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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 134वां जयंती पर कोटि-कोटि नमन।जब भी डॉ. अंबेडकर की बात होती है, तो दिल से एक सम्मान की भावना...
14/04/2025

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 134वां जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
जब भी डॉ. अंबेडकर की बात होती है, तो दिल से एक सम्मान की भावना आती है। उन्होंने जिस दौर में सामाजिक अन्याय और भेदभाव का सामना किया, उस समय भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके संघर्षों ने हमें बराबरी और इज्जत से जीने का हक दिलाया। उनकी जयंती सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि वो दिन है जब हम खुद से सवाल करें – क्या हम उनके दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं? हमने मशीनें बना लीं, आकाश में उड़ना और समंदर में तैरना सीख लिया, लेकिन ज़मीन पर इंसानों की तरह जीना अब भी नहीं सीख पाया। जब तक हम एक-दूसरे को भाई की तरह नहीं अपनाएंगे, हम सच में इंसान नहीं बन पाएंगे। डॉ भीमराव अंबेडकर का सपना था एक ऐसा भारत जहाँ पर कोई छोटा-बड़ा न हो,बस इंसानियत हो। जय भीम

कांचा गचीबावली जंगल कटाई विकास और पर्यावरण के बीच टकराव है। सरकार को ₹50,000 करोड़ और 5 लाख नौकरियों की उम्मीद है, पर यह...
07/04/2025

कांचा गचीबावली जंगल कटाई विकास और पर्यावरण के बीच टकराव है। सरकार को ₹50,000 करोड़ और 5 लाख नौकरियों की उम्मीद है, पर यह जैव-विविधता और हवा की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचाएगा। संतुलित दृष्टिकोण जरूरी है—जंगल का कुछ हिस्सा बचाना और नियमों का पालन करना चाहिए। जल्दबाजी गलत है; प्रकृति की कीमत पर विकास नहीं होना चाहिए। मनुष्य अपने स्वार्थ और विलासिता के लिए कुछ भी करता है। उनको यह मालूम होते हुए। यहां के लोग कोरोना जैसे घातक महामारी को भी देखे हैं लेकिन लोगों ने इससे कुछ सिख भी नहीं लिया। कोरोना काल में जैसे लोग ऑक्सीजन के बिना तड़पते तड़पते मारा। ऐसे ही आने वाला समय में भी होगा अगर हम इस तरह से प्राकृतिक संसाधन और जंगल का आधुनिकीकरण के चक्कर में करेंगे तो। एक दिन मनुष्य प्रजाति ऑक्सीजन के बिना यूं ही मारता जाएगा। हम मनुष्य को समय रहते सजक होना चाहिए। आप लोगों का क्या राय है। सरकार किसी के भी रहे हो।लेकिन प्राकृतिक संसाधन जल जंगल जमीन को बचाना बहुत आवश्यक है। तभी मानव सभ्यता का विकास होगा।

सभी दोस्तों को सुप्रभात।शांति और संतुलन स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए आवश्यक हैं। शांति केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक मान...
01/04/2025

सभी दोस्तों को सुप्रभात।

शांति और संतुलन स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए आवश्यक हैं। शांति केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक मानसिक स्थिरता भी है, जो व्यक्ति को स्पष्टता देती है। संतुलन का मतलब जीवन के विभिन्न पहलुओं—कार्य, परिवार, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास—में सामंजस्य बनाए रखना है।

शांति पाने के लिए ध्यान, योग और सकारात्मक सोच मददगार होते हैं, जबकि संतुलन के लिए समय प्रबंधन और अनुशासन जरूरी है। जब व्यक्ति जीवन में शांति और संतुलन बनाए रखता है, तो वह तनावमुक्त रहता है, बेहतर निर्णय लेता है और आत्मिक संतुष्टि प्राप्त करता है।
ऐसे ही बेहतरीन वह नए-नए चीजों को जानने के लिए इस पेज को फॉलो करें।

मेरा जन्मदिन, आप लोगों की दुआएंआज का दिन है खास बड़ा,खुशियों से भरा है हर एक लम्हा।आप सभी का साथ जो पाया,प्यार और आशीर्व...
15/03/2025

मेरा जन्मदिन, आप लोगों की दुआएं

आज का दिन है खास बड़ा,
खुशियों से भरा है हर एक लम्हा।
आप सभी का साथ जो पाया,
प्यार और आशीर्वाद से ये दिन सजाया।

मेरा जन्मदिन, आपकी दुआओं से खिला,
हर शब्द, हर मुस्कान, मेरे लिए अनमोल मिला।
बस यूँ ही बना रहे ये अपनापन,
संग रहे हंसी, खुशी और मधुर बंधन।

धन्यवाद दिल से, इस प्यार भरी सौगात,
आप सबका स्नेह ही है मेरी असली बरसात

"हर दिन एक नया अवसर है। अपनी गलतियों से सीखें, अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाएं, और सफलता की ओर बढ़ते रहें।"
12/02/2025

"हर दिन एक नया अवसर है। अपनी गलतियों से सीखें, अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाएं, और सफलता की ओर बढ़ते रहें।"

"जंजीरें लोहे की नहीं, सोच की होती हैं"एक व्यक्ति सर्कस में गया और देखा कि विशाल हाथी पतली जंजीर से बंधे थे। हैरान होकर ...
11/02/2025

"जंजीरें लोहे की नहीं, सोच की होती हैं"

एक व्यक्ति सर्कस में गया और देखा कि विशाल हाथी पतली जंजीर से बंधे थे। हैरान होकर उसने प्रशिक्षक से पूछा, "ये ताकतवर हाथी जंजीर क्यों नहीं तोड़ते?"

