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मुझे लगता है कि रूस, यूक्रेन जंग में सबसे ज़्यादा खराब हालात अमेरिका के थे। रूस यूक्रेन जंग में खुद को शामिल कर के अमेरिक...
11/11/2023

मुझे लगता है कि रूस, यूक्रेन जंग में सबसे ज़्यादा खराब हालात अमेरिका के थे।
रूस यूक्रेन जंग में खुद को शामिल कर के अमेरिका धीरे धीरे बर्बादी की ओर बढ़ने लगा था,उसके हथियार और ख़ज़ाने दोनों ही खाली हो रहे थे।
ऐसे में अमेरिका क्या करता ?
इजराइल और हमास की लड़ाई एक ओपोर्चुनिटी है जिसका सीधा फायदा सिर्फ अमेरिका और इजराइल को है।
अमेरिका के हथियारों की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी ऐसा अमेरिका को उम्मीद थी, लेकिन जितना उम्मीद थी अमेरिका को उतना तो फायदा नहीं हुआ उसको फिर भी बहुत फायदा हुआ और लगातार फायदा हो भी रहा है।
इजराइल का फायदा ये है कि उसको ग़ज़ा की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने का मौका मिला।
एक तरफ हथियारों की जबरदस्त बिक्री से अमेरिका को जबरदस्त फायदा, दूसरी तरफ इजराइल को ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने का जबरदस्त फायदा।
अब इतने बड़े बड़े फायदे के कीमत भी तो ज़बरदस्त ही होगा।
फायदा तो अमेरिका और इजराइल ने उठा लिया है और उठा ही रहे हैं। लेकिन कीमत ग़ज़ा के 10 हज़ार से ज़्यादा मासूम और निहत्थों ने चुकाया अपनी जान देकर, जिसमें मासूम बच्चे, बुज़ुर्ग और औरतें भी शामिल हैं। अभी भी चुका ही रहे हैं और जब तक अमेरिका और इजराइल को फायदा मिलता रहेगा ग़ज़ा के मासूम लोग इसकी कीमत चुकाते रहेंगे।
हमास और इजराइल की लड़ाई से अमेरिका को कम से कम इतना फायदा तो हो ही चुका है कि वो और दो साल तक रूस को यूक्रेन के साथ उलझाए रह सकता है। क्योंकि अमेरिका को अच्छे से पता है कि वो इस दुनिया का सर्वशक्तिमान नहीं है, रूस उसका ज़बरदस्त प्रतिद्वंदी है,जब तक रूस का अस्तित्व है और जब तक शक्तिशाली है तब तक अमेरिका को उससे डर रहेगा ही। इसी लिए रूस को पूरी तरह से कमज़ोर कर देना अमेरिका का पहला लक्ष्य है।
ईरान, चीन,उत्तर कोरिया आदि ये सब रूस के पक्ष में रूस का साथ देने वाले देश हैं जिनमें ईरान स्पष्ट रूप से परमाणु सम्पन्न नहीं है, इसी लिए अमेरिका और इजराइल की पहली कोशिश यही होगी कि ईरान को कमज़ोर किया जाए। ईरान पर हमला भी इतना आसान नहीं है लेकिन चीन और उत्तर कोरिया पर हमला करने से ज़्यादा आसान ईरान पर हमला करना होगा।
फिलहाल जो समीकरण दिख रहे हैं अमेरिका और इजराइल के पक्ष मजबूत है। भले ही नैतिक स्तर पर अमेरिका और इजराइल को पूरी दुनिया से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इससे इन दोनों देशों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
जैसे अमेरिका खुल कर इजराइल को हथियार से मज़बूत कर रहा है वैसे रूस चीन और उत्तर कोरिया नहीं कर रहे हैं इसी से साबित हो जाता है कि अमेरिका कितना मज़बूत है।
अमेरिका और इजराइल की दादागिरी को अगर कोई खत्म कर सकता है तो वो सिर्फ खाड़ी के मुस्लिम देश ही कर सकते हैं लेकिन वो नहीं करेंगे क्योंकि पूँजीवाद और सियासत की दुनिया में खाड़ी देशों को ईरान से ही डर है। ये सारे खाड़ी देश के शाशक शान व शौकत और विलासिता की ज़िंदगी से मुक्त हो ही नहीं सकते।
अब तो अरब की ज़मीन पर भी नाच गाने शुरू हो गए इससे ही अंदाज़ लगाया जा सकता है कि अरबों के भविष्य में कितना घोर अंधेरा और तबाही है।
(ये लेख सिर्फ मेरे विचार हैं।)

Israel demonstrated this bomb before it hit Gaza.On which it was written in Hebrew that "We hope that this bomb falls on...
11/11/2023

Israel demonstrated this bomb before it hit Gaza.
On which it was written in Hebrew that "We hope that this bomb falls on the general public.
इजराइल ने इस बम को ग़ज़ा पर हिट करने से पहले दिखाया।
जिस पर हिब्रू में लिखा था कि "हम उम्मीद करते हैं कि यह बम आम जनता पर गिरे।

جو اپنا سب کچھ ہار کر بھی اللہ کے لئے اور عوام کی بھلائی کے لئے لڑتے رہتے ہیں۔ اللہ ہمیشہ انکے ساتھ ہوتا ہے۔
02/11/2023

جو اپنا سب کچھ ہار کر بھی اللہ کے لئے اور عوام کی بھلائی کے لئے لڑتے رہتے ہیں۔
اللہ ہمیشہ انکے ساتھ ہوتا ہے۔

02/11/2023

کسی بھی جنگ میں ہار تب تک نہیں ہوتی جب تک انسان ہار مان نہ لے۔

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