17/07/2025
हां, श्रेयस अय्यर नंबर 3 के लिए करुण नायर से बेहतर विकल्प हो सकते हैं। श्रेयस अय्यर ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए जो निरंतरता और प्रदर्शन का स्तर दिखाया है, वह उन्हें इस महत्वपूर्ण बल्लेबाजी स्थान के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। वे तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज हैं, जिन्हें सीमित ओवरों के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा अनुभव है। उनकी बल्लेबाजी में धैर्य और आक्रामकता दोनों का संतुलन मौजूद है, जो नंबर 3 जैसी जिम्मेदारी से भरी पोजीशन के लिए जरूरी होता है।
श्रेयस अय्यर ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर अपने खेल को एक मजबूत मुकाम तक पहुँचाया है। उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में भी कई अहम पारियां खेली हैं, जो दबाव में भी भरोसेमंद रह सकीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीमित ओवरों में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में खुद को साबित किया है। 2022 में दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखलाओं में उन्होंने जो लय दिखाई, वह उनके आत्मविश्वास और निरंतरता को दर्शाता है।
दूसरी ओर, करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट में निश्चित ही एक ऐतिहासिक तिहरा शतक जड़ा था, जो उनकी क्षमता का परिचायक है। लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन उतार-चढ़ाव वाला रहा और वे लंबे समय तक भारतीय टीम में स्थायी स्थान नहीं बना सके। उनके करियर की सबसे बड़ी चुनौती यह रही कि उन्होंने मौके मिलने पर लगातार प्रदर्शन नहीं किया, जिससे टीम प्रबंधन का विश्वास उन पर कम होता गया।
श्रेयस अय्यर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह स्पिन के खिलाफ बहुत अच्छे बल्लेबाज माने जाते हैं। उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में यह विशेषता उन्हें एक अतिरिक्त फायदा देती है। वे मिडिल ओवर्स में इनिंग को संभालने के साथ-साथ आवश्यक रन गति बनाए रखने में भी सक्षम हैं। करुण नायर की तुलना में श्रेयस का स्ट्राइक रेट बेहतर है, जो सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक बड़ा मापदंड बन चुका है।
एक और पहलु यह है कि श्रेयस अय्यर ने कप्तानी का अनुभव भी प्राप्त किया है, खासकर आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की अगुवाई करते हुए। इस अनुभव ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया है और रणनीतिक सोच भी विकसित की है। करुण नायर के करियर में इस तरह की नेतृत्वकारी भूमिका या दबाव में लगातार मौका बनाने की मिसालें कम रही हैं। यह उनकी सीमाओं में से एक रही है।
श्रेयस के करियर में चोटें जरूर एक समस्या रही हैं, लेकिन जब-जब वे फिट होते हैं, उन्होंने टीम में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। उन्होंने घरेलू दौरे हों या विदेशी, दोनों स्थानों पर प्रदर्शन कर यह दिखाया है कि वे हर तरह की परिस्थितियों में खेल सकते हैं। करुण नायर को हालांकि उतने अवसर नहीं मिल सके, लेकिन जिनका उन्हें मिला, उनमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
करुण नायर का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में रिकॉर्ड बहुत अच्छा है और वे तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज हैं। लेकिन आज के समय में केवल तकनीकी प्रतिभा के आधार पर नहीं, बल्कि निरंतरता, फिटनेस, लचीलापन और मैच फ़िनिश करने की शैली पर भी बल्लेबाजों को परखा जाता है। इन सभी मानकों पर श्रेयस अय्यर करुण नायर से कहीं आगे निकल जाते हैं।
अंततः यह कहा जा सकता है कि आज की भारतीय टीम की आवश्यकताओं और प्रतिस्पर्धी माहौल में श्रेयस अय्यर नंबर 3 पर करुण नायर की तुलना में कहीं बेहतर और उपयुक्त विकल्प साबित हो सकते हैं। उनकी निरंतरता, तकनीकी मजबूती, मानसिक दृढ़ता और तेज रन गति को संभालने की क्षमता उन्हें इस अहम स्थान के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। इसलिए, जब विकल्पों की चर्चा हो, तो श्रेयस अय्यर को करुण नायर से प्राथमिकता देना एक उचित और तार्किक निर्णय होगा।