The Satvik Store, Haldwani

The Satvik Store, Haldwani उत्तराखंड की शुद्ध खाद्य सामग्री, मसाले,दालें,जूस, चावल,मडुआ आटा आदि एवम पूजा पाठ सामग्री उपलब्ध है।

अखरोट सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन ई भरपूर मात...
28/11/2024

अखरोट सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। अखरोट का नियमित सेवन दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, याददाश्त को तेज करता है और तनाव को कम करता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है। इसके अलावा, अखरोट त्वचा और बालों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

पिस्ता एक बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट मेवा है, जो सेहत के लिए अनेक फायदों से भरपूर है। इसमें मौजूद अच्छे वसा (मोनोअनसैचुरे...
24/11/2024

पिस्ता एक बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट मेवा है, जो सेहत के लिए अनेक फायदों से भरपूर है। इसमें मौजूद अच्छे वसा (मोनोअनसैचुरेटेड फैट) हृदय को स्वस्थ रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। पिस्ता वजन घटाने में भी सहायक है, क्योंकि इसमें कम कैलोरी और उच्च फाइबर पाया जाता है। यह त्वचा को निखारने और जवां बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए पिस्ता में मौजूद फाइबर बहुत फायदेमंद होता है।

इसके अलावा, पिस्ता इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, क्योंकि इसमें जिंक और विटामिन बी6 मौजूद होते हैं। आंखों की सेहत के लिए भी यह बहुत लाभकारी है, क्योंकि इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी को बेहतर बनाए रखते हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करने का एक बेहतरीन स्रोत है। पिस्ता का नियमित सेवन न केवल शरीर को पोषण देता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है। हालांकि, इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए, ताकि इसके अधिक सेवन से बचा जा सके।

पहाड़ी भट्ट की दाल उत्तराखंड की पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है। यह दाल काले सोयाबीन, जिसे स्थानीय भाषा में "...
23/11/2024

पहाड़ी भट्ट की दाल उत्तराखंड की पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है। यह दाल काले सोयाबीन, जिसे स्थानीय भाषा में "भट्ट" कहा जाता है, से बनाई जाती है। भट्ट की दाल न केवल स्वाद में लाजवाब होती है बल्कि पोषण से भरपूर भी है।

इस दाल को तैयार करने के लिए भट्ट को धीमी आंच पर भूनकर गाढ़े मसालों और टमाटर के साथ पकाया जाता है। इसे “झंगोरा” या चावल के साथ परोसा जाता है, जो इसका स्वाद और भी बढ़ा देता है। भट्ट की दाल अपने हल्के मसालों और पहाड़ी खुशबू के कारण हर खाने वाले के दिल को छू लेती है।

यह दाल न केवल उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में रोज़ाना के भोजन का हिस्सा है, बल्कि इसे त्योहारों और खास मौकों पर भी बड़े चाव से बनाया जाता है। इसके पोषक तत्व, जैसे प्रोटीन और फाइबर, इसे एक संपूर्ण और सेहतमंद व्यंजन बनाते हैं। भट्ट की दाल सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि पहाड़ी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।

पूजा की थाली सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।
22/11/2024

पूजा की थाली सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।

पवित्र मालाओं का हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य आध्यात्मिक प्रथाओं में अत्यधिक महत्व है। ये मालाएँ न केवल आध्यात्मिक ऊर्...
21/11/2024

पवित्र मालाओं का हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य आध्यात्मिक प्रथाओं में अत्यधिक महत्व है। ये मालाएँ न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा को केंद्रित करने में सहायक होती हैं, बल्कि मन की शांति और ध्यान के अभ्यास में भी मदद करती हैं। जप के दौरान उपयोग की जाने वाली तुलसी, रुद्राक्ष, या चंदन की मालाएँ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और नकारात्मक विचारों को दूर करती हैं। माना जाता है कि इनका नियमित उपयोग मानसिक तनाव को कम करता है, ध्यान में गहराई लाता है और भक्त के मन को ईश्वर के प्रति समर्पित करता है। साथ ही, पवित्र मालाएँ धार्मिक रीति-रिवाजों और पूजा-अर्चना में शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक भी मानी जाती हैं।

