14/05/2025
अब गाँव की आवाज़ भी बुलंद हो रही है…
अब तक भारत में FICCI, CII और IIA जैसे संगठन देश के बड़े उद्योगपतियों और शहरी उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावशाली मंच उपलब्ध कराते रहे हैं—चाहे वह नीति निर्माण हो, फाइनेंस हो, निर्यात हो या टेक्नोलॉजी।
लेकिन…
गाँव, कस्बे और ग्रामीण उद्यमों की वही समस्याएँ—
• सरकारी योजनाओं की पहुंच,
• ऋण और अनुदान की जटिलताएँ,
• आधुनिक मशीनरी व तकनीक की जानकारी की कमी,
• ब्रांडिंग और मार्केटिंग का अभाव,
• और कानूनी / पंजीकरण से जुड़ी उलझनें—
अब तक अनदेखी रहीं।
Rural Empowerment Summit 2025 ने यह परंपरा तोड़ी है।
यह समिट कोई केवल “इवेंट” नहीं, बल्कि एक आंदोलन है—जहाँ ग्रामीण भारत की उद्यमिता, नवाचार, प्रशिक्षण, नेटवर्किंग और समाधान आधारित कार्य संस्कृति को पहली बार एक मंच मिला है।
यह वह मंच है जहाँ—
• किसान, SHG, ग्रामीण उद्यमी और सेवा प्रदाता एक साथ बैठे,
• विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, और टेक्नोक्रेट्स से संवाद हुआ,
• और गाँव का सपना, एक सशक्त भारत की योजना बना।
यह FICCI का ग्रामीण संस्करण नहीं,
यह भारत के आत्मनिर्भर भविष्य की नींव है।