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यह एक पुर्तगाली जहाज था जो 1533 में लिस्बन से रवाना हुआ था। सदियों तक इसका अता-पता नहीं था, लेकिन इसके अवशेष नामीबिया के...
04/11/2024

यह एक पुर्तगाली जहाज था जो 1533 में लिस्बन से रवाना हुआ था। सदियों तक इसका अता-पता नहीं था, लेकिन इसके अवशेष नामीबिया के रेगिस्तान में हीरे की खदानों के पास समुद्र तट के पास खोजे गए।

बॉम जीसस एक दिलचस्प और बहुत ही मूल्यवान खोज साबित हुआ: जहाज पर कई स्पेनिश और पुर्तगाली सोने के सिक्के मिले (जिन्होंने जहाज की पहचान करने में मदद की), लगभग दो हजार जर्मन तांबे की सिल्लियाँ और 100 से अधिक हाथी दांत थे। सभी संपत्तियों का कुल मूल्य विशेषज्ञों द्वारा $13 मिलियन आंका गया है।

पाँच सौ साल पहले गायब हुआ एक जहाज, अफ्रीकी रेगिस्तान में सोने के सिक्कों के साथ पाया गया, यह हाल के वर्षों की सबसे रोमांचक पुरातात्विक खोजों में से एक बन गया है।
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𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢* Depart early in the morning from your location...
26/06/2024

𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧
𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢
* Depart early in the morning from your location via the Prithvi Highway.
* Have lunch on the way.
* Visit Lumbini, the birthplace of Lord Buddha.
* Explore the Lumbini Garden and the Mayadevi Temple.
* Stay at Lumbini.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟐: 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐭𝐨 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel and head towards Bharatpur.
* Enjoy the scenic journey.
* Explore Bharatpur and visit the Narayani River.
* Have lunch on the way.
* Stay at Bharatpur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟑: 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐏𝐚𝐫𝐤
* After breakfast, head to Chitwan National Park.
* Enjoy a jungle safari and elephant ride.
* Visit the Elephant Breeding Center.
* Have lunch inside the park.
* Return to the hotel in the evening.
* Have dinner at the hotel.
* Stay at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟒: 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel.
* Head towards Bandipur.
* Have lunch on the way.
* Explore Bandipur, visit Siddha Gufa (cave), and enjoy the local culture.
* Stay at Bandipur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟓: 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮
* Have breakfast at the hotel.
* Head back to Kathmandu.
* Have lunch on the way.
* Reach Kathmandu by evening.
𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐬:
✅ Lunch
✅ Dinner
✅ Breakfast
✅ Room Accommodation (sharing basis)
✅ Transportation (bus or jeep as per your preference)
𝐍𝐨𝐭 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞:
❌ Snacks & cuisines
❌ Drinking beverages (Beer, Mineral Water)
❌ Personal expenses
❌ Travel Insurance
❌ Overstay due to any natural calamities/strikes
**Note:** Schools and colleges are planning to go on a tour. Remember, we offer special discounts for schools and colleges. These special discounts will be provided for schools and colleges.
𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭

22/06/2024

ईद मनाने पर लगेगा प्रतिबंध !

बकरीद मनाने पर लगेगा प्रतिबंध !

मुस्लिम बाहुल्य देश तजाकिस्तान लगाएगा बकरीद और ईद पर बैन !

तजाकिस्तान के अपर हाउस ने ईद और बकरीद पर बैन लगाने वाला बिल पास किया है।

हिजाब पर पहले ही बैन लगा चुका है तजाकिस्तान।

"ईद, बकरीद, हिजाब, बुर्का हमारे तजाकिस्तान की सभ्यता और संस्कृति में नहीं है

इन चीजों को मिडिल ईस्ट के देशों से लाया गया है इसलिए हम इन चीजों को तजाकिस्तान में प्रतिबंधित करेंगे।"

22/06/2024

बंगाल में ये क्या चल रहा है !

