06/10/2025
🌸✨ भक्ति सागर प्रस्तुत करता है — शरद पूर्णिमा एवं लक्ष्मी पूजा विशेष ✨🌸
🌕 मां महालक्ष्मी के नाम एक भावपूर्ण विचार
> “जहां सत्य, श्रम और श्रद्धा का दीप जलता है,
वहां मां लक्ष्मी स्वयं वास करती हैं।
इस शरद पूर्णिमा पर अपने मन को निर्मल करें,
और मां महालक्ष्मी का आशीर्वाद पाकर जीवन को आलोकित करें।”
🌺 जय मां महालक्ष्मी! 🌺
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🌼 लक्ष्मी पूजा (शरद पूर्णिमा) का महत्व:
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, मां महालक्ष्मी की आराधना का दिन है।
ऐसा कहा जाता है कि आज की रात मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जो भी भक्त जागरण कर उनका ध्यान करता है, उस पर वे धन, ऐश्वर्य और सुख की वर्षा करती हैं।
इस रात का चंद्रमा सबसे उज्ज्वल होता है और उसकी किरणों में अमृत तत्व होता है। इसलिए लोग खीर बनाकर चांदनी में रखते हैं, जिससे वह अमृतमय मानी जाती है।
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🌺 पूजन विधि:
🪔 1. सायंकाल घर को शुद्ध करें और दीप प्रज्ज्वलित करें।
🌸 2. मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को कमल पुष्प, चावल, हल्दी और दूर्वा से पूजें।
📿 3. “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें।
🍚 4. खीर बनाकर चंद्रमा को अर्पित करें और रात में जागरण करें।
🕊️ 5. ब्राह्मणों, गाय और गरीबों को दान दें — इससे लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में वास करती हैं।
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🌕 आध्यात्मिक अर्थ:
शरद पूर्णिमा केवल धन की पूजा नहीं है — यह शुद्ध मन, निर्मल चित्त और सत्य कर्म का प्रतीक है।
मां लक्ष्मी केवल उसी घर में आती हैं जहां स्वच्छता, सात्त्विकता और आस्था हो।
इसलिए इस दिन अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर कर, प्रेम और प्रकाश से जीवन को भरें।