प्रशिक्षक ने बताया, "बचपन में इन्होंने इसे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। समय के साथ उन्होंने मान लिया कि यह जंजीर कभी नहीं टूट सकती, इसलिए अब वे कोशिश ही नहीं करते।"

सीख:

सीमाएँ अक्सर हमारी सोच में होती हैं, हकीकत में नहीं। आत्मविश्वास से हम हर जंजीर तोड़ सकते हैं!

शिक्षा: जीवन में सही मार्गदर्शन देता है।शिक्षा न केवल ज्ञान अर्जन का माध्यम है, बल्कि यह नैतिक मूल्यों, अनुशासन और आत्मन...
11/02/2025

शिक्षा: जीवन में सही मार्गदर्शन देता है।

शिक्षा न केवल ज्ञान अर्जन का माध्यम है, बल्कि यह नैतिक मूल्यों, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का विकास कर सही जीवन जीने की दिशा भी दिखाती है। यह मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास में सहायक होती है, जिससे व्यक्ति एक जिम्मेदार नागरिक बनता है। सच्ची शिक्षा हमें सही निर्णय लेने, सहानुभूति रखने और जीवन को सार्थक बनाने की प्रेरणा देती है।

11/02/2025

दुनिया में"असंभव नाम का (impossible) कुछ भी नहीं होता। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।"
Impossible अपने आप में चिख चिख कर कहता है= I’m Possible!

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहले विद्रोह की चिंगारी जलाने वाले महान क्रांतिकारी तिलकामांझी जी की 275 वीं जयंती पर उन्हें शत...
11/02/2025

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहले विद्रोह की चिंगारी जलाने वाले महान क्रांतिकारी तिलकामांझी जी की 275 वीं जयंती पर उन्हें शत-शत नमन करता हूं! उनका जीवन हमें न्याय और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की सीख देता है।"

एक संतुष्ट जीवन एक सफल जीवन से बेहतर है।"क्योंकि हमारी सफलता दूसरों द्वारा मापी जाती है, लेकिन हमारी संतुष्टि हमारी अपनी...
10/02/2025

एक संतुष्ट जीवन एक सफल जीवन से बेहतर है।"

क्योंकि हमारी सफलता दूसरों द्वारा मापी जाती है, लेकिन हमारी संतुष्टि हमारी अपनी आत्मा, मन और हृदय द्वारा मापी जाती है।

सफलता जरूरी है, लेकिन संतोष अधिक महत्वपूर्ण है। सफलता हमें भौतिक उपलब्धियाँ दे सकती है, लेकिन यदि हमारे भीतर शांति और संतोष नहीं है, तो वह अधूरी रह जाती है। इसलिए, जीवन का वास्तविक उद्देश्य बाहरी मानकों से सफलता प्राप्त करना नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से संतुष्ट और खुश रहना होना चाहिए।

"अपने मूल्यों को जिए" सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। जब आप अपने मूल्यों को वास्तविक रूप से अपनाते हैं और उनक...
10/02/2025

"अपने मूल्यों को जिए" सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। जब आप अपने मूल्यों को वास्तविक रूप से अपनाते हैं और उनके अनुसार कार्य करते हैं, तो आप न केवल आत्मसम्मान हासिल करते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी अधिक संतोषजनक और सार्थक बना लेते हैं।

09/02/2025

आज जहां हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, जो सूचनाएं लाइट की गति से हमारे पास पहुंचती है। जहां माउस की एक क्लिप पर पलक झपकते दुनिया की पर्ची अपने आंखों के सामने होते हैं। हम उस दौर में भी अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं।संथाल समाज में कई लोग बीमारियों के इलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा के बजाय पारंपरिक टोटकों, झाड़-फूंक और ओझा-गुणी पर अधिक विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि बीमारियाँ बुरी आत्माओं, पूर्वजों के क्रोध या जादू-टोने के कारण होती हैं। इसलिए, वे इलाज के लिए जड़ी-बूटियों, बलि या अनुष्ठानों का सहारा लेते हैं।
यह शिक्षा की कमी का जीता जागता उदाहरण है। शिक्षा के बिना आदमी में अपने परिवार के प्रति प्रेम करुणा और दया भाव की उत्पत्ति नहीं होती। मैं खासकर तमाम उन आदिवासी समाज के माता-पीताओं से निवेदन करना चाहूंगा, कि भले आप एक टाइम का भोजन न करें फिर भी अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण जरूर करना। ताकि अपने परिवार के प्रति अपने माता-पिता के प्रति प्रेम करुणा और दया की अनुभूति हो। शिक्षा ही सब बीमारी की ईलाज ‌है। लेकिन आज के युवा पीढ़ी ऐसे ज्ञानवर्धक बातें को नहीं पढ़ेंगे। आजकल संथाल समाज के युवा पीढ़ी डीजे डिस्को नाच में मगन है।

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