मास एजुकेशन और पुस्तकालय बजट - 404 करोड़

इलेक्ट्रॉनिक और IT बजट - 104 करोड़

लघु उद्योग कारखाना बजट - 1262 करोड़

उत्तर बंगाल विकास बजट - 861 करोड़

मदरसा शिक्षा बजट - 5530 करोड़

कुल बजट को मिला भी दें तो मदरसा बजट से कम है।

अकेले मदरसा का बजट सब पर भारी है।

सऊदी अरब ने इजरायल-हमास युद्ध से संबंधित सोशल-मीडिया पोस्ट के लिए नागरिकों की गिरफ्तारी तेज कर दी है। ऐसा माना जा रहा है...
03/05/2024

सऊदी अरब ने इजरायल-हमास युद्ध से संबंधित सोशल-मीडिया पोस्ट के लिए नागरिकों की गिरफ्तारी तेज कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कार्रवाई सऊदी अरब के इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों पर सहमत होने की इच्छा का संकेत है। सऊदी अरब ने कहा है कि अगर इजरायल फिलिस्तीनी राज्य के लिए प्रतिबद्ध हो तो वह राजनयिक संबंध स्थापित कर सकता है। ऑनलाइन टिप्पणियों के लिए लोगों को हिरासत में लेना सऊदी अरब में आम बात है, यहां तक कि कई मामलों में 10 साल के बच्चों को भी गिरफ्तार किया गया है।
सऊदी अरब में स्वतंत्र भाषण और राजनीतिक अभिव्यत्ति पर अघोषित प्रतिबंध पहले से ही लागू है। फिर भी, रियाद स्थित राजनयिकों और मानवाधिकार समूहों के अनुसार, गिरफ्तारियों की हालिया श्रृंखला विशेष रूप से हमास के इजरायल पर 7 अक्टूबर के घातक आक्रमण और उसके परिणामों से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं से प्रेरित है। हमास समर्थित अधिकारियों के अनुसार, गाजा पर इजरायल की जवाबी बमबारी में 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और कई अन्य को भोजन और स्वास्थ्य देखभाल की तत्काल आवश्यकता है। इससे पूरे अरब जगत और अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में एक लोकप्रिय इजरायल विरोधी प्रतिक्रिया शुरू हो गई है, जहां विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसक झड़पें हुई हैं। बुधवार को अमेरिका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन जैसे क्षेत्रीय सहयोगी इस प्रवृत्ति से चिंतित हैं, उन्हें डर है कि ईरान और इस्लामवादी समूह विद्रोह की लहर को भड़काने के लिए संघर्ष का फायदा उठा सकते हैं। एक दशक से भी अधिक पहले की अरब क्रांति की यादें क्षेत्रीय शासकों के बीच ताजा बनी हुई है। ये सभी देश ऐसे हालातों को फिर से पैदा न होने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मामले की जानकारी रखने वाले सऊदी अरब के अंदर और बाहर के लोगों के अनुसार, हाल ही में सऊदी हिरासत में ऐसे व्यक्ति को लिया गया है, जो प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊदी के विजन 2030 वाली आर्थिक परिवर्तन योजना में शामिल एक कंपनी में बड़े पोस्ट पर तैनात था। हिरासत में लिए गए व्यक्ति ने गाजा संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त किए जिन्हें अधिकारियों ने भड़काने वाला माना।



रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी टॉक शो होस्ट टकर कार्लसन से कहा यूक्रेन में युद्ध का विस्तार करने में हमें कोई दिलचस्पी नहीं ...
09/02/2024

रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी टॉक शो होस्ट टकर कार्लसन से कहा यूक्रेन में युद्ध का विस्तार करने में हमें कोई दिलचस्पी नहीं है।' कार्लसन ने साक्षात्कार मे पूछा,"क्या आप ऐसे परिदृश्य की कल्पना कर सकते हैं जहां आप रूसी सैनिकों को पोलैंड भेजेंगे?"

इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम एक ही मामले में अपनी सेना पोलैंड भेजेंगे जब वो देश हम पर आक्रमण करेंगे। पुतिन ने आगे कहा कि हमें पोलैंड, लातविया या कहीं और आक्रमण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

गाजा में छिड़ी लड़ाई अब फैलती जा रही है. लाल सागर में बने तनाव के बीच अमेरिका और ईरान में ठन गई है. पिछले दिनों जॉर्डन म...
08/02/2024

गाजा में छिड़ी लड़ाई अब फैलती जा रही है. लाल सागर में बने तनाव के बीच अमेरिका और ईरान में ठन गई है. पिछले दिनों जॉर्डन में ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई. इसके बाद गुस्साए अमेरिका ने ताबड़तोड़ बमबारी शुरू कर दी. उसने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया और ईरानी ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के दर्जनों ठिकानों पर हमले किए हैं. अब खबर है कि इराक में ईरान समर्थित कताइब हिज्बुल्लाह के एक सीनियर कमांडर को भी ढेर कर दिया गया है. चार साल पहले जिस तरह से बगदाद एयरपोर्ट के पास ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मारा गया था, ठीक उसी तरह अमेरिका ने ड्रोन हमले में अपने दुश्मन को उड़ा दिया है.

*इस घटना से देश में कोई आग नहीं लगी।*मेरठ(उत्तर प्रदेश) के पास लोइया गांव में शबी अहमद के खेत से एक कुत्ता किसी मानव अंग...
11/08/2023

*इस घटना से देश में कोई आग नहीं लगी।*

मेरठ(उत्तर प्रदेश) के पास लोइया गांव में शबी अहमद के खेत से एक कुत्ता किसी मानव अंग को लेकर भाग रहा था।

*कुत्ते को मानव अंग लेकर भागते हुए ईश्वर पंडित ने देखा और उन्हें शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गयी।*

*पुलिस ने आकर शबी अहमद के खेत की खुदाई की तो एक लाश मिली। लाश किसी महिला की थी जिसका सिर और दोनों हाथ गायब थे।*

पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और हत्यारे की खोजबीन शुरु कर दी।

हत्यारे को पकड़ना इतना आसान न था क्योंकि लाश का सिर गायब था। इसलिए उस लाश की शिनाख्त भी नहीं हो सकती थी।

गांव के आसपास ऐसी कोई महिला गायब भी नहीं थी जिसकी हत्या पर शक जाता हो।

तब वहां के एस एस पी साहनी ने एक तरक़ीब सोची,

*उन्होंने सोचा हो न हो लड़की कहीं बाहर से गांव में लाई गई है।*

गांव में कोई कुछ बताने को तैयार न था।

*एसएसपी साहनी ने तय किया कि गांव के जितने भी लड़के गाँव से बाहर नौकरी करते हैं वहां जाकर छानबीन की जाए। वहां के सभी थानों से संपर्क करके पता किया जाए कि क्या वहां किसी लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है ?*

एसएसपी साहनी की ये योजना काम कर गयी और पंजाब में लुधियाना से एक 23 वर्षीय युवती के गायब होने की सूचना मिली।

*लुधियाना के मोतीनगर थाने में इस युवती के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज थी जो कि बी.कॉम द्वितीय वर्ष की छात्र थी। इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जो जांच पड़ताल की उससे जो कहानी निकलकर सामने आयी वो इस प्रकार है।*

एकता देशवाल संभ्रांत और आधुनिक परिवार की लड़की थी जो बी.कॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी।

*और वहीं उससे टकराया शाकिब अहमद।*

*शाकिब वहां नौकरी करता था लेकिन उसने अपना काम और पहचान दोनों एकता से छिपाई। उसने एकता को अपना नाम "अमन" बताया।*

*उसे अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसाया कि एकता उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी। अमन ने उससे कहा कि वह घर से गहने लेकर आ जाए और वो लोग वहां से कहीं दूर जाकर नई जिन्दगी शुरु करेंगे।*

वह अमन के झांसे में आ गयी और करीब 25 लाख कीमत के गहने और नकद लेकर वह घर से फरार हो गयी। अमन उसे लेकर सीधा मेरठ के दौराला पहुंचा जो कि एक कस्बा है।

