07/07/2025
स्कूल छीना, उम्मीद छीनी — अब बच्चों से कहेंगे, "ऑनलाइन जाओ बेटा, शिक्षा ऐप में है!"
सांसद संजय सिंह जी का ग़ुस्सा वाजिब है। बच्चे पढ़ना चाहते हैं, पर सरकार कहती है — "इतना पढ़ोगे तो सवाल पूछोगे, और सवाल लोकतंत्र को पचते नहीं!"
सरकार ने स्कूलों का मर्जर कर दिया, जैसे बच्चों की क्लास नहीं, कोई सरकारी विभाग हो —
"एक ही भवन में चलेंगे पांच सब्जेक्ट, चार कक्षाएं, और तीन शिक्षक जो दो स्कूलों में बंटे रहेंगे!"
अब हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली, तो कहा गया — "उम्मीद अभी जिंदा है, सुप्रीम कोर्ट बाकी है!"
शिक्षा का अधिकार बन चुका है –
फॉर्म में अधिकार, ज़मीन पर व्यापार, और असल में सरकार के लिए बेजोड़ सुधार!
बच्चे तो बस इतना पूछना चाहते हैं:
"पढ़ेंगे कहां? सपने देखें या नोट्स की जगह नोट गिनें?"