30/07/2025
नमस्ते दोस्तों!
क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे एक आम इंसान,मामूली सा लड़का जो कॉर्पोरेट सीढ़ी के सबसे निचले पायदान से शुरुआत करता है।
वह कैसे एक दिन उसी कंपनी का CEO बन सकता है?
यह सिर्फ़ कहानियों में नहीं होता,
बल्कि असल ज़िंदगी में भी होता है!
और आज मैं आपको एक ऐसे ही धांसू CEO प्रांशु रंजन जी के धंधा, व्यवसाय, व्यापार, बिजनेस से शुरुआत करके बड़ा
बिजनेस तक के अद्भुत सफ़र की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। जिससे हम सभी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
कल्पना कीजिए कि आप सुबह-सुबह अपनी चाय की चुस्की ले रहे हैं और आपके फ़ोन पर एक नोटिफिकेशन आता है।
" आप सोचते हैं, "अरे वाह!
ये तो कुछ अपनी जैसी कहानी लग रही है!"
हमारे CEO साहब, जिनकी हम बात कर रहे हैं, उनका सफ़र कोई "जन्मजात CEO" वाला नहीं था।
उनके पद का सबसे मज़ेदार हिस्सा ये है कि वो लोगों को ऐसी भूमिकाओं में जाते देखते हैं, जिनके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था।
सोचिए, जब कोई लड़का, जो शायद आज आपके ऑफ़िस में सबसे जूनियर है।
कल को किसी बड़ी टीम को लीड कर रहा हो, तो कितनी खुशी होती है!
शुरुआत में एक क्रिएटिव इंडस्ट्री में एक entrpreneur और छोटे बिज़नेस के मालिक के तौर पर काम किया।
अरे, वही अपनी गली-नुक्कड़ की दुकान जैसा, जहाँ सब कुछ खुद ही संभालना पड़ता है!
और जब वो तकनीक की दुनिया में आए,
तब तक तो उन्होंने कॉर्पोरेट दुनिया का मुँह भी नहीं देखा था।
सोचिए, 36 साल की उम्र में, जब हम में से कई लोग "अब तो बहुत हो गया" सोचकर आराम करना चाहते हैं।
तब उन्होंने टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा रिस्क लिया!
उन्होंने बड़ा बिजनेस में Independence Business Consultent के तौर पर शुरुआत की।
यानी, सबसे पहले वाले पायदान से!
और फिर, जैसे-जैसे समय बीता,
वो धीरे-धीरे ऊपर चढ़ते गए।
और आख़िर में, बड़ा बिजनेस के CEO!
है ना कमाल की बात?
हमारे CEO साहब हमेशा सक्रिय रूप से सीखते रहे, लगातार कोशिश करते रहे,
और हमेशा व्यस्त रहते थे।
सीखना, कोशिश करना, और व्यस्त रहना।
यही सफलता की कुंजी है!