वहां किराये पर एक कमरा लेकर दोनों करीब एक महीने तक रहे।

*इसके बाद ईद के मुबारक मौके पर अमन उसे लेकर अपने घर आ गया जहां एकता को उसकी असलियत सामने आयी कि वो अमन नहीं बल्कि शाकिब है।*

*अमन का भांडा फूटते ही एकता को बड़ा झटका लगा। ईद के दिन दोनों में दिनभर झगड़ा होता रहा।*

*शाकिब अब समझ गया कि अब इसे रास्ते से हटाने का समय आ गया है। बिना उसे रास्ते से हटाये 25 लाख के गहने उसके नहीं होंगे!*

और उसका लव जेहाद का मकसद भी पूरा नही होगा !

कही लड़की भाग गई तो भांडा भी फूट जाएगा और 25 लाख का घाटा हो जाएगा।

*इसलिए शाकिब ने ईद की उसी रात उसके हत्या की योजना बनाई। ईद की रात उसने एकता को कोल्डड्रिंक में नशीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया।*
*इसके बाद उसी बेहोशी की हालत में वह कुछ शांतिदूत समुदाय के दोस्तों और अपने परिवार के लोगो के साथ मिलकर खेत पर ले गया जहां शाकिब ने बेहोशी की हालत में एकता की गला काटकर हत्या कर दी।*

गला काटने के बाद उसके दोनों हाथ भी काट दिये गये क्योंकि एकता ने अपने एक हाथ पर अपना नाम और दूसरे पर अपने प्यार "अमन" का नाम गुदवा रखा था।

शाकिब को शक था कि अगर पुलिस को ये सबूत मिल गया तो भांडा फूट सकता है। लेकिन अमन गलत साबित हुआ।

सालभर लगे लेकिन उसका भांडा फूटा। आज उस सिर कटी लाश के रहस्य से पर्दा उठ चुका है और शाकिब अपने दोस्तों और परिवार के कुछ लोगो सहित पुलिस की गिरफ्त में है.

*ताजा खुलासा ये है कि एकता की हत्या में शाकिब का भाई मुस्सरत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा और इस्मत की पत्नी मुस्सरत भी शामिल थे।*

सब ने मिलकर उस मासूम लड़की को पहले नंगा किया।

फिर उसके दोनों हाथ काटे। सिर काटा।

और हाथ और सिर को पास के तालाब में फेंक दिया।

सिर कटी लाश को जमीन में दफन कर दिया।

किसलिए ?

*इंतहा तो ये है कि इसके बाद भी शाकिब एकता का मोबाइल आपरेट करता रहा।*

*उसका फेसबुक एकाउण्ट चलाता रहा। एकता बनकर वह एकता के घरवालों को मैसेज की रिप्लाई भी करता रहा और घरवालों को लगता रहा कि बेटी भागकर जरूर गयी है लेकिन अमन के साथ खुश है।*

लेकिन 20 मई को जब पहली बार पुलिस का फोन आया तो सच्चाई सामने आयी।

अब कर भी क्या सकते हैं? बेटी हाथ से जा चुकी है।

*सामने है तो कफन में लिपटा वो सीलबंद फावड़ा जिससे उनके बेटी की कब्र खोदी गयी थी।‘’*



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अगस्त 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना। कश्मीर पर पाकिस्तान की शुरू से ही नजर थी। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्...
05/08/2023

अगस्त 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना। कश्मीर पर पाकिस्तान की शुरू से ही नजर थी। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान की मदद से कबाइलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया। वहां के राजा हरि सिंह ने जम्मू कश्मीर का भारत में विलय कर दिया और भारतीय सेना ने कबाइलियों को खदेड़ दिया। उस वक्त कश्मीर पर कब्जे की पाकिस्तानी हसरत अधूरी रह गई।
1960 के दशक में पाकिस्तान की ये आस फिर जगी। इसकी दो बड़ी वजहें थीं। पहली- 1962 में भारत-चीन युद्ध की वजह से सेनाएं पस्त हो चुकी थीं। दूसरी- 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन की वजह से भारतीय राजनीति में एक वैक्यूम बन गया था।

