15/08/2025
इ 'ककहरा', भोजपुरी साहित्य खातिर एगो नया शुरुआत हऽ। इ किताब खाली ओही रचनाकारन के सोझा नइखे लावऽतिया, जवन इतिहास में हाशिया पऽ छूट गइलें, बलुक इहो बतावऽतिया कि भोजपुरी साहित्य के आलोचना के अउर समृद्ध करे के जरुरत बा। इ किताब, ओइसन पाठकन बदे बा, जे भोजपुरी के साहित्यिक परंपरा के समझल-बुझल चाहत बाड़न, ओह विद्वानन खातिर भी, जे एह दिशाई शोध करे के चाहत बाड़न, संगे-संग ओह रचनाकारन खातिर, जे आपन भाषा आ संस्कृति के एगो नया पहचान देवल चाहत बाड़न। इ किताब भोजपुरी साहित्य के ओही थाती के सोझा लावऽतिया, जवन अबहिन तक अनदेखल रहल हऽ।
#यायावरीभोजपुरीमहोत्सव
#यायावरीवायाभोजपुरी