
05/09/2025
पंजाब की बाढ़ त्रासदी में जब मासूम लोग पीड़ा झेल रहे हैं, तब कुछ तथाकथित धार्मिक लोग उनकी तकलीफ़ पर हंस रहे हैं और इसे अपने संकीर्ण राजनीतिक और धार्मिक चश्मे से न्याय ठहराते फिर रहे हैं। यह न केवल शर्मनाक है, बल्कि इंसानियत के नाम पर कलंक है।
अब साफ़ हो गया है कि इनकी लड़ाई किसी एक धर्म या वर्ग से नहीं, बल्कि मानवता से है। ये लोग देश के, धर्म के, सनातन के, और यहाँ तक कि जीव-जंतुओं के भी खुले दुश्मन हैं।
जिनकी थाली सिर्फ़ बड़े नेताओं की झूठन से भरती है, उनकी आत्मा कब की बिक चुकी होती है। ऐसे लोगों से इंसानियत की उम्मीद करना अंधेरे में उजाला खोजने जैसा है।
ध्यान रखो—मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं।