Anand Yog School

Anand Yog School Dr. Shivom Acharya is working as ‘Assistant Professor- Yogic Science’, in the Sharda School of Humanities and Social Sciences, Sharda University since 2019.

Contact for individual and group Yoga Therapy Classes/ Workshops in supervision of Yog Guru Dr. Shivom Acharya (Founder- Anand Yog School & Fromer Yoga Expert- AIIMS, New Delhi). Prior to this, he has worked as a ‘Yoga Therapist’ for two years in CIMR, AIIMS, New Delhi. He as a therapist treated patients by preparing, validating yoga modules and delivering them for various diseas

es. Staying at Shri Geeta Vigyan Ashram, Haridwar for almost 4 years, he organized free yoga camps, lectures and workshops in more than 08 states of the India. Yoga sessions for Police cadets, CISF cadets, Prisoners, Doctors, and Kids have been organized by him. Yoga camps in Mahakumbh held at Haridwar, Prayagraj, and Ujjain are a few amongst the most successful camps organized from time to time. Dr. Acharya qualified his Masters in Yoga from the University of Patanjali, Haridwar in the year - 2013. After passing the NET exam in 2017, he obtained the degree of Ph.D- Yoga Science from Gurukul Kangri (Deemed to be University), Haridwar in the year 2020. During this time, he went to various Yoga Ashrams of Hatha Yoga and discussed yoga with sages, and published his experiences in the form of research papers. He has published 05 research papers so far. Deep interest in organizing yoga workshops from time to time and writing articles in newspapers and magazines mark his unequivocal passion to make yoga part of life. He is a lifetime member of Indian Yoga Association and various other social organizations.

डॉ. शिवओम आचार्य शारदा विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय में वर्ष २०१९ से कार्य कर रहे हैं। इससे पहले आप दो वर्ष तक देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान - एम्स, नई दिल्ली में योग चिकित्सक के रूप में कार्यरत रह चुके हैं। जहाँ पर आपने बहुत से रोगों की यौगिक चिकित्सा के लिए योग पाठ्यक्रम तैयार कराकर रोगियों की चिकित्सा की। आपने लगभग चार वर्ष हरिद्वार में श्री गीता विज्ञान आश्रम में रहकर देश के ०८ से अधिक राज्यों में निशुल्क योग शिविरों, व्याख्यानों एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया।

आपने पुलिस, सी. आई. एस. एफ., कैदियों, डॉक्टर्स व बच्चों के लिए विशेष योग- सत्रों का आयोजन किया। आपने हरिद्वार, प्रयागराज एवं उज्जैन में पड़ने वाले महाकुम्भ के भी योग शिविरों का सफलतापूर्ण आयोजन किया है।

आपने पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार से परास्नातक- योग की परीक्षा वर्ष- २०१३ में क्वालीफाई की। २०१७ में नेट की परीक्षा पास करने के पश्यात आपने गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय से वर्ष- २०२० में पी. एच. डी.- योग विज्ञान की उपाधि प्राप्त की। इस समय में आपने हठयोग के विभिन्न योग आश्रमों में जाकर ऋषियों से योग चर्चा कर अपने अनुभवों को शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित किया। आप अभी तक ०५ शोध पत्र प्रकाशित कर चुके हैं।

वर्तमान में आप समय- समय पर योग कार्यशालाओं का आयोजन व पत्र- पत्रिकाओं में लेख लिखने में विशेष रूचि रखते हैं। आप इंडियन योग एसोसिएशन के अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के आजीवान सदस्य हैं।

गुरु ही जीवन के पथप्रदर्शक और भविष्य के शिल्पकार हैं। उनकी शिक्षा से ही समाज की नींव सशक्त और उज्ज्वल बनती है। #शिक्षक_द...
05/09/2025

गुरु ही जीवन के पथप्रदर्शक और भविष्य के शिल्पकार हैं। उनकी शिक्षा से ही समाज की नींव सशक्त और उज्ज्वल बनती है।

#शिक्षक_दिवस पर समस्त शिक्षकों/ गुरुओं को कोटि-कोटि वंदन और शिष्यों को स्नेहाशीष।

समस्त देशवासियों को  #आनंद_योग_स्कूल की ओर से  #गणेश_चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
27/08/2025

