The Sanghi

The Sanghi धर्म-सत्य-न्याय

मुझे अखाड़ों, मठों से कहना है कि जब समाज पर संकट आए आप समाज को बचाने ऐसे दौड़ो जैसे मां अपने बच्चे को संकट में देखकर दौड...
25/07/2025

मुझे अखाड़ों, मठों से कहना है कि जब समाज पर संकट आए आप समाज को बचाने ऐसे दौड़ो जैसे मां अपने बच्चे को संकट में देखकर दौड़ती है। अपने कैंप, दरवाजे, कमरे पीड़ा से कराहते जन के लिए खोल दो, साधक और सेवादार घाव साफ करें, भोजन कराएं। समाज उज्ज्वल हो जाएगा, उठ खड़ा होगा।

आपकी भाषा संत की भाषा होनी चाहिए, हृदय को छूते ही उसे परिवर्तित कर देने की क्षमता लिए हुए उद्गार होने चाहिए।
आप अंगुलिमाल को साधु बनाते थे, स्वयं अंगुलिमाल जैसा वचन कहोगे तो साधुता स्रोत कौन बनेगा?

धन, वैभव, सिंगार, सेमी पॉलिटिकल होना आपको शोभा नहीं देता, एक सामान्य मनुष्य गलत करे तो उसका प्रभाव उतना नहीं होता जितना आपकी गलती से होता है। आप अपने पक्ष में कितने भी शास्त्र के उदाहरण दे दें लेकिन सेवा के बिना सब व्यर्थ है। सेवा का अर्थ बड़े बड़े अस्पताल बना देना स्कूल कॉलेज बना देना नहीं होता, सेवा का अर्थ सेवा ही होता है।

सेवा सबसे कठिन धर्म है और यह तय मानिए कि ज्ञान और परम्परा को सेवा ही बचाएगी। बिना सेवा के सब छूंछ बात है।

मेरा सभी प्रोफेसर, वैज्ञानिक, वकील, डॉक्टर, सिपाही, पायलट, खलासी, कलेक्टर, चपरासी क्लर्क , प्रधान से राष्ट्रपति तक अनुरोध है कि नौकरी और धन कमाना अलग विषय है, नौकरी के अलावा जीवन में सेवा को अनिवार्य करें।

यही सेवा आपके परिवार, बच्चे और समाज को बचाएगी।

साभार

संसद बनी जंतर मंतर गड्ढे मे जा रहा लोकतंतर
24/07/2025

संसद बनी जंतर मंतर
गड्ढे मे जा रहा लोकतंतर

कांग्रेस के जाल में फंस गए जगदीप धनकड..?धनकड़ कभी राजीव गांधी के बहुत नजदीकी रहे और सोनिया गांधी के लगातार संपर्क में रहे...
23/07/2025

कांग्रेस के जाल में फंस गए जगदीप धनकड..?

धनकड़ कभी राजीव गांधी के बहुत नजदीकी रहे और सोनिया गांधी के लगातार संपर्क में रहे थे, लेकिन पिछले साल कांग्रेस ही जगदीप धनखड़ के विरुद्ध #महाभियोग प्रस्ताव संसद में लेकर आई थी और आरोप लगाया था कि जगदीप धनकर सभापति के तौर पर राज्यसभा में कांग्रेस के सांसदों को बोलने का समय नहीं दे रहे हैं धनकड़ इससे असहज महसूस कर रहे थे क्यूंकि जिस कांग्रेस से वह कई बार लोकसभा चुनाव लड़े उस कांग्रेस से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी

विश्वास प्रस्ताव को पास करने में तो कांग्रेस सफल नहीं हुई लेकिन धनखड़ ने दोबारा कांग्रेस से नजदीकियां साधनी शुरू कर दी और तब कांग्रेस ने उन्हें अपने जाल में फसाया और जज यशवंत वर्मा के विरुद्ध विपक्ष का महाभियोग का प्रस्ताव स्वीकार करा लिया धनखड़ भी शायद कांग्रेस से संबंध खराब हुए संबंध दोबारा बनाना चाहते थे शायद इसी जल्दबाजी में वह अपनी ही सरकार को विश्वास मे लिए बिना आगे बढ़ गए और राज्यसभा में जज यशवंत वर्मा के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करने की घोषणा कर दी, केंद्र सरकार के लिए यह एक बड़े अपमान का विषय था

