Drx. Rakesh Ranjan

Drx. Rakesh Ranjan मेरा व्यक्तित्व मैं हूं। और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता हैं।

आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो कर दिखाया, जिसका इंतज़ार पूरे देश को था — पहली बार महिला विश्व कप जीतकर भारत का नाम स्...
02/11/2025

आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो कर दिखाया, जिसका इंतज़ार पूरे देश को था — पहली बार महिला विश्व कप जीतकर भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया!

यह सिर्फ़ एक खेल की जीत नहीं, बल्कि हर उस भारतीय बेटी की जीत है जो अपने सपनों को आसमान देना चाहती है।

हमारी “वूमेन इन ब्लू” ने हिम्मत, अनुशासन और जुनून की मिसाल पेश करते हुए साबित किया है कि भारत की बेटियाँ अब इतिहास नहीं, भविष्य लिख रही हैं।

यह जीत हर उस माँ की है जिसने अपनी बेटी को मैदान तक पहुँचाने का साहस दिया — और हर उस बेटी की, जिसने अपने खेल से राष्ट्र को गौरवान्वित किया।

टीम इंडिया की सभी खिलाड़ियों और देशवासियों को हार्दिक बधाई!

💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙


27/10/2025

सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन “ऊषा अर्घ्य” की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.!!🙏

 #अंधविश्वास ने पूरा परिवार उजाड़ डाला 😭 #अत्यंत_दुःखद_घटना....जिला मिर्जापुर "थाना कछवा" अंतर्गत सेमरी ग्राम निवासी छात...
26/10/2025

#अंधविश्वास ने पूरा परिवार उजाड़ डाला 😭

#अत्यंत_दुःखद_घटना....
जिला मिर्जापुर "थाना कछवा" अंतर्गत सेमरी ग्राम निवासी छात्र नेता BHU श्री हरिश्चन्द्र बिन्द जी का पूरा परिवार उजड़ गया।
दो बच्चे एवं पत्नी की मृत्यु की खरब अत्यंत दुखदाई है
इस दुख की घड़ी में हम सब उनके साथ हैं एवं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं 🙏🙏🙏

सुख के दीप जले, घर आंगन में खुशहाली हो.! बड़ों का आशीर्वाद और अपनों का प्यार मिले.!! ऐसी आपकी मंगल दीवाली हो.! दीपावली क...
20/10/2025

सुख के दीप जले, घर आंगन में खुशहाली हो.!
बड़ों का आशीर्वाद और अपनों का प्यार मिले.!!

ऐसी आपकी मंगल दीवाली हो.!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.!! 🪔

20/10/2025

आप सभी को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।
आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का दीप प्रज्वलित करें। 💫❣️🙏

09/10/2025

"हम सामाजिक न्याय नहीं चाहते, हम सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं। सामाजिक न्याय सत्ता में बैठे व्यक्ति पर निर्भर करता है। मान लीजिए एक समय में कोई अच्छा नेता सत्ता में आता है और लोगों को सामाजिक न्याय मिलता है और वे खुश होते हैं लेकिन जब एक बुरा नेता सत्ता में आता है तो वह फिर से अन्याय में बदल जाता है। इसलिए, हम एक संपूर्ण सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं।"
- मान्यवर कांशीराम
बहुजनों के नायक मान्यवर कांशीराम जी को उनके परिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

Mayawati
Akash Anand
ChandraShekhar Azad Ravan
BHIM ARMY
Amar Jyoti

सामाजिक परिवर्तन के कीमियागरमान्यवर कांशीराम भारतीय लोकतंत्र के उन असाधारण जननायकों में से हैं जिन्होंने सत्ता को पहली ब...
09/10/2025

सामाजिक परिवर्तन के कीमियागर

मान्यवर कांशीराम भारतीय लोकतंत्र के उन असाधारण जननायकों में से हैं जिन्होंने सत्ता को पहली बार सामाजिक प्रतिनिधित्व के रूप में देखा। उन्होंने लोकतंत्र को सिर्फ वोट देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति के न्यायपूर्ण पुनर्वितरण की व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया।

उनका नारा, 'वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा', केवल विरोध का स्वर नहीं है, बल्कि उस समाज के आत्म-सम्मान की पुकार थी जिसे सदियों से सत्ता से वंचित रखा गया। यह नारा उस दौर के बहुजन समाज में आत्मबोध, संगठन और राजनीतिक हिस्सेदारी की चेतना जगाने वाला बना। और आज भी खास है। यह उस प्रसिद्ध सूत्र से भी गहरा था जिसमें कहा गया, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'।

बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय जैसे नारे अब वैचारिक दिशा नहीं, बल्कि राजनीतिक ब्रांड बन चुके हैं। संगठनात्मक अनुशासन, वैचारिक प्रशिक्षण और सामाजिक गहराई की कमी ने आंदोलन की धार कमजोर कर दी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस स्थिति के लिए खुद बहुजन समाज की कुछ प्रभावशाली जातियाँ ही जिम्मेदार हैं, वे जो अब नेतृत्व के केंद्र में हैं, जबकि कई समुदाय अब भी हाशिए पर हैं। वे आज भी नेतृत्व अपने से नीचे वालों को नही देना चाहते हैं बल्कि उन्हें जयकारा वर्ग में रखने के प्रबल हिमायती बने हुए हैं।

