16/06/2025
एक कालजई फिल्म - बंगाल 1947
Writer - Director : Lama
अभी तक भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर काफी फिल्में बनी है लेकिन भारत से बांग्लादेश और पूर्वी पाकिस्तान के बंटवारे पर यह पहली फिल्म है, फिल्म में बंटवारे की विभीषिका और किस तरह से पूर्वी पाकिस्तान बना बहुत ही सुंदर तरीके से चित्रित किया है, भारत का एक बड़ा समाज जोगेंद्र नाथ मंडल जी के साथ में पूर्वी पाकिस्तान के साथ चला जाता है, यह फिल्म का प्रमुख प्लॉट है।
वैसे तो फिल्म एक अद्भुत प्रेम कहानी पर आधारित है जिसमें जाति वर्ग के भेद को दिखाया गया है एक उच्च जाति का लड़का एक दलित जाति समाज की लड़की से प्रेम करने लगता है जब उच्च जाति के लड़के की पहचान उजागर होती है तो उनके बीच में वह जाति का दीवार खड़ी हो जाती है जिसे ढाहना समाज में किसी के बस में नहीं है फिल्म के राइटर डायरेक्टर श्री Akashaditya Lama ने बड़े ही सुंदर ढंग से समाज में फैली धार्मिक और जातिगत भेदभाव और दूरी को चित्रित किया है। पुराने इतिहास मनुस्मृति, मनुस्मृति के विरुद्ध मन में द्वेष रखने वाला एक समाज और धार्मिक आधार पर एक दूसरे को नीचा दिखाने की एक कोशिश को लेखक और डायरेक्टर श्री लामाजी ने फिल्म बंगाल 1947 में बड़े अच्छे ढंग से दिखाया है इतिहास की भूलों को सुधारने के लिए किस तरह से प्रयास की गए और प्रयास किए जाने चाहिए इसके बारे में भी फिल्म में बताया है।
फिल्म का प्रत्येक संबाद मन को छूने वाला है -
एक संबाद में फिल्म का नायक मोहन जब वाल्मीकि समाज से कहता है कि हमारे भगवान श्री राम ने जब शबरी के झूठे बेर खाये, तो क्या मैं शबरी से विवाह नहीं कर सकता, तब फिल्म की नायिका शबरी कहती है, मोहन बाबू आप राम नहीं हैं। फिर राम जी को भी सीता माता का त्याग करना पडा था।
फिल्म में त्रिकोणी प्रेम कथा है और सभी पात्रों का प्रेम बहुत ही गहरा है, एक दूसरे के लिए किसी भी हद तक जाने को सभी तैयार हैं। सबसे बड़ी बात तो वाल्मीकि समाज के समर्पण की दिखाई, जो आज भी अपने धर्म के प्रति कितना दृण संकल्पित है कितना मजबूती से जुड़ा है, यह फिल्म में बड़ी खूबसूरती से दिखाया है। फिल्म का संगीत अपने आप में अनूठा है फिल्म के तीन गाने अपने आप में बेहतरीन है।
इस फिल्म की लिंक इस पोस्ट के नीचे दी गई है -
Bengal 1947
Bengal 1947 is a poignant romantic drama set against the backdrop of India's 1947 partition, focusing on the emotional and societal upheavals in Bengal. Tthe film delves into themes of love, sacrifice, and the human cost of political decisions, offering a heartfelt portrayal of a love story overshad...