इसका फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने प्लान किया ऑपरेशन जिब्राल्टर। ये 5 अगस्त 1965 यानी आज से 58 साल पहले लॉन्च हुआ।
स्पेन के पास जिब्राल्टर नाम का एक छोटा द्वीप है। 8वीं सदी में अरब देशों की सेना यूरोप जीतने के लिए पश्चिम की ओर चली तो उनका पहला पड़ाव यही जिब्राल्टर द्वीप ही था। यहीं से आगे बढ़ते हुए अरबी सेना ने पूरे स्पेन पर जीत दर्ज की थी। पाकिस्तान को लगता था कि एक बार उसने भारत के जिब्राल्टर यानी कश्मीर पर कब्जा कर लिया तो पूरे स्पेन यानी भारत पर दबदबा बना लेगा।
भास्कर एक्सप्लेनरकश्मीर कब्जाने चले पाकिस्तान से छिन जाता लाहौर:आज ही लॉन्च हुआ था ऑपरेशन जिब्राल्टर, जिसने छेड़ी 1965 की जंग

7 घंटे पहले



अगस्त 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना। कश्मीर पर पाकिस्तान की शुरू से ही नजर थी। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान की मदद से कबाइलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया। वहां के राजा हरि सिंह ने जम्मू कश्मीर का भारत में विलय कर दिया और भारतीय सेना ने कबाइलियों को खदेड़ दिया। उस वक्त कश्मीर पर कब्जे की पाकिस्तानी हसरत अधूरी रह गई।

1960 के दशक में पाकिस्तान की ये आस फिर जगी। इसकी दो बड़ी वजहें थीं। पहली- 1962 में भारत-चीन युद्ध की वजह से सेनाएं पस्त हो चुकी थीं। दूसरी- 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन की वजह से भारतीय राजनीति में एक वैक्यूम बन गया था।

इसका फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने प्लान किया ऑपरेशन जिब्राल्टर। ये 5 अगस्त 1965 यानी आज से 58 साल पहले लॉन्च हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे ऑपरेशन जिब्राल्टर की पूरी कहानी। कश्मीर कब्जाने चले पाकिस्तान से लाहौर छिनने की नौबत कैसे आ गई…

ऑपरेशन जिब्राल्टर- नाम से ही मंसूबे साफ

स्पेन के पास जिब्राल्टर नाम का एक छोटा द्वीप है। 8वीं सदी में अरब देशों की सेना यूरोप जीतने के लिए पश्चिम की ओर चली तो उनका पहला पड़ाव यही जिब्राल्टर द्वीप ही था। यहीं से आगे बढ़ते हुए अरबी सेना ने पूरे स्पेन पर जीत दर्ज की थी। पाकिस्तान को लगता था कि एक बार उसने भारत के जिब्राल्टर यानी कश्मीर पर कब्जा कर लिया तो पूरे स्पेन यानी भारत पर दबदबा बना लेगा।

ऑपरेशन जिब्राल्टर की प्लानिंग और मकसद

1950 के दशक में कश्मीर पर कब्जे के लिए पाकिस्तान आर्मी के दिमाग में एक आइडिया आया। बेसिक प्लान था- घुसपैठ करके हमला। ऑपरेशन जिब्राल्टर अयूब खां के दिमाग की उपज थी और उसने ही जनरल मलिक को आदेश दिया था कि इस बारे में सेनाध्यक्ष जनरल मूसा को भी ज़्यादा जानकारी नहीं दी जाए।

इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तानी मिलिट्री एक तरफ 40 हजार लोगों को ट्रेनिंग दे रही थी और दूसरी तरफ इन लोगों को घुसपैठ कराने के लिए खुफिया जानकारी जुटा रही थी। इसी दौरान दिसंबर 1963 में श्रीनगर की हजरत बल दरगाह से कुछ पवित्र अवशेष गायब होने से अशांति फैल गई। मौके का फायदा उठाकर पाकिस्तान कुछ लोगों को घुसपैठ कराने में कामयाब रहा।

