15/10/2025
Taliban हो या बड़ा से बड़ा अपराधी, बलात्कारी नेता, हाथ मिलाते ही सारे पाप साफ़ |
मोदी सरकार की दोहरी नीति: घर में मुसलमानों से नफरत, बाहर तालिबान से यारी!
नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे उस सच्चाई की, जो भारत की राजनीति और विदेश नीति की पोल खोल देती है। सालों से हम देख रहे हैं कि कैसे कुछ लोग, कुछ नेता, मुसलमानों को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। तालिबान को आतंकवादी कहकर, इस्लाम के खिलाफ जहर उगल-उगलकर, हर टोपी-दाढ़ी वाले को आतंकवादी की नजर से देखा गया। भारत में हिंदुओं को मुसलमानों से डराकर दंगे करवाए गए, वोट बैंक बनाए गए। मुसलमानों की लिंचिंग हुई, नफरत की आग में देश को डुबो दिया गया। लेकिन अब, जब दुनिया के देश भारत से मुंह मोड़ रहे हैं, पड़ोसी देश दोस्ती से इंकार कर रहे हैं, और मोदी जी को बॉयकॉट का सामना करना पड़ रहा है, तो वही तालिबान, वही अफगानिस्तान, जिसके नाम पर मुसलमानों को गालियां दी गईं, आज जबरदस्ती दोस्त बनाया जा रहा है। हिंदुत्व का ढोल पीटने के बाद दुनिया ने मोदी जी को किनारे कर दिया, और अब वही मुस्लिम देश – सऊदी अरब, यूएई, और हां, तालिबान भी – इनके लिए मसीहा बन गए हैं! शर्म नहीं आती? दिन-रात मुसलमानों को कोसने वाले आज उन्हीं के भरोसे अपनी दुनिया नीति चला रहे हैं। आइए, इस दोहरे चरित्र को बेपर्दा करते हैं!
घर में नफरत, बाहर दोस्ती का नाटक
पहले बात घर की। बीजेपी और उसके नेताओं ने मुसलमानों के खिलाफ नफरत की सियासत को हथियार बनाया। 2022 में पैगंबर साहब पर अपमानजनक टिप्पणियों के बाद मुस्लिम देशों ने भारत को लताड़ा। लेकिन क्या बदला? कुछ नहीं! लिंचिंग, दंगे, और घृणा भरे भाषणों का सिलसिला जारी रहा। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने 2023 में कहा कि मोदी सरकार मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर रही। बीजेपी ने इसे 'पाखंड' बताया, लेकिन सच तो दुनिया देख रही है। संसद में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं, लेकिन विदेशी मेहमानों के सामने मुस्लिम नेताओं को दिखावे के लिए बुलाया जाता है। ये कैसी सियासत है? घर में मुसलमानों को वोट के लिए बदनाम करो, और बाहर मुस्लिम देशों से दोस्ती का ढोंग रचो!
विदेश नीति का पाखंड
अब बात विदेश नीति की। 2025 में भारत के पड़ोसी देशों से रिश्ते खराब हो रहे हैं। बांग्लादेश में उथल-पुथल से भारत का साड़ी व्यापार ठप्प। पाकिस्तान के साथ एशिया कप मैच पर बॉयकॉट की मांग। तुर्की और अजरबैजान पर भारत में बॉयकॉट की बात, क्योंकि वे पाकिस्तान के साथ हैं। चीन के साथ आर्थिक तनाव। ऐसे में मोदी सरकार की नजर कहां गई? मुस्लिम देशों पर! 10 अक्टूबर 2025 को विदेश मंत्री जयशंकर ने तालिबान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की। भारत काबुल में दूतावास फिर से खोल रहा है – चार साल बाद! तालिबान के मंत्री ने दारुल उलूम देवबंद का दौरा किया, और 'मजबूत रिश्तों' की बात की। वही तालिबान, जिसे कल तक आतंकवादी कहा जाता था, आज 'विकास साझेदारी' और 'आतंकवाद विरोधी सहयोग' का दोस्त बन गया है। एक्स पर लोग इसे खुला पाखंड बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "मोदी-तालिबान की दोस्ती हितों की शादी है, हाइपोक्रिसी की मिसाल है।"
अरब देशों की दोस्ती, लेकिन घर में घृणा क्यों?
और सिर्फ तालिबान ही नहीं, अरब देशों के साथ भी रिश्ते चमक रहे हैं। 2025 में भारत-सऊदी अरब के आर्थिक संबंध नई ऊंचाई पर हैं। मोदी जी की रियाद यात्रा ने इसे और मजबूत किया। भारत-अरब दुनिया के रिश्ते ट्रस्ट और व्यापार पर टिके हैं। गाजा शांति वार्ता में भारत की भूमिका बढ़ रही है। लेकिन सवाल यह है – अगर मुस्लिम देशों से दोस्ती इतनी जरूरी है, तो अपने देश के मुसलमानों से नफरत क्यों? इरान, मलेशिया, तुर्की जैसे देशों ने भारत की नीतियों की आलोचना की, लेकिन सऊदी, यूएई जैसे देश साथ दे रहे हैं। तो फिर घर में ये नफरत का खेल क्यों?
सत्ता का खेल या देश का नुकसान?
मोदी सरकार की तालिबान से दोस्ती पर सवाल उठ रहे हैं। 'द वायर' में लिखा गया कि यह 'इंगेजमेंट' भले ही हो, लेकिन इसमें छह बड़ी समस्याएं हैं। पाकिस्तान ने भी भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर ऐतराज जताया। एक्स पर एक यूजर ने सटीक कहा, "मोदी सरकार ने भारतीय मुसलमानों को तालिबान समर्थक बताकर बदनाम किया, लेकिन आज खुद तालिबान से यारी कर रही है।" यह दोहरा चरित्र देश को कहां ले जाएगा? नफरत की सियासत से देश कमजोर होता है। अगर मुसलमान दुश्मन नहीं, तो घर में घृणा क्यों? और अगर विदेश में मुस्लिम देश जरूरी हैं, तो ये पाखंड क्यों?
एक सवाल, बेशर्मों के लिए
दोस्तों, आखिरी सवाल उन बेशर्मों के लिए, जो दिन-रात मुसलमानों को गालियां देते हैं, उन्हें आतंकवादी बताते हैं। आज जब दुनिया ने आपको किनारे कर दिया, तो वही मुस्लिम देश, वही तालिबान, वही अरब आपके काम आ रहे हैं। शर्म नहीं आती? अपनी सत्ता और नीति चलाने के लिए उसी मुस्लिम दुनिया का सहारा ले रहे हो, जिसे तुमने बदनाम किया। भारत सबका है – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सबका। नफरत छोड़ो, एकजुट हो जाओ। क्योंकि नफरत की आग में सिर्फ देश जलता है। जागो, भारत! समय है, सच्चाई को अपनाने का। धन्यवाद!