14/08/2025
Nainital: चुनावी मैदान या लोकतंत्र का कब्रिस्तान?
Nainital: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दिन नैनीताल में जो घटनाएं हुईं, उसने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके सात जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण किया और विरोध करने वाले नेताओं के साथ मारपीट की। भारी बारिश में भीगते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया और नारे लगाए—“यह लोकतंत्र की हत्या है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!” सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के वीडियो आग की तरह फैल रहे हैं।
चुनाव से ठीक पहले हल्द्वानी में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के होटल पर पुलिस ने छापा मारा। इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी के पति लाखन नेगी की संपत्तियों पर छापेमारी हुई और नॉन बेलेबल वारंट जारी किया गया। हालांकि, नैनीताल हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई। कांग्रेस ने इसे सत्ता का नंगा नाच और तानाशाही करार दिया, जबकि प्रशासन ने सफाई दी कि यह स्वतंत्रता दिवस से पहले की रूटीन जांच और सरकारी भूमि कब्जे से जुड़ा मामला है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की दीपा दरमवाल और कांग्रेस की पुष्पा नेगी आमने-सामने हैं। सूत्रों का कहना है कि पुष्पा नेगी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि उनके चार जिला पंचायत सदस्य मतदान से पहले अचानक गायब हो गए और शक है कि इन्हें जबरन उठाया गया है। इस मामले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग सदस्यों को जबरन गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया और न्याय की मांग की। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तत्काल पेश होने का आदेश दिया। साथ ही, गायब सदस्यों को जल्द से जल्द खोजने के निर्देश दिए। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर उनके सदस्यों को सुरक्षित वापस नहीं लाया गया, तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
फिलहाल, जिले में माहौल बेहद गर्म है और सबकी नजरें हाईकोर्ट के अगले कदम पर टिकी हैं। सवाल सिर्फ इतना है—क्या यह सच में चुनाव है, या फिर लोकतंत्र के गले पर चल रही तलवार?