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गुरु व्यक्ति नहीं, तत्व हैअपने समाज में हजारों सालों से, व्यास भगवान से लेकर आज तक, श्रेष्ठ गुरु परम्परा चलती आयी है. व्...
10/07/2025

गुरु व्यक्ति नहीं, तत्व है

अपने समाज में हजारों सालों से, व्यास भगवान से लेकर आज तक, श्रेष्ठ गुरु परम्परा चलती आयी है. व्यक्तिगत रीति से करोड़ों लोग अपने-अपने गुरु को चुनते हैं, श्रद्धा से, भक्ति से वंदना करते हैं, अनेक अच्छे संस्कारों को पाते हैं. इसी कारण अनेक आक्रमणों के बाद भी अपना समाज, देश, राष्ट्र आज भी जीवित है.
इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने गुरु स्थान पर भगवाध्वज को स्थापित किया है. भगवाध्वज त्याग, समर्पण का प्रतीक है. स्वयं जलते हुए सारे विश्व को प्रकाश देने वाले सूर्य के रंग का प्रतीक है. संपूर्ण जीवों के शाश्वत सुख के लिए समर्पण करने वाले साधु, संत भगवा वस्त्र ही पहनते हैं, इसलिए भगवा, केसरिया त्याग का प्रतीक है. अपने राष्ट्र जीवन के, मानव जीवन के इतिहास का साक्षी यह ध्वज है. यह शाश्वत है, अनंत है, चिरंतन है.

07/07/2025
03/07/2025
संवेदनशील डॉक्टर न सिर्फ दवा, बल्कि व्यवहार से भी मरीज को जल्द ठीक करने में मदद करता है : राष्ट्रपतिगोरखपुर एम्स के पहले...
30/06/2025

संवेदनशील डॉक्टर न सिर्फ दवा, बल्कि व्यवहार से भी मरीज को जल्द ठीक करने में मदद करता है : राष्ट्रपति

गोरखपुर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं महामहिम राष्ट्रपति

डॉक्टर कभी सेवानिवृत्त नहीं होता,स्वास्थ्य रूपी संपदा लोगों को देते जाइए, आपको सुकून मिलेगा : मुर्मू

बोलीं- भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है एम्स

हमने भगवान को नहीं देखा, लेकिन जिनके कदमों के पास अपने मरीजों को रखते हैं, वे भगवान होते हैं : राष्ट्रपति

पूर्वी उप्र, सीमावर्ती बिहार व नेपाल के लोगों के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हो रहा गोरखपुर एम्स : राष्ट्रपति

बोलीं- कई देशों की तुलना में भारत में कम है इलाज का खर्च

गोरखपुर, 30 जूनः महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डॉक्टर का व्यवहार मरीज के मानसिक व शारीरिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपने इसे करियर के रूप में चुना, क्योंकि आपके मन और परिवार में सेवाभावना है। एक संवेदनशील डॉक्टर न केवल दवा, बल्कि अपने व्यवहार से भी मरीज को जल्द ठीक करने में मदद करता है। सहानुभूतिपूर्ण देखभाल से मरीज की हालत में तेजी से सुधार होता है। डॉक्टर के धैर्य व समर्पण की भावना समाज में आदर्श प्रस्तुत करती है, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं। चिकित्सा एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि सेवा है।

राष्ट्रपति सोमवार को गोरखपुर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने आयोजन में शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधि व मेडल प्रदान किया।

डॉक्टरों के जगने से बचती हैं कई जिंदगियां ~
राष्ट्रपति ने कहा कि कभी रात में थके हारे सोए हैं, लेकिन आधी रात में किसी ने फोन किया तो आपको जगना पड़ता है। आपके जगने से कई जिंदगी बचती है। खाने का एक निवाला अंदर गया, तभी टेलीफोन आ गया, लेकिन आप खाना खाकर रेस्ट करके भी नहीं जा सकते हैं। यह इमरजेंसी सर्विस है, इसलिए लोग डॉक्टरों को भगवान मानते हैं। हम भगवान को देखे नहीं, लेकिन जिसके कदमों के पास अपने मरीजों को भेजते हैं, वे चलते-फिरते भगवान होते हैं, उनसे कहते हैं कि डॉक्टर साहब इसे बचाओ। उनके पास आर्थिक व्यवस्था है कि नहीं, बिन यह सोचे आपको जिंदगी बचानी पड़ेगी, क्योंकि यही मानवता है।

भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है एम्स ~
राष्ट्रपति ने कहा कि यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि शिक्षा- सेवा व समर्पण के मूल्यों के प्रति निष्ठा व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। एम्स का नाम सुनते ही मन में विश्वस्तरीय इलाज, उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा, आधुनिक टेक्निक व समर्पित डॉक्टर की छवि आंखों के सामने उभरती है। यह संस्थान भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है। यहां हर मरीज को उम्मीद की नई किरण दिखाई देती है।

एम्स ने नवाचार को बनाया कार्यशैली का हिस्सा ~
राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स ने भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। चाहे सर्जरी की नई टेक्निक हो, अर्ली डायग्नोस्टिक के उपकरण हों या आयुष-एलोपैथी के समन्वय से बीमारियों का इलाज, एम्स ने नवाचार को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनाया है। देश का पहला एम्स स्थापित करने का जो उद्देश्य था, उसे पूरा करने में सभी एम्स संस्थान सफल रहे। एम्स सेवा, गुणवत्ता व नवाचार के केंद्र बन गए हैं। एम्स गोरखपुर इस परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। इस संस्थान ने बहुत कम समय में शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह संस्थान सुलभ व सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।

पूर्वी उप्र, सीमावर्ती बिहार व नेपाल के लोगों के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हो रहा गोरखपुर एम्स ~
राष्ट्रपति ने कहा कि कोई गरीब हो, ग्रामीण या शहरी नागरिक, इस संस्थान में समान गुणवत्ता का इलाज उपलब्ध है। पूर्वी उप्र, सीमावर्ती बिहार व नेपाल के लोगों के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के केंद्र के रूप में एम्स गोरखपुर प्रसिद्ध हो रहा है। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि चिकित्सा लोगों की सेवा के साथ ही देश सेवा का माध्यम भी है। डॉक्टरों का समाज व देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉक्टर केवल रोग का इलाज नहीं करते, बल्कि स्वस्थ समाज की नींव भी रखते हैं।

एम्स द्वारा लोगों को मिल रहीं उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं ~
उन्होंने कहा कि जब देश के नागरिक स्वस्थ होते हैं तो उनके कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है और वे राष्ट्र की उन्नति में भागीदार बन सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टरों की सेवाएं गांवों व दूरदराज के क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो। गोरखपुर व देश के अन्य स्थानों पर एम्स की स्थापना इस उद्देश्य से ही की गई है कि देश के हर कोने में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हों। आज पूरे देश में अनेक एम्स कार्यरत हैं, जिनके द्वारा स्थानीय लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में रोजगार और शिक्षा के अवसर भी बढ़े हैं।

कई देशों की तुलना में भारत में कम है इलाज का खर्च ~
राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशों से भी मरीज भारत में इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि यहां इलाज न केवल सुलभ, बल्कि गुणवत्तापूर्ण भी है। भारत में इलाज का खर्च कई देशों की तुलना में बहुत कम है। यह भारत के लिए गौरव की बात है। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में एम्स जैसे संस्थाओं की निर्णायक भूमिका रही है। एम्स की पारदर्शिता, नैतिकता और अनुसंधान आधारित इलाज प्रणाली वैश्विक मंच पर इसे प्रतिष्ठित संस्थान बना रहे हैं। विश्वास है कि गोरखपुर समेत सभी एम्स भारत को वैश्विक चिकित्सा केंद्रों के रूप में स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

डॉक्टरों को इम्पैथी के महत्व को समझना आवश्यक है ~
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों को अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन इम्पैथी के महत्व को समझना आवश्यक है। मेडिकल एजुकेशन से जुड़े हितधारकों से अपील करूंगी कि भावी डॉक्टरों को शुरूआत से ऐसा ईकोसिस्टम प्रदान किया जाए, जिसमें वे अपने कौशल के साथ-साथ डॉक्टर-पेशेंट कम्युनिकेशन, रोल ऑफ इम्पैथी इन हिलिंग और ट्रस्ट बिल्डिंग जैसे विषयों के बारे में भी जानें।