ऑपरेशन जिब्राल्टर में शामिल लोगों को दो काम दिए गए। पहला- कश्मीरी मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काना और दूसरा- भारतीय सेना की महत्वपूर्ण पोस्ट और चोटियों पर कब्जा करना।
ऑपरेशन जिब्राल्टर के लड़ाकों को 6 समूहों में बांटा गया था और उन्हें मुस्लिम योद्धाओं के 'कोड नेम' दिए गए थे... तारिक, कासिम, खालिद, सलाउद्दीन, गजनवी और बाबर। सभी समूहों को पाकिस्तान के एलीट स्पेशल सर्विसेज ग्रुप का एक-एक ऑफिसर दिया गया था।

कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले सैनिकों की संख्या करीब 5 हजार थी, वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये 30 से 40 हजार हो सकती है। असली संख्या का पता आज तक नहीं चल सका।

5 अगस्त, 1965 को जिब्राल्टर फोर्स ने घुसपैठ की। उसी रात जम्मू के गलूटी इलाके में एक भारतीय गश्ती दल पर 70 जिब्राल्टर सैनिकों ने हमला किया। गुलमर्ग के पास पीरपंजाल पर भी भिड़ंत हुई। खालिद फोर्स ने 4 कुमाऊं रेजिमेंट के बेस पर हमला किया, तो सलाउद्दीन फोर्स श्रीनगर में दाखिल हो गई।
5 अगस्त 1965 को गुलमर्ग के पास मोहम्मद दीन अपनी भेड़ें चरा रहे थे। अचानक से उनके पास हरी सलवार-कमीज पहने दो अजनबी आए और 400 रुपए देकर पूछा कि क्या इस इलाके में भारतीय सेना की कोई चौकी है? उसी समय जम्मू के मेंढर इलाके में स्थानीय वजीर मोहम्मद से यही सवाल पूछा। दोनों ने ही इसकी जानकारी फौरन भारतीय सेना को दे दी।

भारतीय सेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल हरबख्श सिंह ने माना कि कागज पर ऑपरेशन जिब्राल्टर जबर्दस्त योजना थी, लेकिन इसे लागू करने में कई गलतियां हो गईं।

ऑपरेशन में भेजे गए कई सैनिक सर्दी में मर गए। कुछ सैनिकों के पास लड़ाई का कोई मोटिवेशन नहीं बचा। घुसपैठ करके आए कमांडर्स को कश्मीरी तक बोलना नहीं आता था।

उन्हें कश्मीर में चलने वाले वजन के पैमानों की जानकारी भी नहीं थी। वो दुकान पर कुछ खरीदने की कोशिश करते तो फौरन पहचान लिए जाते। लोकल कश्मीरी भी उनके खिलाफ थे, क्योंकि इस ऑपरेशन का बुरा असर उनकी जिंदगी पर भी पड़ रहा था।

8 अगस्त को आकाशवाणी ने जिब्राल्टर फोर्स के पकड़े गए 4 अफसरों को इंटरव्यू प्रसारित किए। उन्होंने पूरा प्लान बता दिया।
एक ऐसा ऑपरेशन, जिसे पाकिस्तान के टॉप अधिकारियों से भी छुपाकर रखा गया,


जम्‍मू कश्‍मीर के लिए पाकिस्‍तान किस हद तक नीचता पर उतर सकता है, इसका नजारा पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) की प्रांती...
23/07/2023

