30/07/2023
UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है। इसी बीच रविवार को भाजपा को सुभासपा का साथ मिल गया। नई दिल्ली में सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा हो गए। सुभासपा चीफ के NDA का हिस्सा होते ही राजनीतिक हल्कों में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को लेकर चर्चा होने लगी। चर्चा यह कि अब अब्बास अंसारी का अगला कदम क्या होगा? क्या एनडीए का दामन थामेंगे या सुभासपा से अलगाव का ऐलान करेंगे? क्योंकि अब वर्तमान समय में अब्बास अंसारी एनडीए के ही विधायक के तौर पर जाने जाएंगे।
अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर से विधायक चुने गए थे। सुभासपा के मुखिया एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं। हालांकि अभी तक अब्बास अंसारी की तरफ से एनडीए में शामिल होने या सुभासपा छोड़ने की जानकारी सामने नहीं आई है। 2022 का विधानसभा चुनाव सपा और सुभासपा ने गठबंधन में लड़ा था। मऊ सदर की सीट सुभासपा के खाते में आने पर अब्बास अंसारी को उम्मीदवार बनाया गया। अब्बास अंसारी ने इस सीट से फतह हासिल की थी।
बीते साल नवंबर में जब अब्बास अंसारी को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त सुभासपा चीफ ओपी राजभर का बयान सामने आया था। राजभर ने कहा था कि अब्बास अंसारी हमारे नहीं समाजवादी पार्टी के हैं। मुझे खत्म करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चाल चली थी। सपा ने डमी प्रत्याशियों को टिकट दिलवाकर हमें खत्म करने की कोशिश की थी। सपा से समझौते में 12 सीटें दी गईं। उसी में अब्बास थे और सिंबल हमारा था। राजभर ने कहा था कि अब्बास सपा का झंडा लगाकर घूमते हैं।
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यूपी विधानसभा चुनाव के बाद ओपी राजभर और अखिलेश यादव में जुबानी जंग तेज हो गई। दोनों नेता एक-दूसरे पर तंज कसने लगे। इसके बाद आखिरकार सपा और सुभासपा की राहें जुदा हो गईं यानी गठबंधन टूट गया, लेकिन उसके बावजूद अब्बास अंसारी ने सुभासपा छोड़ने की बात नहीं की।
अब सुभासपा के एनडीए का हिस्सा बनने पर अब्बास अंसारी का पेंच फंस गया है। पार्टी प्रमुख ने बेटे अरविंद राजभर के साथ एनडीए खेमे में जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया है। बतौर विधायक अब्बास अंसारी भी एनडीए में शामिल ही माने जा रहे हैं। ऐसे में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर स्थिति को स्पष्ट करने का दबाव बढ़ गया है।
अब्बास अंसारी पर आपराधिक मामले-
2022 में अब्बास अंसारी के हलफनामे के मुताबिक, उन पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। अंसारी पर पहला आपराधिक मामला लखनऊ महानगर पुलिस थाने में 2019 में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471के तहत केस दर्ज है। दूसरा मामला साल 2020- लखनऊ की हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया। इसमें अब्बास अंसारी पर आईपीसी की 120B, 420, 467, 468, 471 धारा के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। तीसरा मामला साल 2020- उत्तर प्रदेश के गाजीपुर कोतवाली में आईपीसी की 120B, 420, 423, 465, 467, 468, 471, 474, 477A, 379, 447 धारा के अंतर्गत दर्ज किया गया। चौथा मामला साल 2021- ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दर्ज किया। जिस पर जांच चल रही है। पांचवां मामला साल 2022- यह केस उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के पुलिस स्टेश साउथ टोला में आईपीसी की 188, 171H धारा के तहत दर्ज किया गया। हालांकि अभी किसी भी मामले में अब्बास अंसारी को दोषी करार नहीं दिया गया है।
योगी सरकार आने के बाद अंसारी परिवार की बढ़ने लगीं थी मुश्किलें
बता दें, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से ही अंसारी परिवार की मुश्किलों में इजाफा होना शुरू हो गया था। मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजास अंसारी और बेटा अब्बास अंसारी तीनों जेल की सलाखों के पीछे हैं। शनिवार को हेट स्पीच मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अब्बास अंसारी की पेशी हुई थी, लेकिन उसी के अगले दिन यानी रविवार को सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर एनडीए का हिस्सा बन गए।