जिस भाजपा ने धनकड़ पर विश्वास जताकर उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठाया था और जगदीप धनखड़ उसी भाजपा सरकार के विश्वास के साथ खेल गए, कांग्रेस से अपने पुराने संबंधों को सहज करने के चक्कर में वह अपने वर्तमान संगठन व सरकार को दगा दे बैठे

भाजपा के लिए जहाँ यह एक असहज करने वाला घटनाक्रम है जिस की वह कभी चर्चा नहीं करना चाहेगी वहीं कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम में कुछ भी नही गँवाया है अगर धनखड़ का इस्तीफा हो गया तो यह भी एक तरह से कांग्रेस ने अपने पुराने नेता रहे धनकड़ को जरूर पटखनी दी है और बताया है की वह कितनी बड़ी राजनितिक घाघ पार्टी है

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की।ये वही हैं जिन्होंने राम म...
23/07/2025

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की।

ये वही हैं जिन्होंने राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (22 जनवरी 2024) को “राजनीतिक प्रोजेक्ट” बताकर दूरी बना ली थी… और तब से आज तक में राम मंदिर के दर्शन करने नहीं गए हैं

एक तरफ अखिलेश यादव की पार्टी रामचरितमानस जैसा हिन्दुओं का पवित्र ग्रन्थ जलाती है दूसरी ओर हज हॉउस का निर्माण कराती है

1989 में देवीलाल के 75वें जन्मदिन पर 75 गाड़ियां लेकर दिल्ली पहुंचे थे धनकड़ देवीलाल को अनोखे और खर्चीले तरीके से जन्मदिन...
23/07/2025

1989 में देवीलाल के 75वें जन्मदिन पर 75 गाड़ियां लेकर दिल्ली पहुंचे थे धनकड़

देवीलाल को अनोखे और खर्चीले तरीके से जन्मदिन की शुभकामनाएं देने से राजनीति शुरुआत करने वाले धनकड़ निजी हित हेतु अति महत्वकाँक्षी रहे हैँ धनकड़ कभी भी एक ड़ाल पर रहने वाले पक्षी नहीं रहे

1989 में देवीलाल से टिकिट पाकर पाकर झूंझनूं से सांसद बने और वीपी सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री बने....मंत्री वीपी सिंह के थे लेकिन इस बीच राजीव गाँधी से नजदीकियां बना ली

वीपी सिंह की सरकार गिरी तो चंद्रशेखर मंत्रिमंडल में मंत्री बनने की घोषणा हो गई लेकिन राजीव गाँधी की सलाह पर इन्होने मंत्री पद नहीं लिया क्योंकि राजीव गांधी ने इन्हें भरोसा दिलाया था कि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी, और तब इन्होंने राजीव गांधी के साथ मिलकर चंद्रशेखर सरकार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

चंद्रशेकर सरकार गिरी तो इन्होने औपचारिक रूप से कांग्रेस का दामन पकड़ लिया, अजमेर से कांग्रेस टिकिट पर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन राजीव गांधी के अथक परिश्रम के बाद भी हार गयें.....उसके बाद काँग्रस से विधायक बनें।

1996 में भी अजमेर से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़े लेकिन पुनः परस्त हुए लड़ें।

फिर शरद पवार की NCP मे शामिल हो गए लेकिन लोकसभा चुनाव फिर हार गए

बाद में भाजपा में आ गयें लेकिन इनके भाई रणदीप धनकड़ लगातार कांग्रेस में रहें और मंत्री भी बनते रहें।

2019 में भाजपा ने इन्हे प बंगाल का राज्यपाल बनाया। इन्होंने बंगाल में ममता बनर्जी के सरकार के खूब पेंच कसे और भाजपा नेतृत्व की नजरों में आकर 2022 में उपराष्ट्रपति बन गए

लेकिन जैसा कि धनकड़ साहब की आदत थी कि यह एक पक्ष में ज्यादा दिन तक नहीं रह सकते थे और 2025 आते आते भाजपा को एक नया सतपाल मलिक मिल गया

अंतत: धनखड़ भी सतपाल मलिक ही साबित हुए..सतपाल मालिक की भांति विपक्ष की पिच पर खेलने लगे थे धनखड़ साहब ?पिछले काफी समय से...
23/07/2025

अंतत: धनखड़ भी सतपाल मलिक ही साबित हुए..

