16/07/2025
🇮🇳 भारत कृषि प्रधान देश है - और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़। लेकिन आज यही रीढ़ विदेशी निर्भरता के कारण झुकती जा रही है।
🔴 भारत 80% स्पेशियलिटी फर्टिलाइज़र चीन से मंगाता है
⛔ और अब चीन ने सप्लाई रोक दी है।
ये पहली बार नहीं है - यूरिया और DAP जैसे ज़रूरी खादों की कमी से देश भर का किसान अब तक जूझ ही रहा है कि अब स्पेशियलिटी खाद का 'चीनी संकट' मंडराने लगा।
उधर प्रधानमंत्री जी खाद की बोरियों पर अपनी तस्वीरें छपवा रहे हैं, इधर किसान ‘Made in China’ पर आश्रित होते जा रहे हैं।
ये आपूर्ति कभी भी रुक सकती है, ये पता होने के बावजूद सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। जब घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने की ज़रूरत थी, उन्होंने कोई नीति, कोई योजना नहीं बनाई।
क्या अब किसान अपनी मिट्टी में भी दूसरों का मोहताज रहेगा? कीमती वक्त और अच्छी फसल का नुकसान झेलता, कर्ज़ और हताशा में डूबता किसान पूछ रहा है - "किसका साथ, किसका विकास?"