मरीजों की मुस्कान की तुलना कभी अर्थ से नहीं की जा सकती ~
राष्ट्रपति ने कहा कि आप डॉक्टर बने हैं, आपको कई परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर बनने के बाद आप कितने धनवान हुए, कितना सामाजिक सम्मान मिला, लेकिन मरीजों व उनके परिवार के चेहरे पर जो मुस्कान मिलेगी, उसकी तुलना किसी अर्थ से नहीं की जा सकती। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। आपको यह सेवा जिंदगी भर करनी है। स्वास्थ्य रूपी संपदा लोगों को देते जाइए, आपको सुकून मिलेगा। आपके चेहरे पर खुशी मिलेगी। आपका नाम सदा गूंजता रहेगा। करियर व जीवन में हमेशा याद रखें कि चिकित्सा मानव की सेवा है। जहां भी कार्य करें, करुणा व ईमानदारी को चिकित्सा का हिस्सा बनाएं।

राष्ट्रपति ने टेक्नोलॉजी पर की चर्चा ~

राष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी इन मेडिसिन के बारे में सभी जानते हैं। टेली मेडिसिन, एआई इन डायग्नोस्टिक, रोबोटिक सर्जरी, वेरिएबुल हेल्थ टेक जैसे तकनीक चिकित्सा सेवा को बेहतर बना रहे हैं। एम्स के द्वारा रोबोट असिस्टेट सर्जरी, एआई बेस्ड कैंसर डिटेक्शन का उपयोग किया जा रहा है, जो चिकित्सा नवाचार के लिए भारत की तत्परता को दर्शाता है। एआई डिवेन हेल्थ केयर में एथिक्स डेटा प्राइवेसी और ह्यूमन टच बनाए रखने पर भी विचार करना आवश्यक है।

आपकी सफलता में माता-पिता व शिक्षकों की भूमिका ~
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि आप जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, वह आपकी मेहनत व दृढ़संकल्प का परिणाम है, लेकिन इस सफलता में माता-पिता व शिक्षकों की भी भूमिका है। आप अपने ज्ञान का उपयोग केवल करियर में आगे बढ़ने के लिए न करें, बल्कि समाज के उन वर्गों के लिए भी कार्य करें, जिन्हें चिकित्सा सेवाओं की सर्वाधिक आवश्यकता है। उन्होंने कई ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समुदायों के लिए उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं का भी जिक्र किया।

अपने कार्य से रोशन करेंगे नाम~
राष्ट्रपति ने सीएम से हुई चर्चा का भी जिक्र किया। उन्होंने 1-15 साल के गरीब बच्चों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां कभी के उनके पास रहने, खाने, स्वच्छता की व्यवस्था नहीं थी। उन्हें एक बीमारी हो रही थी, लेकिन अब वह बीमारी समाप्त हो गई। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वास है कि आप ऐसे क्षेत्रों व लोगों के लिए अच्छी स्वास्थ्य दिशा के क्षेत्र में कार्य करेंगे और अपने कार्य से एम्स गोरखपुर व देश का नाम रोशन करेंगे।

समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, एम्स गोरखपुर के अध्यक्ष देशदीपक वर्मा, एम्स की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता आदि की मौजूदगी रही।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष होने वाली अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक बैठक इस वर्ष आगामी विक्रम संवत् 2082, ...
23/06/2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष होने वाली अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक बैठक इस वर्ष आगामी विक्रम संवत् 2082, आषाढ़ शुक्ल नवमी, दशमी एवं एकादशी अर्थात दिनांक 4, 5 एवं 6 जुलाई, 2025 को देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रही है। यह बैठक दिल्ली के 'केशवकुंज' संघ कार्यालय में होगी।

देशभर के सभी प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक एवं क्षेत्र प्रचारक तथा सह क्षेत्र प्रचारक बैठक में उपस्थित रहेंगे। संघ की संगठन रचना में कुल 11 क्षेत्र एवं 46 प्रांत बनाये गये हैं। इस बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी शामिल होंगे। गत मार्च में हुई अ. भा. प्रतिनिधि सभा बैठक के पश्चात संपूर्ण देश में अप्रैल, मई एवं जून मास में संघ के विभिन्न स्तरों के प्रशिक्षण वर्ग पूर्ण होने के पश्चात आगामी योजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा की दृष्टि से यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जाती है।

