U for Uttarakhand

U for Uttarakhand Devbhumi देवभूमि Uttarakhand उत्तराखण्ड Land of the Gods
uforuttarakhand Uttarakhand is a state in the northern part of India.

The interim capital of Uttarakhand is Dehradun


Uttarakhand
It is often referred to as the Devbhumi (literally "Land of the Gods") due to the many Hindu temples and pilgrimage centres found throughout the state. Uttarakhand is known for its natural beauty of the Himalayas, the Bhabhar and the Terai. On 9 November 2000, this 27th state of the Republic of India was created from the Himalayan and

adjoining northwestern districts of Uttar Pradesh.[4] It borders the Tibet Autonomous Region, China on the north; the Mahakali Zone of the Far-Western Region, Nepal on the east; and the Indian states of Uttar Pradesh to the south and Himachal Pradesh to the northwest. The state is divided into two divisions, Garhwal and Kumaon, with a total of 13 districts. The interim capital of Uttarakhand is Dehradun, the largest city in the region, which is a railhead. The High Court of the state is in Nainital. Country- India
Region-North India
Established-9 November 2000

Capital-Dehradun
Largest city-Dehradun
Districts-13. Languages spoken Hindi
Garhwali
Kumaoni
Urdu
Punjabi
Jaunsari
Bhoti
Raji
Rathi/Salani
Nepali
Hindi
Sanskrit

24/08/2025

टिहरी जिले के थाना कैम्पटी क्षेत्रांतर्गत गांव सैंजी में कुछ बाहरी व्यक्तियों द्वारा फ़ायरिंग की जा रही थी जिसमें तीन - चार बदमाश पकड़ लिए गए हैं एवं एक बदमाश जंगल की ओर भाग गया है जिसे पकड़ा जा रहा हें , ये लोग दो गाड़ियां लेकर आए थे ! लड़की का मामला बताया जा रहा है। जिसमें एक गाड़ी nexon HR 26 FU 1480 एवं दूसरी गाड़ी hyundai xcent UK 07 BR 3995 हैं मौक़े पर पुलिस बल मौजूद है अग्रिम कार्रवाई की जा रही है

पवित्र पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ...... वंशीनारायण ऐसा मंदिर जो केवल रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है...देवभूमि उत...
09/08/2025

पवित्र पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ......

वंशीनारायण ऐसा मंदिर जो केवल रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है...

देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद के उर्गम घाटी में 12 हजार फीट की अधिक ऊंचाई पर उच्च हिमालई क्षेत्र में स्थित यह वंशीनारायण मंदिर है। यह मंदिर पंच केदारों में से एक कल्पेश्वर केदार से कुछ दूरी पर ग्राम कलगोठ के पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर पांडव कालीन माना जाता है। मंदिर कत्यूर शैली में निर्मित है। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में मनुष्य को पूजा करने का अधिकार सिर्फ एक दिन के लिए ही है। माना जाता है कि इस मंदिर में नारद 364 दिन भगवान नारायण की पूजा करते हैं और केवल एक दिन ही मनुष्य यहां पूजा कर सकता है।

यह मंदिर आम जनों हेतु पूरे साल में केवल रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है। पौराणिक मान्यता है कि जब राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपने द्वारपाल बनने का आग्रह किया तो नारायण ने स्वीकार कर उनके साथ पाताललोक चले गए, तब माता लक्ष्मी नारायण की खोजबीन करते हुए नारद ऋषि के पास पहुंची, नारद जी ने उन्हे बताया कि भगवान विष्णु पाताललोक में राजा बलि के यहां है, यदि माता आप श्रावण माह की पूर्णिमा को पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधे, इसके बदले नारायण को वापस मांग सकते हो, माता ने यही किया और भगवान विष्णु पाताल लोक से मुक्त हुए।

मान्यता है कि मां लक्ष्मी के साथ नारद ऋषि भी पाताल लोक गए, उनकी अनुपस्थिति में उस दिन पूजा गांव के ही एक पुजारी द्वारा की गई। माना यह भी जाता है की इस मंदिर से पाताल लोक के लिए रास्ता है इसी मार्ग से भगवान विष्णु आए और यहां वंशी नारायण मंदिर में भगवान विष्णु ने दर्शन दिए थे। तब से ही यह प्रथा चली की रक्षा बंधन के दिन यहां विष्णु भगवान की बड़ी ही धूमधाम से पूजा कर उन्हें राखी बांधते हैं।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🙏
लेखन ✍️©️ प्रशांत मैठाणी ©️

06/08/2025
05/08/2025

कुछ ऐसा था धराली

05/08/2025

भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा कि आज दोपहर करीब 1:45 बजे हर्षिल स्थित भारतीय सेना के कैंप से लगभग 4 किलोमीटर दूर धराली गांव के पास भूस्खलन हुआ। भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 150 कर्मियों को घटनास्थल पर भेजा,जो 10 मिनट के भीतर वहां पहुंच गए और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 15-20 लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बाहर निकाला गया है और घायलों को हर्षिल में भारतीय सेना की मेडिकल सुविधा में तुरंत इलाज दिया जा रहा है। खोज और बचाव कार्य जारी है और फंसे हुए बाकी लोगों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और भारतीय सेना प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

05/08/2025
05/08/2025

उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल-धराली में आई आपदा के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर किए जारी।

01374-222126, 222722
9456556431



05/08/2025

बादल फटने के बाद उत्तरकाशी के धराली में क्या हैं हालात देखिए.

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140603

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