सत्ता में आने के बाद बहुजन राजनीति ने उसी सांस्कृतिक तंत्र का अनुसरण शुरू कर दिया, जिसके विरुद्ध वह खड़ी हुई थी। ब्राह्मणवादी प्रतीकों, भाषा और सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनःप्रवेश इस राजनीति को वैचारिक रूप से भ्रमित कर रहा है। यह प्रवृत्ति कांशीराम की उस चेतना के विपरीत है जो आत्म-सम्मान और सांस्कृतिक स्वायत्तता पर आधारित थी।

आज बहुजन राजनीति के भीतर एक नया अभिजात वर्ग उभर आया है, जो संसाधनों, अवसरों और प्रतिनिधित्व पर नियंत्रण रखता है। यह नया बहुजन इलीट उस सामाजिक पुनर्वितरण की प्रक्रिया को भीतर से बाधित कर रहा है, जिसकी कल्पना कांशीराम ने की थी। उनके द्वारा प्रतिपादित सामूहिक सशक्तिकरण की अवधारणा अब चयनित प्रतिनिधित्व में सिमटकर रह गई है।

कांशीराम हमें यह चेतावनी देकर गए थे कि लोकतंत्र तभी तक जीवित रह सकता है जब उसकी शक्ति समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आज बहुजन राजनीति को फिर से अपने मूल दर्शन, संगठन, वैचारिक अनुशासन और सामाजिक न्याय की ओर लौटने की आवश्यकता है।

हम कांशीराम को केवल स्मरण न करें, बल्कि उनके विचारों को वर्तमान राजनीतिक संदर्भ में व्यवहारिक रूप से पुनर्जीवितनकरें। तभी लोकतंत्र वास्तव में जन के लिए, जन से, और जन द्वारा संचालित हो सकेगा, जैसा उन्होंने सपना देखा था।

मान्यवर की स्मृतियों को नमन💐
साथ ही उन्हें जल्द से जल्द भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। ✊

 #बचपन........जिसने भी लिखा कमाल का लिखा है........पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना ह...
05/10/2025

#बचपन........

जिसने भी लिखा कमाल का लिखा है........

पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें...

पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था..

पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था..

कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था..

हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था..

माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी.. न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी.. सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ।

एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं..

स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?

पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी ,"पीटने वाला और पिटने वाला दोनो खुश थे" ,
पिटने वाला इसलिए कि कम पिटे , पीटने वाला इसलिए खुश कि हाथ साफ़ हुवा..

हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं,क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना नहीं आता था..

आज हम गिरते - सम्भलते , संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं , कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं..

हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है , हमे हकीकतों ने पाला है , हम सच की दुनियां में थे..

कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे..

अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं , शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है, वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं..

हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए..

"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे”...

✍...

 #मिर्जापुर के छोटे से गांव से ISRO तक: हरि प्रसाद बिंद की सफलता की प्रेरणादायक कहानीमिर्जापुर ज़िले के पतिकापुर गांव के...
02/10/2025

#मिर्जापुर के छोटे से गांव से ISRO तक: हरि प्रसाद बिंद की सफलता की प्रेरणादायक कहानी
मिर्जापुर ज़िले के पतिकापुर गांव के रहने वाले हरि प्रसाद बिंद ने देश का नाम रोशन करते हुए ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में वैज्ञानिक के पद पर चयनित होकर पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है। ये उपलब्धि सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को जीने की हिम्मत रखते हैं।
हरि प्रसाद का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वे एक बेहद साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं। उनके पिता एक मेहनतकश इंसान हैं, जो गांव के पास ही एक कालीन बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं, जिसे परवेज़ खान जी चलाते हैं। उनकी माता जी भले ही औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकीं, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को मेहनत और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। माता-पिता के त्याग और प्रेरणा ने ही हरि को इतना बड़ा मुकाम हासिल करने की नींव दी।
हरि प्रसाद ने अपनी उच्च शिक्षा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रतिष्ठित IIT दिल्ली से Applied Mechanics में M.Tech की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने जर्मन कंपनी Siemens में वाइंड टर्बाइन के पार्ट्स पर R&D (अनुसंधान और विकास) का कार्य किया। वर्तमान में वे IOCL (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड), हरियाणा में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
अब उनका चयन ISRO में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है — यह न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे मिर्जापुर और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है।
हरि प्रसाद की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हौसले बुलंद हों और परिवार का साथ हो, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।

30/09/2025

िर्जापुर के चुनार सर्किल की 1 दिन की CO बनी कक्षा 12 की ईशा साहनी, बहन को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं। 🎉🎉

28/09/2025

भारत ने जीत की बहती नदी में पाकिस्तान को बहा ले गया , तबाह कर दिया !

हार्दिक बधाई व शुभ कामनाएँ 💐

21/09/2025

परिस्थिति पक्ष में हो या विपक्ष में ,
हम मैदान नही छोड़ेंगे ये वादा है ,,

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बैरिया, बलिया, उत्तर प्रदेश, Ballia Road
Ghazipur
277208

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