बैठक में हाल ही में संपन्न हुए संघ के प्रशिक्षण वर्गों के वृत्तांत एवं समीक्षा, आगामी शताब्दी वर्ष के निर्धारित विविध कार्यक्रमों की योजना का क्रियान्वयन, पूजनीय सरसंघचालक जी के वर्ष 2025-26 की प्रवास योजना जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। संघ शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रम आगामी विजयादशमी अर्थात 02 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होकर अगले वर्ष विजयादशमी 2026 तक चलेंगे।

पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत, माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी, सभी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी, सी आर मुकुंद जी, अरुण कुमार जी, रामदत्त जी, आलोक कुमार जी, अतुल लिमये जी सहित सभी अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख, सह प्रमुख एवं कार्यकारिणी के सदस्य बैठक में भाग लेने वाले हैं।

बैठक हेतु पूजनीय सरसंघचालक जी का 28 जून को दिल्ली में आगमन होगा।

सुनील आंबेकर
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख

गोरखपुर: राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने शहर में पथ संचलन निकाला। समाज जनों ने पथ संचलन का कई स्थानों पर पुष्प वर्षा...
17/06/2025

गोरखपुर: राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने शहर में पथ संचलन निकाला। समाज जनों ने पथ संचलन का कई स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। 'वंदे मातरम‘ और ‘भारत माता की जय‘ के गगनभेदी उद्घोष से गूंज उठा।
राष्ट्र सेविका समिति काशी व गोरक्ष प्रांत का 15 दिवसीय प्रवेश व प्रबोध वर्ग का आयोजन 05 जून 2025 से एसवीएम पब्लिक स्कूल, चिउहटा मनीराम में किया जा रहा है। वर्ग में 200 सेविकाएँ प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। वर्ग का समापन 19 जून को होगा।

स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति होंगे सजग: मंगेश जी भेंडेआर एस एस, गोरक्ष प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्...
07/06/2025

स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति होंगे सजग: मंगेश जी भेंडे

आर एस एस, गोरक्ष प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) व घोष शिक्षा वर्ग का प्रकट समारोह संपन्न

बलिया। जिले के चितबड़ागांव स्थित जमुनाराम मेमोरियल स्कूल में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गोरक्ष प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) व घोष शिक्षा वर्ग का प्रकट समारोह गुरुवार 05 जून दिन गुरुवार को देर रात्रि पूरी दिव्यता व भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत प्रणाम, ध्वजारोहण और प्रार्थना के साथ हुई। इसके पश्चात शिक्षार्थियों ने प्रभावशाली शारीरिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया।

मंचस्थ अतिथियों में इस प्रकट समारोह के मुख्य अतिथि जखनियां गाजीपुर स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ के मठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर पूज्य भवानीनन्दन यति जी महाराज, मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख मंगेश जी भेंडे, इस वर्ग के सर्वाधिकारी निर्मलचंद्र यादव, घोष शिक्षा वर्ग के वर्गाधिकारी रामसिंगार व बलिया विभाग के विभाग संघचालक राम प्रताप थे। समापन सत्र में वर्ग कार्यवाह विनय सिंह ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया। वर्ग के सर्वाधिकारी निर्मल चन्द्र ने संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) व घोष शिक्षा वर्ग के वर्गाधिकारी रामसिंगार ने घोष शिक्षा वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वर्ग के सर्व व्यवस्था प्रमुख अरुण मणि द्वारा किया गया।उल्लेखनीय है कि यह वर्ग गत 21 मई 2025 की संध्या, भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुआ था।

एकलगित के पश्चात मुख्य वक्ता श्री मंगेश जी भेंडे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विकास में प्रशिक्षण वर्ग का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज हम जिस प्रशिक्षण वर्ग में बैठें हैं वो सन 1927 में प्रारम्भ हुआ था। इस विजयादशमी उत्सव पर संघ अपना सौवां वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि संघ के संस्थापक परम पूज्य डॉ0 केशवराव बलिराम हेडगेवार जी ने संघ की नींव डाली। डॉ0 हेडगेवार जी जन्मजात देशभक्त थे। इसका एक उदाहरण इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि जब महारानी विक्टोरिया के जन्मदिन पर विद्यालयों में बांटी जा रही थी तब बालक केशव ने उस मिठाई को कूड़े में फेंक दिया और साथियों को भी प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिन्होंने हमारे देश को गुलाम बनाया उसका हम जन्मदिन क्यों मनाएं। जब वो मैट्रिक में पढ़ाई कर रहे थे तब वो वन्देमातरम आंदोलन में कूद पड़े और कहा कि जिस स्कूल में भारत माता की जय नहीं होगा उस स्कूल में मैं कदम भी नहीं रखूंगा। स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

उन्होंने आगे बताया कि भारत की स्वतंत्रता में भाग लेने व क्रांतिकारी बनने की इच्छा से मेडिकल की पढ़ाई के बहाने वो कलकत्ता गए जहां वो क्रांतिकारियों के संगठन अनुशीलन समिति के सदस्य बने जहां क्रांतिकारियों ने उन्हें कोकेन नाम से सम्बोधित किया। उन्होंने आगे कहा कि सन 1916 में परम् पूज्य डॉ0 हेडगेवार जी जब मेडिकल की शिक्षा पूर्ण कर वापस आये तभी उनके मन में हिन्दू संगठन की स्थापना का विचार आया जो राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर कार्य करेगा। संघ की स्थापना उन्होंने सन 1925 में की। इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि संघ की स्थापना अचानक से नहीं हो गया, बल्कि उसकी स्थापना के पीछे डॉ0 हेडगेवार जी की वर्षों कीये चिंतन व मनन का परिणाम था जो संघ की स्थापना के 10 वर्षों पूर्व डॉ0 हेडगेवार जी के विचार में आया था। उन्होंने आगे कहा कि डॉ0 हेडगेवार भारत को परम वैभव पर ले जाने व विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने की दृढ़ प्रतिज्ञ थे जिसे उन्होंने साकार किया। उन्होंने आगे बताया कि डॉ0 हेडगेवार जी ने संघ के प्रथम सरसंघचालक के रूप में 15 वर्ष तक कार्य किया। इस अवधि में डॉ0 साहब ने शाखाओं के माध्यम से संघ को अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान किया।

उन्होंने आगे बताया कि संघ सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है। आज संघ दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। आज देश में 85 हजार शाखा चल रहीं है तथा आज स्वयंसेवक हर क्षेत्र में अग्रसर हैं। आज 1 लाख 40 हजार सेवा कार्य संघ के स्वयंसेवक कर रहें हैं। उन्होंने पंच परिवर्तन के विषय में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पिछले लगभग 99 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहा है। भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन को गति देने एवं समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से संघ ने समाज में पंच परिवर्तन यथा स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता एवं कुटुम्ब प्रबोधन का आह्वान किया है ताकि अनुशासन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करे। इस पंच परिवर्तन कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू कर समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।

उन्होंने आगे बताया कि स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सद्भाव से ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे। समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देने की आज महती आवश्यकता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हथियाराम मठ के मठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर पूज्य भवानीनन्दन यति जी महाराज ने कहा कि स्वयंसेवकों की कठिन साधना और परिश्रम, आत्मबल उनको निश्चित ही सफलता के शिखर पर लेकर जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है जो विभिन्न्न विघ्न बाधाओं को पार करते हुए अपने लक्ष्य को पूर्ण करती है। उन्होंने आगे कहा कि संघ व उसके स्वयंसेवक स्वयं का राज नहीं बल्कि रामराज्य की अभिलाषा रखतें हैं। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीयता का उन्नयन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से ही होगा। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों के उज्ज्वल भविष्य व यशस्वी होने का आशीर्वाद दिया।

वर्ग के संचालन हेतु 43 प्रशिक्षक और 54 कार्यकर्ता व्यवस्था में लगे थे। प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक अनुशासित रूप से शारीरिक एवं बौद्धिक प्रशिक्षण आयोजित होता रहा। प्रत्येक दिन का शुभारंभ ‘एकात्मता स्तोत्र’ व संघ प्रार्थना से होता था।