सतपाल मालिक की भांति विपक्ष की पिच पर खेलने लगे थे धनखड़ साहब ?

पिछले काफी समय से धनकड़ साहब बीजेपी के विरोधियों से लगातार सार्वजनिक और व्यक्तिगत रूप से मिल रहे थे वह कई बार भाजपा को झटका दे चुके थे लेकिन पहला मजबूत झटका भाजपा सरकार को तब लगा जब धनकड़ साहब ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान को लगभग बेइज्जत किया

दूसरा बड़ा झटका भाजपा सरकार को लगा जब केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग लेकर आई. केंद्र सरकार की योजना थी कि लोकसभा स्पीकर की अगुवाई में जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया होगी और ये कार्य केंद्र सरकार करेगी

तभी राज्यसभा में वो हुआ, जिसने भाजपा, केंद्र सरकार को हिला दिया. VP धनखड़ साहब ने अचानक से राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के ख़िलाफ़ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग के नोटिस को स्वीकार कर लिया. इस नोटिस पर 63 सांसदों के साइन थे और ये सभी सांसद विपक्ष के थे. धनखड़ साहब ने ये सब तब किया, जब राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और वरिष्ठ मंत्री अनुपस्थित थे. सिर्फ क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और जी किशन रेड्डी थे

अपनी सरकार को बिना विश्वास में लिए धनखड़ साहब ने विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, मेघवाल और रेड्डी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई. केंद्र सरकार जहां लोकसभा में प्रस्ताव लाकर जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया का नेतृत्व कर न्यायिक सुधार की बड़ी मिसाल पेश करने जा रही थी, तभी धनखड़ साहब ने राज्यसभा के माध्यम से इसमें विपक्ष की भी एंट्री करा दी. केंद्र के सूत्रों की मानें तो ये सब जस्टिस वर्मा को बचाने की योजना का हिस्सा था क्योंकि विपक्ष के कई नेता जस्टिस वर्मा को हटाने के विरोध में बोल चुके थे

जो धनखड़ साहब मीडिया के सामने न्यायिक गंदगी के खिलाफ हुंकार भर रहे थे, वही धनखड़ साहब राज्यसभा में विपक्ष के एजेंडे को बढ़ाकर जस्टिस वर्मा को बचाने की प्रक्रिया का हिस्सा बन गए थे

इसके साथ ही विपक्ष प्रयागराज हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव को हटाने के लिए महाभियोग लाने जा रहा था, जिन्होंने VHP के कार्यक्रम में कहा था कि यह देश कठमुल्लों से नहीं चलेगा. VP धनखड़ साहब विपक्ष के इस प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार हो गए थे. मंगलवार को विपक्ष का यह प्रस्ताव आना था. केंद्र की इसकी कोई जानकारी नहीं थी

इसका अर्थ यह हुआ कि जो केंद्र सरकार लोकसभा के माध्यम से जस्टिस वर्मा को हटाने जा रही थी, धनखड़ साहब ने राज्यसभा के माध्यम से उसमें विपक्ष को शामिल कर जस्टिस वर्मा को बचाने की पिच तैयार कर दी थी

वहीं जो केंद्र सरकार जस्टिस शेखर यादव को बचाने में लगी थी, धनखड़ साहब केंद्र को बताए बिना विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर जस्टिस यादव को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने वाले थे

अर्थात धनखड़ साहब विपक्ष की उस प्रक्रिया का हिस्सा बन गए थे, जिसके तहत नोटों के बोरे के मामले में फंसे जस्टिस वर्मा को बचाया जाना था और संघ के आनुवांशिक संगठन VHP के मंच से हिंदुत्व की हुंकार भरने वाले जस्टिस शेखर यादव को हटाया जाना था

और ये उस भाजपा की सरकार में किए जाने का षड्यंत्र था, जो भाजपा RSS का ही आनुवंशिक संगठन है

सोचिए कि ये RSS, BJP, VHP और PM मोदी के लिए कितनी शर्म की बात होती कि VHP के मंच से हिंदुत्व की बात करने वाले जज को BJP की सरकार में विपक्ष द्वारा BJP के बनाए उपराष्ट्रपति के सहयोग से हटा दिया जाता ?