समस्त देशवासियों को #आनंद_योग_स्कूल की ओर से #गणेश_चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

समस्त देशवासियों को  #आनंद_योग_स्कूल की ओर से 79वें  #स्वतंत्रता_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!आज का दिन हमें उन असंख्य बलि...
15/08/2025

समस्त देशवासियों को #आनंद_योग_स्कूल की ओर से 79वें #स्वतंत्रता_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

आज का दिन हमें उन असंख्य बलिदानों की याद दिलाता है, जिनके साहस, त्याग और तपस्या से भारत ने स्वतंत्रता का स्वर्णिम सूर्योदय देखा।

आइए, हम सब मिलकर अपने राष्ट्र की गरिमा, संस्कृति और एकता को सदा अक्षुण्ण रखने का संकल्प लें।

वन्दे मातरम्! जय हिन्द!


समस्त देशवासियों को  #आनंद_योग_स्कूल की ओर से  #रक्षा_बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ। #रक्षाबंधन
09/08/2025

समस्त देशवासियों को #आनंद_योग_स्कूल की ओर से #रक्षा_बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

#रक्षाबंधन

17/07/2025

Celebrating 9th year on Facebook. Thank you for your continuing support.

We could never have made it without you. 🙏🤗🎉

 #गुरु_पूर्णिमा_की_हार्दिक_शुभकामनाएँ।गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्...
10/07/2025

#गुरु_पूर्णिमा_की_हार्दिक_शुभकामनाएँ।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

गुरु ही अज्ञान से प्रकाश की ओर ले जाने वाले पथप्रदर्शक हैं।
इस पावन दिन पर सभी गुरुओं को सश्रद्ध नमन।

#गुरुपूर्णिमा

समस्त देशवासियों को ११वें  #अन्तर्राष्ट्रीय_योग_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ..😊💐
21/06/2025

समस्त देशवासियों को ११वें #अन्तर्राष्ट्रीय_योग_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ..😊💐

 #विश्वपर्यावरणदिवस2025 “माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या:” — अथर्ववेद(The Earth is my mother, and I am her child.)आज का दि...
05/06/2025

#विश्वपर्यावरणदिवस2025


“माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या:” — अथर्ववेद
(The Earth is my mother, and I am her child.)

आज का दिन सिर्फ वृक्ष लगाने का नहीं, बल्कि धरती से अपने रिश्ते को पुनर्जीवित करने का है। जहाँ भूमि मर रही हो, वहाँ संजीवनी बनें। जहाँ सूखा हो, वहाँ संवेदना बरसाएँ। जहाँ मरुस्थल बढ़ रहा हो, वहाँ हरियाली का संकल्प लें।

आइए, हम सब मिलकर पृथ्वी माता को उसका हरित आंचल लौटाएँ। समस्त पृथ्वीवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

 #योग_हाइपरटेंशन_के_लिए_एक_सहज_और_प्रभावी_समाधान🔍  #हाइपरटेंशन_क्या_है?जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जा...
17/05/2025

#योग_हाइपरटेंशन_के_लिए_एक_सहज_और_प्रभावी_समाधान

🔍 #हाइपरटेंशन_क्या_है?
जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है (140/90 mmHg या उससे ऊपर), तो उसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह एक “Silent Killer” है क्योंकि यह लंबे समय तक बिना लक्षणों के शरीर के अंदर क्षति पहुंचाता है — विशेषकर हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को।

🧩 #हाइपरटेंशन_के_मुख्य_कारण:
हाइपरटेंशन के अनेक कारण होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं – मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध और अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली। इसके अलावा अनुशासनहीन दिनचर्या, जैसे कि देर रात तक जागना, पर्याप्त नींद न लेना और असंतुलित आहार (अत्यधिक नमक, प्रोसेस्ड फूड, तले भोजन) भी इसे जन्म देते हैं। शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान, शराब सेवन और स्क्रीन टाइम का बढ़ता प्रभाव भी रक्तचाप को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

