10/06/2025
बीते कल से सोनम रघुवंशी केस पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तरह तरह की बात हो रहा है।
हेडलाइन थी — “सोनम रघुवंशी बेवफा है”
और फिर वही पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सारी गलती सोनम पर थोप दी।जबकि इसके लिए समाज भी उतना ही ज़िम्मेदार है
सबसे बड़ा सवाल।
जब सोनम किसी से प्रेम कर रही थी,
तो क्या उसका परिवार अंधा था?
क्या उनका विरोध सिर्फ इसलिए था क्योंकि लड़का अलग जाति से था?
या एक जाती के रहते हुए आपके कल्पना के अनुसार थोड़ा कम पैसे वाला है जबकि ओ एक व्यवस्थित जीवन जीने के पर्याप्त कमाता है
या फिर बेटी की खुशी से भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया
“समाज का झूठा सम्मान”?
पर सच तो ये है —
इस ‘सम्मान’ के लिए हर साल न जाने कितनी जिंदगी जाती है
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सच्चाई ये है:
अगर सोनम आत्मनिर्भर होती, करियर में मज़बूत होती —
तो शायद परिवार झुक जाता।
आज भी इस समाज में
प्यार से ज़्यादा “प्रोफाइल” देखी जाती है।
अफेयर करना अपराध नहीं है,
लेकिन बिना करियर के अफेयर रखना
इस पितृसत्तात्मक समाज के लिए बगावत बन जाता है।
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और अब...
सोनम लगभग मर ही गई।
उसका पति भी मर गया।
एक पूरा परिवार उजड़ गया।
ये सिर्फ एक मर्डर केस नहीं है,
ये सामाजिक दबाव, असफल संवाद और बेजान परंपराओं का
खूनी नतीजा है।
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समाज को बदलना होगा…
वरना न सोनम आख़िरी होगी,
न रघुवंशी परिवार पहला।
#घोरकलजुग