यही कारण था कि विपक्ष पिछले दो-तीन महीने से आक्रामक था क्योंकि राज्यसभा के सभापति शायद उनके अपने हो चुके थे. संभवतः विपक्ष की योजना थी कि राज्यसभा में केंद्र सरकार के बिल रोके जाएंगे, सरकार को राष्ट्र के सामने शर्मशार किया जाएगा

सरकार को समय रहते इसकी भनक लग गई. इसके बाद राजनाथ सिंह के कार्यालय में 10-10 के ग्रुप में NDA के सांसद बुलाए गए और कोरे कागज पर साइन कराए. ये साइन उस स्थिति के लिए थे कि अगर धनखड़ साहब नहीं माने तो उन्हें सरकार महाभियोग लाकर हटा देगी

इसके बाद रात 8 बजे के बाद धनखड़ साहब को एल कॉल गया. कॉल पर बहस हुई, धनखड़ साहब को संदेश दिया गया कि सांसदों के साइन हो चुके हैं. अब आपको तय करना है. इसके बाद धनखड़ साहब ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया.

जो विपक्ष धनखड़ साहब को झुकी कमर, संघी जाट, लोकतंत्र का भक्षक बता रहा था, उनके इस्तीफे पर वही विपक्ष उन्हें लोकतंत्र का रक्षक बताते हुए रुदन कर रहा है

और जिन PM मोदी ने हामिद अंसारी जैसे PFI समर्थक उपराष्ट्रपति की विदाई पर उनके सम्मान में भाषण दिया था, ग़ुलाम नबी आज़ाद की विदाई पर भावुक हो गए थे

उन PM मोदी ने धनखड़ साहब की विदाई पर सिर्फ़ ये लिखा कि उन्हें बहुत से बड़े पदों पर काम करने का मौक़ा मिला है, वो जल्दी स्वस्थ हों. PM ने न तो धनखड़ साहब के योगदान की सराहना की और न कुछ ज़्यादा लिखा. PM के अलावा BJP के किसी नेता ने धनखड़ साहब के इस्तीफे पर एक शब्द तक नहीं लिखा है.

इससे आप समझ सकते हैं कि केंद्र सरकार धनखड़ साहब से पीछा छूटने पर राहत महसूस कर रही है क्योंकि केंद्र को लगता है कि धनखड़ साहब उसे धोखा दे रहे थे

अब भाजपा को शायद समझ आ जाए कि जब किसी नेता को निर्णायक जिम्मेदारी दी जाए तो उसका बैकग्राउंड RSS का हो न कि किराए का आयातित नेता

भाजपा ने दूसरे दलों से जितने भी आयातित किए हैं, उसमें 80% से अधिक या तो नकारा हैं या फिर एक समय पर धोखा दे गए हैं

23/07/2025

ऐसे नहीं होता अंकल.....

समाजवादी पार्टी से नाराज मेरठ के मुस्लिमों ने पार्टी का जनाजा निकाला
22/07/2025

समाजवादी पार्टी से नाराज मेरठ के मुस्लिमों ने पार्टी का जनाजा निकाला

इन दोनों समाचारों का आपस मे कोई सम्बन्ध दिखता है तो कमेंट मे बतायें....
22/07/2025

इन दोनों समाचारों का आपस मे कोई सम्बन्ध दिखता है तो कमेंट मे बतायें....

कोर्ट का बाबू आर्डर टाइप अवश्य करता है लेकिन आर्डर वह तभी कहलाता है जब उस पर न्यायाधीश के हस्ताक्षर होते हैँ मानो न मानो...
21/07/2025

कोर्ट का बाबू आर्डर टाइप अवश्य करता है लेकिन आर्डर वह तभी कहलाता है जब उस पर न्यायाधीश के हस्ताक्षर होते हैँ मानो न मानो लेकिन इस बाबू के साथ इस मामले मे कई जज भी शामिल होंगे, जाँच होनी चाहिए

20/07/2025

11 वर्ष पूर्व के केजरीवाल के भाषण सुनिए और फिर आज के प्रशांत किशोर के भाषण सुनिए...वही शैली, वही भाषा, वही वादे

अपने कातिल के छूरे में धार लगाना कोई काफिरों से सीखे...
20/07/2025

अपने कातिल के छूरे में धार लगाना कोई काफिरों से सीखे...

Address

Greater Noida

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when The Sanghi posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share