⚠️ #लक्षण_क्या_होते_हैं?
हालांकि आरंभिक अवस्था में कोई लक्षण नहीं होता, परंतु कुछ संकेत निम्न हो सकते हैं:
• सिरदर्द (विशेषकर सुबह के समय)
• चक्कर आना
• थकान और घबराहट
• हृदय की तेज धड़कन
• आँखों के आगे धुंधलापन या फ्लैश
• अनिद्रा या बेचैनी
यदि ये लक्षण बार-बार हों तो रक्तचाप की जांच अवश्य कराएं।

🧘 #योग_आधारित_चिकित्सा: एक प्राकृतिक समाधान
योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन को संतुलन में लाने वाली पद्धति है। हाइपरटेंशन जैसी मानसिक-शारीरिक असंतुलन की स्थिति में योग एक अत्यंत प्रभावी समाधान प्रस्तुत करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है – चित्तवृत्तियों को शांत करना, नाड़ी संस्थान को संतुलित करना तथा शरीर और मन में समत्व की अनुभूति कराना।

योग के मुख्य आयाम जो उच्च रक्तचाप में लाभकारी हैं:
1. शिथिलीकरण व ध्यान आधारित अभ्यास:
योग निद्रा, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम तथा मंत्र जप जैसे अभ्यास तनाव को घटाते हैं, sympathetic nervous system की सक्रियता को शांत कर parasympathetic प्रणाली को सक्रिय करते हैं, जिससे रक्तचाप स्वाभाविक रूप से नियंत्रित होता है।

2. आसन:
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए कुछ विशेष आसनों का अभ्यास अत्यंत लाभकारी है – जैसे ताड़ासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, बालासन, मण्डूकासन और शवासन। ये सभी आसन पाचन, रक्त परिसंचरण और मानसिक शांति को बढ़ाते हैं। परंतु अत्यधिक बल लगाने वाले या सिर नीचे लाने वाले आसनों (जैसे शीर्षासन, सर्वांगासन) से बचना चाहिए।

🧂 जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन:
• नमक का सीमित सेवन
• ताजे फल-सब्ज़ियों की प्रधानता
• समय पर सोना और उठना
• मोबाइल स्क्रीन का सीमित प्रयोग
• प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगाभ्यास

📖 #शास्त्रीय_योग_ग्रंथों_से_प्रमाण:
1. पतंजलि योगसूत्र में कहा गया है – “योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः”। अर्थात् योग चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित करता है। यही वृत्तियाँ जब अनियंत्रित होती हैं तो चिंता, भय, क्रोध आदि मानसिक अवस्थाएं उत्पन्न होती हैं, जो उच्च रक्तचाप को जन्म देती हैं।

2. भगवद्गीता (6.17) में कहा गया है –
“युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु, युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।”
अर्थात् संतुलित आहार, विहार, कार्य व निद्रा से युक्त जीवन ही योग है, और वही जीवन दुखों (रोगों) का नाश करता है।

🔬 #आधुनिक_शोध_और_वैज्ञानिक_प्रमाण

1. Journal of Clinical Hypertension (2021) की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 8 सप्ताह के नियमित प्राणायाम अभ्यास से Systolic BP में औसतन 10 mmHg की कमी देखी गई।
2. AIIMS, New Delhi द्वारा किए गए एक अध्ययन (2023) में यह पाया गया कि योग निद्रा एवं ब्रह्मरी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कोर्टिसोल स्तर (तनाव हार्मोन) में 35% तक की गिरावट आती है।
3. Harvard Health Publishing: योग Nidra व ब्रह्मरी प्राणायाम हृदय की धड़कन, कोर्टिसोल स्तर व BP को नियंत्रित करते हैं।

🎯 #निष्कर्ष:
हाइपरटेंशन एक गंभीर परंतु प्रबंधनीय समस्या है। योग, आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आध्यात्मिक प्रणाली का समन्वित रूप है, जो न केवल रक्तचाप को संतुलित करता है, बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में भी संतुलन लाता है।
👉 आज ही योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं- और हृदय की गति को, जीवन की गति से जोड़ें।

#योगचिकित्सा

आनंद_योग_स्कूल की और से समस्त देशवासियों को  #बुद्ध_पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ केवल ज्ञान नह...
12/05/2025

आनंद_योग_स्कूल की और से समस्त देशवासियों को #बुद्ध_पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!

भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ केवल ज्ञान नहीं, जीवन का आचरण हैं।

इस बुद्ध पूर्णिमा पर यही प्रार्थना है कि-
“Sabbe sattā bhavantu sukhitattā”

सभी प्राणी सुखी हों। अष्टांगिक मार्ग के पथिक बनें और सभी के अंतःकरण में शांति के पुष्प खिले रहें।

 #श्वास_का_संघर्ष:  #अस्थमा_प्रबंधन_में_योग_की_भूमिका ( #विश्व_अस्थमा_दिवस_2025 पर जागरूकता की एक नई साँस) #अस्थमा—a chr...
07/05/2025

#श्वास_का_संघर्ष: #अस्थमा_प्रबंधन_में_योग_की_भूमिका

( #विश्व_अस्थमा_दिवस_2025 पर जागरूकता की एक नई साँस)

#अस्थमा—a chronic respiratory condition—अब केवल एक एलर्जी नहीं, बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। हर उम्र और वर्ग के लोग इससे प्रभावित हैं, और भारत इस रोग का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। इसी कारण से मन में अस्थमा के विषय में कुछ बात करने का मन हुआ।

#वैश्विक_आँकड़े (WHO एवं अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से)
• विश्व स्तर पर: लगभग 26 करोड़ (260 million) लोग अस्थमा से पीड़ित हैं।
• भारत में: WHO के अनुसार भारत में अस्थमा पीड़ितों की संख्या लगभग 3.5 करोड़ है—जो वैश्विक आंकड़े का लगभग 13% है।
• दिल्ली में: प्रदूषण, धूल, और बदलती जीवनशैली के कारण हर 5 में से 1 बच्चा अस्थमा के लक्षणों से ग्रसित है।

#क्यों_ज़रूरी_है_योग_आधारित_प्रबंधन?
एलोपैथिक दवाएं तत्काल राहत देती हैं, परंतु जड़ से समाधान नहीं। योग और आयुर्वेद इस रोग की मूलभूत कारणों—जैसे फेफड़ों की कमजोरी, श्वासनलिकाओं की संकीर्णता और मानसिक तनाव को कम करते हैं।

#योग_कैसे_करता_है_सहायता?
PubMed पर प्रकाशित प्रमुख शोधपत्रों के अनुसार:

1. “Effect of Yoga Training on Bronchial Asthma – A Systematic Review (PubMed ID: 22219495)”
यह शोध दर्शाता है कि नियमित प्राणायाम एवं आसनों के अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और ब्रोंकोकंस्ट्रिक्शन में कमी आती है।
2. “Yogic Breathing in Asthma: A Review (PubMed ID: 23264654)”
अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी जैसे प्राणायाम फेफड़ों की वायु धारिता बढ़ाते हैं और parasympathetic nervous system को सक्रिय कर श्वसन तंत्र को स्थिर करते हैं।
3. “Role of Yoga and Ayurveda in Asthma Management (PubMed ID: 31549887)”
शोध में स्पष्ट किया गया है कि शुद्धि क्रियाएं (जैसे जल नेति, कपालभाति, वमन धौति) nasal और bronchial passages को साफ कर allergen load को कम करती हैं।

#आयुर्वेदिक_दृष्टिकोण:
अस्थमा को आयुर्वेद में ‘तमक श्वास’ कहा गया है, जो वात-कफ विकृति के कारण उत्पन्न होता है। कुछ प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधियाँ:
• Sitopaladi churna,
• Talisadi churna,
• Vasa avaleha,
• Yashtimadhu—जो ब्रोंकियल सूजन कम करने में सहायक हैं।

#योग_अभ्यास:

• प्राणायाम:
• अनुलोम-विलोम: श्वसन संतुलन एवं नाड़ी शुद्धि
• भ्रामरी: मानसिक तनाव कम करके bronchospasm घटाता है
• उज्जायी: वायुनलिकाओं की गहराई तक पहुंच बनाता है।

• आसन:
• भुजंगासन, मत्स्यासन, धनुरासन, सेतुबंधासन—फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं
• योग मुद्रा, वज्रासन भोजन के बाद करने से पाचन सुधार कर वात-कफ संतुलन करते हैं