जम्‍मू कश्‍मीर के लिए पाकिस्‍तान किस हद तक नीचता पर उतर सकता है, इसका नजारा पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) की प्रांतीय सभा में देखने को मिला। यहां पर उसने भारत की जेल में बंद यासीन मलिक की 11 साल की बेटी का इस्‍तेमाल कर वही बातें कहीं जो वह हमेशा से कहता आया है। मगर कश्‍मीर के बुद्धिजीवियों और कश्‍मीर मामलों के जानकारों की मानें तो इस बार भी पाकिस्‍तान को कामयाबी नहीं मिल पाएगी। उनका मानना है कि पिछले तीन दशक से पाकिस्‍तान यही प्रपोगेंडा चला रहा है लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वह मुंह के बल गिरेगा।
लंदन स्थित नेशनल इक्‍वैलिटी पार्टी जम्‍मू कश्‍मीर गिलगित बा‍ल्टिस्‍तान एंड लद्दाख (JKBGL) के मुखिया प्रोफेसर सज्‍जाद रजा ने अपने ट्विटर हैंडल पर पाकिस्‍तान की नई असफल साजिश के बारे में विस्‍तार से लिखा है। रजा ने लिखा, 'यासीन मलिक की शादी के पीछे यही योजना थी। कश्मीर में 35 लाख से ज्‍यादा महिलाएं हैं लेकिन मलिक को कोई साथी नहीं मिला और उन्होंने एक पाकिस्तानी महिला से शादी कर ली।'

उन्‍होंने आगे लिखा, 'यह महिला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के साथ काम करती है। अब अगले 60-70 सालों तक कश्मीर बनेगा पाकिस्तान के प्रचार को जारी रखने के लिए पाकिस्तान के हाथ में 'कश्मीर की बेटी' मिल गई है। लेकिन वह भी मकबूल बट के बच्चों की विफलता की तरह असफल होगी। सत्य की हमेशा जीत होती है। जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। पाकिस्तान के सारे मंसूबे नाकाम हो जाएंगे। जम्मू कश्मीर के लोग अब पाकिस्तान से तंग आ चुके हैं।' सज्‍जाद रजा लंदन में रहते हैं।
यासीन मलिक की 11 साल की बेटी रजिया सुल्‍तान ने पीओके एसेंबली में अपने पिता की स्थिति पर लिखा हुआ भाषण पढ़ा था। उसने बड़े ही भावुक अंदाज में भारत सरकार से अपील की कि उसे उसके बीमार पिता से मिलने की मंजूरी अनुमति दी जाए। कश्मीर के पूर्व आतंकी से राजनेता बना 57 साल का यासीन मलिक इस समय भारत की राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली स्थित त‍िहाड़ जेल में बंद हैं। रजिया ने मुजफ्फराबाद में क्षेत्रीय विधान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उसका प‍िता कश्‍मीर में लड़ाई की नई रोशनी बन चुका है।
रजिया के शब्‍द थे, 'मेरे पिता कश्मीर के हित लिए नई रोशनी हैं। मुझे उम्मीद है कि मेरे पिता को फर्जी मामले से रिहा कर दिया जाएगा और वह जल्द ही हमारे बीच होंगे। ' उसका भाषण टीवी पर टेलीकास्‍ट किया गया था। उसने कहा, 'मुझे अपने पिता से मिलना और उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताना अच्छा लगेगा। जब मैं अपने पिता से मिला तो मैं केवल दो साल की थी । मैं अब 11 साल का हो गई हूं। मुझे अपने पिता की बहुत याद आती है। मैं उनकी आवाज सुनने के लिए तरस रही हूं।' यासीन मलिक को अप्रैल 2019 में भारत की राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद विरोधी कानूनों और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के तहत गिरफ्तार किया था। उसे साल 2022 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

चाँद के प्यार में ❣️❣️
14/07/2023

चाँद के प्यार में ❣️❣️

पीएम मोदी दो दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं. दौरे के पहले दिन पेरिस में उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री ने यहां रह...
14/07/2023

पीएम मोदी दो दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं. दौरे के पहले दिन पेरिस में उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री ने यहां रहने वाले भारतीय समुदायों को संबोधित किया और कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए.

रात में पीएम मोदी ने पेरिस के एलिसी पैलेस में राष्ट्रपति मैक्रों के साथ डिनर किया. यहीं उन्हें सर्वोच्च सम्मान से भी नवाज़ा गया.
प्रधानमंत्री मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. हालांकि दुनियाभर के दूसरे नेताओं को ये सम्मान मिल चुका है. जैसे - जर्मनी की पूर्व चांसलर एंगेला मर्केल, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, राजकुमार किंग चार्ल्स आदि.




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