शालीग्राम हिन्दू धर्म में एक पवित्र पत्थर है, जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यह शालीग्राम शिला मुख्यतः नेपाल ...
20/11/2024

शालीग्राम हिन्दू धर्म में एक पवित्र पत्थर है, जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यह शालीग्राम शिला मुख्यतः नेपाल की गंडकी नदी में पाई जाती है। शालीग्राम को पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष स्थान दिया गया है।

शालीग्राम का महत्व:
भगवान विष्णु का स्वरूप: शालीग्राम को भगवान विष्णु का साकार रूप माना जाता है। इसे घर में स्थापित करने से शुभता, समृद्धि और शांति का वास होता है।
दोषों का निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शालीग्राम की पूजा से वास्तु दोष और ग्रह दोष दूर होते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान: शालीग्राम का उपयोग विष्णु पूजा, तुलसी विवाह, और विशेष धार्मिक आयोजनों में किया जाता है।
शालीग्राम की पहचान:
शालीग्राम शिला पर चक्र, रेखाएँ या शंख जैसे प्राकृतिक चिह्न पाए जाते हैं। यह पत्थर ज्यादातर काले रंग का होता है और इसे जल में प्रवाहित रखने पर इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है।

विभिन्न प्रकार के दीपक सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।
19/11/2024

विभिन्न प्रकार के दीपक सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।

पिसी नून पहाड़ी क्षेत्र का एक विशेष नमक है, जिसे पहाड़ों में पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है। यह नमक खनिजों से भरपू...
18/11/2024

पिसी नून पहाड़ी क्षेत्र का एक विशेष नमक है, जिसे पहाड़ों में पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है। यह नमक खनिजों से भरपूर होता है और इसमें एक खास खुशबू और स्वाद होता है। पिसी नून का उपयोग आमतौर पर पहाड़ी व्यंजनों में किया जाता है, जैसे मंडुवे की रोटी, भट्ट की चुरकानी, और पहाड़ी आलू।
क्या आप जानते हैं कि पिसी नून न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है? इसमें प्राकृतिक खनिज होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

पहाड़ी जीरा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक होता है और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है...
17/11/2024

पहाड़ी जीरा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक होता है और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करने में सहायक होते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन प्रबंधन में मदद करता है और ब्लड शुगर को संतुलित रखकर डायबिटीज नियंत्रण में भी कारगर है। त्वचा के लिए भी यह फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाते हैं।

पहाड़ी राजमा, उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों की एक अनमोल विरासत है। यह राजमा न केवल अपने अनोखे स्वाद और खुशबू के लिए प्रस...
16/11/2024

पहाड़ी राजमा, उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों की एक अनमोल विरासत है। यह राजमा न केवल अपने अनोखे स्वाद और खुशबू के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए भी जानी जाती है। पहाड़ी मिट्टी और शुद्ध जलवायु में उगाई गई यह राजमा छोटे आकार की होती है लेकिन पोषण से भरपूर होती है।
इसमें प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाती है। पहाड़ी राजमा की दाल, घी और मसालों के साथ बनी, हर खाने का स्वाद बढ़ा देती है। यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि शरीर को ऊर्जा और मजबूती भी प्रदान करती है।
पहाड़ी राजमा सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।

अरहर, मल्का, गहत, भट्ट व अन्य दालें सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।
15/11/2024

अरहर, मल्का, गहत, भट्ट व अन्य दालें सात्विक स्टोर में उपलब्ध हैं।

कृष्ण जी का पालना सात्विक स्टोर पर उपलब्ध है |
13/11/2024

कृष्ण जी का पालना सात्विक स्टोर पर उपलब्ध है |

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