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ॐ श्री महाकालेश्वराय नमः 💕🙏🌺 दिनांक 25 नवंबर 2025 का ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर जी का संध्या काल आरती श्रृंगार ...
25/11/2025

ॐ श्री महाकालेश्वराय नमः 💕🙏🌺
दिनांक 25 नवंबर 2025 का ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर जी का संध्या काल आरती श्रृंगार दर्शन

भगवान शिव की बेटियों की संख्या को लेकर अलग-अलग पौराणिक कथाओं में भिन्नता है; कुछ कथाओं में अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसा द...
05/10/2025

भगवान शिव की बेटियों की संख्या को लेकर अलग-अलग पौराणिक कथाओं में भिन्नता है; कुछ कथाओं में अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसा देवी का उल्लेख है, जबकि अन्य में जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतलि जैसी पाँच नाग कन्याओं का उल्लेख है, जिनका जन्म माता पार्वती से अनभिज्ञ हुआ था.
शिवजी की कुछ प्रसिद्ध बेटियाँ:
अशोक सुंदरी: वह देवी पार्वती के अशोक (दुःख) को दूर करने वाली थीं और अत्यंत सुंदर थीं, इसलिए उनका नाम अशोक सुंदरी रखा गया.
ज्योति: शिवजी की एक और पुत्री थीं जिनका उल्लेख मिलता है.
मनसा: कुछ लोककथाओं में मनसा देवी का भी शिवजी की पुत्री के रूप में उल्लेख मिलता है.
शिवजी की पाँच नाग कन्याएँ:
कुछ क्षेत्रीय कथाओं में शिवजी की पाँच नाग कन्याओं का भी उल्लेख मिलता है, जिनका जन्म माता पार्वती के अनजान ही हुआ था: जया, विषहरा, शामिलबारी, देव, दोतलि.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शिवजी के परिवार की कहानियाँ और संतानों के विवरण पौराणिक परंपराओं और क्षेत्रीय विश्वासों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.

भगवान शिव💕 के परिवार🌹🕉️💜❤️😍🥳 को शिव परिवार के नाम से जाना जाता है। यह हिन्दू धर्म में दिव्य एकता और सद्भाव का एक महत्वपू...
04/10/2025

भगवान शिव💕 के परिवार🌹🕉️💜❤️😍🥳 को शिव परिवार के नाम से जाना जाता है। यह हिन्दू धर्म में दिव्य एकता और सद्भाव का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
शिव परिवार के मुख्य सदस्य इस प्रकार हैं:
* भगवान शिव (महादेव): परिवार के मुखिया, जो संहारकर्ता, योगी, और आदिगुरु माने जाते हैं।
* माता पार्वती: भगवान शिव की पत्नी, जो शक्ति (दिव्य स्त्री ऊर्जा), प्रेम, भक्ति और उर्वरता का प्रतीक हैं। उन्हें उमा, गौरी, दुर्गा और काली जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। वह सती का पुनर्जन्म हैं।
पुत्र:
* भगवान गणेश: इन्हें प्रथम पूज्य देव माना जाता है। वे बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाले) के देवता हैं।
* भगवान कार्तिकेय (स्कंद या मुरुगन): देवताओं के सेनापति, जो युद्ध और विजय के देवता माने जाते हैं।
अन्य सदस्य:
* नंदी: भगवान शिव का पवित्र वाहन (बैल) और उनके प्रमुख गणों में से एक, जो भक्ति और सेवा का प्रतीक है।
* अशोक सुंदरी: पद्मपुराण के अनुसार, शिव और पार्वती की पुत्री, जिनका विवाह राजा नहुष से हुआ था।
* अन्य पुत्र और पुत्रियां: विभिन्न ग्रंथों में शिव के अन्य पुत्रों (जैसे अयप्पा, मंगल, सुकेश) और पुत्रियों (जैसे ज्योति, मनसा देवी) का भी उल्लेख मिलता है, लेकिन गणेश और कार्तिकेय ही मुख्य रूप से पूजे जाते हैं।
शिव परिवार का एक साथ निवास करना जीवन में विभिन्नताओं में एकता और पारिवारिक सद्भाव का आदर्श प्रस्तुत करता है, क्योंकि उनके वाहनों और जुड़े हुए जीवों (जैसे शिव के गले में सर्प, गणेश का वाहन चूहा, कार्तिकेय का वाहन मयूर और पार्वती का वाहन सिंह) के बीच प्राकृतिक रूप से शत्रुता होने के बावजूद वे कैलाश पर्वत पर शांति से रहते हैं।

कार्तिक मास में शिव भक्ति के तरीकेनारिकेल दीपक जलाना: कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नारियल का...
03/10/2025

