भक्तों को| ये कहानी है रूस के सस्ते तेल की| Modi जी के दोस्तो और अंध भक्तों की!

15/09/2025

बीजेपी प्रवक्ता से तीखे सवाल करने का गोदी मीडिया को किसने हक दिया? पूछता है भक्त!

15/09/2025

BAP Hindu Muslim Card खेलता है, बेटा India Pakistan Mach! बाप देश भक्ति, बेटा देश द्रोही?

15/09/2025

शायद Operation Sindoor को और कामयाब बनाने के लिए Amit Shah का बेटा पाकिस्तान के साथ भारत की क्रिकेट मैच कराने जा रहा हैl बाप हिंदू मुस्लिम खेल रहा है, बेटा इंडिया पाकिस्तान!

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