10/04/2025
“अधिकारियों की रिश्तेदार” बनकर UPS भदुवा तरहर बक्खरवा स्कूल में घुसी महिला ने की गुंडागर्दी – हेडमास्टर को थप्पड़, शिक्षक अरुण कुमार सिंह पर बच्चों से अमानवीय व्यवहार के आरोप
स्थान: UPS भदुवा तरहर बक्खरवा, जिला —
जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालय UPS भदुवा तरहर बक्खरवा में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला, जिसका स्कूल से कोई संबंध नहीं है, खुद को अधिकारियों की ‘रिश्तेदार’ बताकर स्कूल में घुसी और हेडमास्टर से पहले गाली-गलौज की, फिर उन्हें खुलेआम थप्पड़ मार दिया।
कोई अधिकार नहीं, फिर भी स्कूल में घुसकर मारपीट?
यह महिला ना स्कूल की कर्मचारी है, ना अभिभावक और ना ही किसी प्रशासनिक पद पर। बावजूद इसके वह स्कूल के भीतर घुसती है, खुद को अधिकारियों की जान-पहचान वाली बताती है और स्कूल में निरीक्षण का नाटक करते हुए हेडमास्टर पर हमला कर देती है।
इस घटना ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था, शिक्षक की गरिमा और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
पति अरुण कुमार सिंह पर बच्चों से अमानवीय व्यवहार का आरोप
यह महिला अरुण कुमार सिंह की पत्नी है, जो UPS भदुवा तरहर बक्खरवा में शिक्षक के पद पर हैं।
महिला का दावा है कि उनके पति को ज्यादा काम दिया जाता है, बैठने नहीं दिया जाता और उन्हें पढ़ाना भी पड़ता है।
लेकिन स्कूल के स्टाफ और कई अभिभावकों का आरोप है कि अरुण कुमार सिंह पढ़ाने से बचते हैं, और बच्चों को अपमानजनक नामों से बुलाते हैं।
एक बच्चे, जिसकी एक आंख नहीं है, उसका लगातार मज़ाक उड़ाना, दूसरों को भी नीचा दिखाना – ये उनके रोज़ के व्यवहार में शामिल है।
ईमानदारी की सज़ा?
हेडमास्टर ने कहा,
"मैंने सिर्फ स्कूल का अनुशासन बनाए रखने की कोशिश की। अरुण कुमार सिंह से भी यही अपेक्षा की कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं। लेकिन बदले में मुझे थप्पड़, गालियां और अब मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।"
प्रशासन चुप – कार्रवाई शून्य
इस पूरे मामले की शिकायत कई बार की जा चुकी है, लेकिन अब तक अरुण कुमार सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से साठगांठ कर, पैसे देकर मामले को दबा दिया गया।
महिला अब भी स्कूल में आकर हेडमास्टर को धमकाती है, अपमानित करती है, और कोई रोकने वाला नहीं है।
अब सवाल के जवाब अधिकारी दे
क्या कोई बाहरी महिला स्कूल में घुसकर शिक्षक को मार सकती है?
क्या अधिकारियों की पहचान बताकर कोई भी कानून से ऊपर हो सकता है?
क्या अरुण कुमार सिंह जैसे शिक्षक बच्चों का मज़ाक उड़ाकर भी सुरक्षित रहेंगे?
आखिर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
क्या एक ईमानदार हेडमास्टर की सुरक्षा की गारंटी कोई नहीं लेगा?