कार्तिक मास में शिव भक्ति के तरीके
नारिकेल दीपक जलाना: कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नारियल का दीपक जलाया जाता है, जिससे दरिद्रता और दुःख दूर होते हैं और व्यक्ति को असीम कृपा प्राप्त होती है।
नारिकेल दीपक से अभिषेक: नारियल के दीपक जलाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और दरिद्रता व दुखद कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शिव चालीसा का पाठ: सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए, जिससे शिवजी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रुद्राभिषेक: कार्तिक मास में रुद्राभिषेक करने से जीवन की हर समस्या दूर होती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
शिव मंदिर में दर्शन: कार्तिक मास के सोमवार को शिव मंदिर में रुद्राक्ष अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग की महत्ता यह है कि इसमें स्वयं भगवान शिव का वास माना जाता है। इस शिवलिंग की पूजा से जीवन में सुख-समृद...
02/10/2025

नर्मदेश्वर शिवलिंग की महत्ता यह है कि इसमें स्वयं भगवान शिव का वास माना जाता है। इस शिवलिंग की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, सभी प्रकार के रोग और दोष दूर होते हैं, और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह कालसर्प और मांगलिक दोषों के प्रभाव को कम करता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करना शुभ होता है और यह शिवलोक की प्राप्ति में सहायक होता है।
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा के लाभ:
समृद्धि और सुख: नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार में शांति का माहौल रहता है।
रोगों से मुक्ति: रोजाना इस शिवलिंग की पूजा से सभी प्रकार के रोगों और दोषों से छुटकारा मिलता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
दोषों का निवारण: कालसर्प दोष और मांगलिक दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने में यह शिवलिंग सहायक होता है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: जो भक्त पूरी श्रद्धा से अपने घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आत्मज्ञान और ऊर्जा: यह आध्यात्मिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना:
घर में स्थापित करने के लिए 1 से 4 इंच तक का शिवलिंग उपयुक्त माना जाता है, जबकि इससे बड़े शिवलिंग मंदिरों के लिए होते हैं।
शिवलिंग को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है, और जलहरी का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में मान्यताएँ:
नर्मदा नदी का हर पत्थर पवित्र माना जाता है और उसी से नर्मदेश्वर शिवलिंग बनते हैं।
हजारों मिट्टी के शिवलिंगों के पूजन से जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है।
यह भगवान शिव का एक पवित्र प्रतीक है और दिव्य ऊर्जा से युक्त होता है।

🕉️ **भगवान शिव के बारे में जानकारी **भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें **महादेव**, **भोलेनाथ...
03/08/2025

🕉️ **भगवान शिव के बारे में जानकारी **

भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें **महादेव**, **भोलेनाथ**, **शंकर**, **नीलकंठ**, और **त्रिलोचन** जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। वे त्रिदेवों में से एक हैं और उन्हें **संहारक** की भूमिका दी गई है।

🌄 शिव का स्वरूप और विशेषताएँ
- शिव का निवास स्थान **कैलाश पर्वत** है।
- उनके गले में **सर्प**, माथे पर **तीसरी आँख**, और हाथ में **त्रिशूल** होता है।
- वे **योगी** के रूप में ध्यानमग्न रहते हैं और उन्हें **वैराग्य** का प्रतीक माना जाता है।
- शिव का शरीर **भस्म** से ढका होता है और वे **डमरू** बजाते हैं।

👪 परिवार
- पत्नी: **माता पार्वती** (सती का पुनर्जन्म)
- पुत्र: **गणेश**, **कार्तिकेय**, **अय्यप्पा**
- पुत्रियाँ: **अशोकसुंदरी**, **ज्योति**, **मनसा देवी**
- वाहन: **नंदी बैल**

🔱 धार्मिक महत्व
- शिव को **शिवलिंग** के रूप में पूजा जाता है, जो उनके निराकार रूप का प्रतीक है।
- उनका मंत्र है: **ॐ नमः शिवाय**
- वे **रुद्र** के रूप में वेदों में वर्णित हैं और तंत्र साधना में **भैरव** के रूप में पूजित होते हैं।

🌌 आध्यात्मिक दृष्टिकोण
- शिव को **शून्यता** और **अंधकार** का प्रतीक माना जाता है, जिससे सृष्टि उत्पन्न होती है और अंततः उसी में विलीन हो जाती है।
- वे **आदियोगी** हैं—योग के प्रथम गुरु जिन्होंने सप्तर्षियों को योग का ज्ञान दिया।

हर हर महादेव।
22/07/2025

हर हर महादेव।

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