• षट्कर्म (शुद्धिकरण क्रियाएं):
• जल नेति—नाक से एलर्जन का निष्कासन
• सूत्र नेति—नाक की नसों का टोनिंग
• वमन/ वस्त्र धौति—कफ दोष को मूल से हटाने में सहायक
• कपालभाति (मृदु रूप में): श्लेष्मा निष्कासन में सहायक।

#वैज्ञानिक_टिप्पणी:
American College of Chest Physicians एवं Indian Journal of Physiology and Pharmacology में प्रकाशित शोधों के अनुसार, योग श्वसन की गति, फेफड़ों की वायु क्षमता (FVC, FEV1), और ऑक्सीजन संतृप्ति को बेहतर करता है। साथ ही, यह Cortisol स्तर को घटा कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाता है।

“श्वास का अधिकार हर जीवन का अधिकार है। उसे सुरक्षित रखने के लिए योग, आयुर्वेद और सतर्कता आवश्यक है।”
इस #विश्वअस्थमादिवस पर एक संकल्प लें—स्वस्थ साँसों की ओर!

 #ज्ञान_की_सीमाएँ_और_न_जानने_का_सुख!हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और तकनीकी प्रगति ने हमारे...
06/05/2025

#ज्ञान_की_सीमाएँ_और_न_जानने_का_सुख!

हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को काफी बदल दिया है। विज्ञान हर सवाल का उत्तर देने में सक्षम हो रहा है, लेकिन क्या सब कुछ जानना ही असली ज्ञान है?

इस लेख में “अज्ञात का सौंदर्य” समझाया गया है—कैसे कुछ रहस्य हमारे अस्तित्व को अर्थ देते हैं। क्या प्रेम का गणितीय विश्लेषण संभव है? क्या संगीत की ध्वनि को मात्र समीकरणों से समझा जा सकता है? विज्ञान बहुत कुछ जानता है, लेकिन कुछ रहस्य आज भी मानवता को चौंकाते और प्रेरित करते हैं।

✨ “न जानने का भी अपना एक आनंद है!”
✔ एक गिलास में पानी डालते समय हमारा हाथ स्वतः उसकी गहराई का अनुमान लगा लेता है—बिना किसी गणितीय गणना के!
✔ एक गिलहरी सहज रूप से छलांग लगाकर दो पेड़ों के बीच दूरी का आकलन कर लेती है—बिना किसी कैलकुलस के!
✔ हमारा मस्तिष्क प्रेम और भावनाओं को अनुभव करता है, लेकिन विज्ञान इसकी संपूर्ण व्याख्या करने में असमर्थ है।

“इस अज्ञात में ही कुछ अनमोल छिपा है!” – यह विचार हमें विज्ञान और आध्यात्मिकता के संतुलन की ओर ले जाता है।

संस्कृत ग्रंथों से-
“अथातो ब्रह्म जिज्ञासा” – (ब्रह्मसूत्र 1.1.1)
👉 यह श्लोक दर्शाता है कि ज्ञान की खोज का कोई अंत नहीं होता। जीवन में जिज्ञासा और शोध की भावना बनी रहनी चाहिए।

“नेति नेति” – (बृहदारण्यक उपनिषद 2.3.6)
👉 यह विचार दर्शाता है कि असली सत्य को पूर्ण रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता, वह अनुभवजन्य है।

संबंधित शोध (PubMed से)-
1. “The Limits of Human Cognition: Understanding the Unknowable” – यह शोध बताता है कि मानव मस्तिष्क की कुछ सीमाएँ ऐसी हैं, जिनसे आगे हम गणित और विज्ञान के माध्यम से नहीं जा सकते।
2. “Neuroscience of Consciousness: Why We Still Don’t Understand Awareness” – चेतना का वैज्ञानिक विश्लेषण और इसकी सीमाएँ।
3. “Artificial Intelligence vs. Human Intuition: Where Machines Fail” – यह अध्ययन दर्शाता है कि भविष्यवाणियों और पैटर्न पहचान में AI भले ही श्रेष्ठ हो, लेकिन सहजज्ञान (intuition) की गहराई तक नहीं पहुँच सकता।

यह पोस्ट “ज्ञान और अज्ञात के संतुलन” को समझने का एक प्रयास है।
क्या हम सब कुछ जानकर भी अज्ञानी रह सकते हैं? 🤔




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