22/11/2025
सोशल मीडिया पर हर जगह चर्चा में दीपक प्रकाश।
बीते दिन दीपक प्रकाश ने NDA सरकार में मंत्री पद की शपथ ली उसके बाद हर जगह वायरल हो गए।
बिहार की राजनीत में यह कोई नई बात नहीं है। परिवारवाद सब जगह हावी है।
परिवारवाद भाजपा में है , परिवारवाद लोजपा में है।
परिवारवाद राजद में है तो परिवारवाद जेडीयू में भी है।
परिवारवाद मांझी जी के भी पार्टी में है तो परिवारवाद में सहनी साहब भी पीछे नहीं है।
फिर उपेंद्र कुशवाहा पीछे क्यों ??
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पुत्र को मंत्री बनवाया इसमें क्या गुनाह कर दिया। दीपक प्रकाश अब तक MLA, MLC नहीं हैं , लेकिन कानून में यह प्रावधान है तभी तो शपथ लिए आज मंत्री अगले चार से छः माह के अंदर MLC मनोनीत हो जाएंगे उन्हें एक सीट भाजपा अपने कोटे से दे दी है।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी अंतिम सास ले रही थी। भाजपा की भी अपनी मजबूरी थी , भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा। उपेंद्र कुशवाहा के इस हाल के जिम्मेवार भी ओ खुद है। 2014 में जब केंद्र में मंत्री बने उस समय उनकी राजनीति Peak मोड में थी। उस समय अगर भाजपा का साथ नहीं छोड़ते तो आज उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी लोजपा ना सही मांझी जी की पार्टी से ऊपर ही रहती बिहार में। लेकिन खुद के कई आत्मघाती निर्णय से उपेंद्र कुशवाहा बिहार की राजनीति में काफी पीछे जा चुके थे। कई अपने का साथ छोड़ देना उसके बाद पार्टी का कई बार विलय कुल मिला कर उपेंद्र कुशवाहा बिहार की राजनीत में डगरा के बैगन हो चुके थे।
बिहार के बदलते राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा समय को भाप लिए। और ज्यादा भाव ना मिलने के बाद भी NDA में बने रहे। NDA ने उन्हें 6 सीट और 1 MLC दिया।
कुशवाहा जी 4 सीट के साथ कमबैक किए। विधानसभा चुनाव के पूर्व सासाराम से जब उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही थी तो सर्वे रिपोर्ट में NDA सासाराम में पीछे थी।
आज सासाराम से NDA की जीत में उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र और उनकी बहु का योगदान भी माना जा रहा है। लगातार क्षेत्र में बने रहना लोगों के बीच ग्राउंड जीरो पे काम करने का ही परिणाम है कि सासाराम से RLM 25 हजार वोट से चुनाव जीती।
कुल मिलाकर बात यही है उपेंद्र कुशवाहा अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहते है। इसीलिए उन्होंने अपने बेटे को लॉन्च किया।
बिहार के राजनीति के नए चैप्टर में दीपक प्रकाश काफी आगे जाने वाले है ये बात तय है।
दीपक प्रकाश उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र के चलते मंत्री बने यह बात सत्य है लेकिन दीपक प्रकाश एक पढ़े लिखे युवा इंजीनियर हैं। तकरीबन 4 साल से अपनी पार्टी में एक्टिव है।
अनपढ़ लोग से तो बेहतर ही मंत्रालय चलाएंगे ये उम्मीद है।
बिहार के युवा मंत्री श्रेयसी सिंह और दीपक प्रकाश को ढेर सारी शुभकामनाएं।
उम्मीद है बिहार के लिए अपने मंत्रालय से कुछ बेहतर काम करें।
#शेयर