12/07/2024
US में बैठे एक खरीददार के साथ सालाना कांट्रेक्ट की बात चल रही थी। हम एक शर्त क्वालीफाई करें तो रोज नई शर्त पकड़ा दे.. इस बात को 2 महीने हो गए.. मैं ऊब गया.. ऊब छोड़ो, इरिटेट हो गया..
मेरे एक बिजनेस फील्ड के मेंटर हैं .. उन्हें काल किया.. वाकया बताया.. वो हंसे, और बोले किसी नौसिखिए को अपनी कार चलाने दोगे ? नहीं ना... रिस्क है न.. तो भगवान भी तब तक ऑपर्च्युनिटी नही देगा जब तक उस लायक नही हो जाओगे.. तो जब कठिनाई आए तो समझो कि ये नई ऑपर्च्युनिटी का क्वालीफाइंग क्राइटेरिया है..
इसको ऐसे समझो, अगर तुम किसी फिल्म के डायरेक्टर होते और सीरियस रोल होता तो जॉनी लीवर को देते या नवाजुद्दीन सिद्दिकी को ? भगवान भी डायरेक्टर है, जो जिस स्किल में बेस्ट है उसको वही देता है।
उस के बाद सारे झंझट हंस के निपटाए, ईश्वर की कृपा से वो कॉन्ट्रैक्ट आज तक चल रहा है। अब जब कोई कठिनाई आती है तो बस यही समझ लेता हूं की ईश्वर स्क्रीन टेस्ट ले रहा है। 😊
शुभ रात्रि।