समापन समारोह में प्रान्त प्रचारक रमेशजी, सह प्रान्त प्रचारक सुरजीत, वर्ग पालक सुरेश शुक्ल, प्रान्त शारीरिक शिक्षण प्रमुख तुलसीराम, बलिया विभाग के विभाग प्रचारक अम्बेश के साथ संघ के विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता, स्वयंसेवक, विभिन्न वैचारिक संगठनों के पदाधिकारी और समाज के विभिन्न वर्गों के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

गोरक्ष प्रान्त संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोहमुख्य अतिथि महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज, मुख्य वक्ता मं...
05/06/2025

गोरक्ष प्रान्त संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह

मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज, मुख्य वक्ता मंगेश जी भेंडे अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख, वर्ग के सर्वाधिकारी निर्मल चंद्र जी, घोष वर्ग के वर्गाधिकारी राम सिंगर जी, बलिया के विभाग संघचालक राम प्रताप जी

बलिया में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग ( सामान्य) एवं घोष वर्ग के पूर्ण होने पर के अव...
05/06/2025

बलिया में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग ( सामान्य) एवं घोष वर्ग के पूर्ण होने पर के अवसर पर आयोजित " प्रकट समारोह"..🚩

राम राज अभिषेकु सुनि हियँ हरषे नर नारि।लगे सुमंगल सजन सब बिधि अनुकूल बिचारि॥श्री राम मन्दिर के प्रथम तल में प्रभु श्री र...
05/06/2025

राम राज अभिषेकु सुनि हियँ हरषे नर नारि।
लगे सुमंगल सजन सब बिधि अनुकूल बिचारि॥

श्री राम मन्दिर के प्रथम तल में प्रभु श्री राम दरबार का भव्य,दिव्य एवं अलौकिक दर्शन !!

सियावर रामचंद्र की जय 🙏🏻

राष्ट्र सेविका समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (गोरक्ष व काशी प्रांत) के प्रवेश/प्रबोध वर्ग का हुआ शुभारंभराष्ट्र सेवि...
05/06/2025

राष्ट्र सेविका समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (गोरक्ष व काशी प्रांत) के प्रवेश/प्रबोध वर्ग का हुआ शुभारंभ

राष्ट्र सेविका समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (गोरक्ष व काशी प्रांत) का 15 दिवसीय प्रवेश व प्रबोध प्रशिक्षण वर्ग का एस वी एम पब्लिक स्कूल चिउटहा मानीराम ,गोरखपुर में आज भूमि पूजन के साथ शुभारंभ हुआ।

राष्ट्र सेविका समिति की क्षेत्र प्रचारिका शशि जी, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख के. सीताअक्का ने वर्ग का शुभारंभ किया। भूमि पूजन में मुख्य यजमान डॉ नीना अस्थाना, डॉ आशीष व हरिश्चंद जी सपत्नीक उपस्थित रहे।।

05 जून 2025 से प्रारंभ हो रहे इस प्रबोध व प्रवेश वर्ग में गोरक्ष प्रांत व काशी प्रांत की 210 बहने प्रतिभाग कर रहे।।प्रबोध व प्रवेश वर्ग में भाग ले रही पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के दो प्रांतों की गृहणी, तरूणी, विद्यार्थी सेविकाएं 15 दिनों तक शारीरिक, बौद्धिक प्रशिक्षण के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय, सामाजिक सांगठनिक वैचारिक विषयों पर समूह चर्चा, उद्बोधन पर संवाद विमर्श तथा व्यक्तित्व व सामाजिक विकास की गतिविधियों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।।इस वर्ग का समापन 20 जून को होगा।।

इस वर्ग में वर्गाधिकारी के रूप अंजू सिंह व वर्ग कार्यवाहिका के रूप में माया जी पूरे समय उपस्थित रहेंगी।।

उक्त अवसर पर आत्म ज्योति सिंह, सोनिका खरवार, प्रीति त्रिपाठी, अल्का सिन्हा, डॉ उमेश सिंह, शुभ्रा, सुधेंद्र सिंह, तारकेश्वर, सुधीर राय, दुर्गा राय, भानु चंद, परमानंद त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।।

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