17/05/2025
#योग_हाइपरटेंशन_के_लिए_एक_सहज_और_प्रभावी_समाधान
🔍 #हाइपरटेंशन_क्या_है?
जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है (140/90 mmHg या उससे ऊपर), तो उसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह एक “Silent Killer” है क्योंकि यह लंबे समय तक बिना लक्षणों के शरीर के अंदर क्षति पहुंचाता है — विशेषकर हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को।
🧩 #हाइपरटेंशन_के_मुख्य_कारण:
हाइपरटेंशन के अनेक कारण होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं – मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध और अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली। इसके अलावा अनुशासनहीन दिनचर्या, जैसे कि देर रात तक जागना, पर्याप्त नींद न लेना और असंतुलित आहार (अत्यधिक नमक, प्रोसेस्ड फूड, तले भोजन) भी इसे जन्म देते हैं। शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान, शराब सेवन और स्क्रीन टाइम का बढ़ता प्रभाव भी रक्तचाप को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
⚠️ #लक्षण_क्या_होते_हैं?
हालांकि आरंभिक अवस्था में कोई लक्षण नहीं होता, परंतु कुछ संकेत निम्न हो सकते हैं:
• सिरदर्द (विशेषकर सुबह के समय)
• चक्कर आना
• थकान और घबराहट
• हृदय की तेज धड़कन
• आँखों के आगे धुंधलापन या फ्लैश
• अनिद्रा या बेचैनी
यदि ये लक्षण बार-बार हों तो रक्तचाप की जांच अवश्य कराएं।
🧘 #योग_आधारित_चिकित्सा: एक प्राकृतिक समाधान
योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन को संतुलन में लाने वाली पद्धति है। हाइपरटेंशन जैसी मानसिक-शारीरिक असंतुलन की स्थिति में योग एक अत्यंत प्रभावी समाधान प्रस्तुत करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है – चित्तवृत्तियों को शांत करना, नाड़ी संस्थान को संतुलित करना तथा शरीर और मन में समत्व की अनुभूति कराना।
योग के मुख्य आयाम जो उच्च रक्तचाप में लाभकारी हैं:
1. शिथिलीकरण व ध्यान आधारित अभ्यास:
योग निद्रा, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम तथा मंत्र जप जैसे अभ्यास तनाव को घटाते हैं, sympathetic nervous system की सक्रियता को शांत कर parasympathetic प्रणाली को सक्रिय करते हैं, जिससे रक्तचाप स्वाभाविक रूप से नियंत्रित होता है।
2. आसन:
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए कुछ विशेष आसनों का अभ्यास अत्यंत लाभकारी है – जैसे ताड़ासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, बालासन, मण्डूकासन और शवासन। ये सभी आसन पाचन, रक्त परिसंचरण और मानसिक शांति को बढ़ाते हैं। परंतु अत्यधिक बल लगाने वाले या सिर नीचे लाने वाले आसनों (जैसे शीर्षासन, सर्वांगासन) से बचना चाहिए।
🧂 जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन:
• नमक का सीमित सेवन
• ताजे फल-सब्ज़ियों की प्रधानता
• समय पर सोना और उठना
• मोबाइल स्क्रीन का सीमित प्रयोग
• प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगाभ्यास
📖 #शास्त्रीय_योग_ग्रंथों_से_प्रमाण:
1. पतंजलि योगसूत्र में कहा गया है – “योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः”। अर्थात् योग चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित करता है। यही वृत्तियाँ जब अनियंत्रित होती हैं तो चिंता, भय, क्रोध आदि मानसिक अवस्थाएं उत्पन्न होती हैं, जो उच्च रक्तचाप को जन्म देती हैं।
2. भगवद्गीता (6.17) में कहा गया है –
“युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु, युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।”
अर्थात् संतुलित आहार, विहार, कार्य व निद्रा से युक्त जीवन ही योग है, और वही जीवन दुखों (रोगों) का नाश करता है।
🔬 #आधुनिक_शोध_और_वैज्ञानिक_प्रमाण
1. Journal of Clinical Hypertension (2021) की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 8 सप्ताह के नियमित प्राणायाम अभ्यास से Systolic BP में औसतन 10 mmHg की कमी देखी गई।
2. AIIMS, New Delhi द्वारा किए गए एक अध्ययन (2023) में यह पाया गया कि योग निद्रा एवं ब्रह्मरी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कोर्टिसोल स्तर (तनाव हार्मोन) में 35% तक की गिरावट आती है।
3. Harvard Health Publishing: योग Nidra व ब्रह्मरी प्राणायाम हृदय की धड़कन, कोर्टिसोल स्तर व BP को नियंत्रित करते हैं।
🎯 #निष्कर्ष:
हाइपरटेंशन एक गंभीर परंतु प्रबंधनीय समस्या है। योग, आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आध्यात्मिक प्रणाली का समन्वित रूप है, जो न केवल रक्तचाप को संतुलित करता है, बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में भी संतुलन लाता है।
👉 आज ही योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं- और हृदय की गति को, जीवन की गति से जोड़ें।
#योगचिकित्सा