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*सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों की ई-केवाईसी के लिए विशेष सत्यापन अभियान जारी**30 सितंबर तक नवीनतम जानकारी सत्यापित करना सुनिश...
19/09/2025

*सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों की ई-केवाईसी के लिए विशेष सत्यापन अभियान जारी*
*30 सितंबर तक नवीनतम जानकारी सत्यापित करना सुनिश्चित करें पेंशनधारक - आवास पंडित*
ऊना, 19 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत जिला ऊना के सभी 70,093 सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों की ई-कल्याण मोबाइल ऐप के जरिए ई-केवाईसी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। यह जानकारी जिला कल्याण अधिकारी ऊना आवास पंडित ने दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान जिला, तहसील, पंचायत तथा स्थानीय स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सभी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा/परित्यक्ता/एकल नारी पेंशन, दिव्यांग राहत भत्ता, कुष्ठ रोगी भत्ता तथा ट्रांसजेंडर पेंशन योजना से लाभान्वित व्यक्तियों से अपील की है कि वे 30 सितम्बर से पूर्व अपने आवश्यक दस्तावेजों की नवीनतम जानकारी सहित अपनी स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पेंशन सत्यापन अवश्य पूर्ण करवाएँ।

उन्होंने बताया कि इस विशेष सत्यापन अभियान के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सभी पेंशनरों के आधार कार्ड, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर एवं पूर्ण स्थायी पते की नवीनतम जानकारी दस्तावेजों के आधार पर सत्यापित कर रही हैं। वर्तमान में जिले के अधिकांश पेंशनरों का सत्यापन कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि शेष असत्यापित पेंशनरों का कार्य शीघ्र ही पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन पेंशनरों की नवीनतम जानकारी सत्यापित नहीं होगी उनका नए पोर्टल के माध्यम से पेंशन वितरण का कार्य बाधित हो जाएगा।
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सतीश शर्मा मैं एक  अभियान चला रहे हैं जो लोगों को लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ कवर के महत्व के बारे में जागरूक करने पर केंद्...
19/09/2025

सतीश शर्मा मैं एक अभियान चला रहे हैं जो लोगों को लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ कवर के महत्व के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित है। आपका यह प्रयास निस्संदेह कई परिवारों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मददगार साबित होगा।

आपके अभियान के प्रमुख बिंदु
- *लक्ष्य*: 2025 में 100000 लोगों को एचडीएफसी लाइफ के माध्यम से लाइफ कवर के लिए जागरूक करना।
- *हेल्थ कवर*: स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में जागरूकता फैलाना ताकि लोग गंभीर बीमारियों के वित्तीय बोझ से बच सकें।
- *महत्व*: लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस दोनों ही परिवारों के लिए वित्तीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण साधन हैं।

आपके अभियान का प्रभाव
- *वित्तीय सुरक्षा*: लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लोगों को अप्रत्याशित परिस्थितियों में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- *जागरूकता*: आपके प्रयास से अधिक लोग इन महत्वपूर्ण उत्पादों के बारे में जान पाएंगे।
- *समर्थन*: आपका यह अभियान उन लोगों के लिए सहायक होगा जो वित्तीय योजना बनाने में रुचि रखते हैं।

संपर्क जानकारी
- *नाम*: सतीश शर्मा
- *पद*: फाइनेंशियल एडवाइजर
- *फोन*: 92187 477 7 7
- *साझेदारी*: जो लोग इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं या अधिक जानकारी चाहते हैं, वे सतीश शर्मा जी से संपर्क कर सकते हैं।

आपका यह नेक काम निश्चित रूप से समाज के एक बड़े वर्ग के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। सतीश शर्मा जी के माध्यम से लोग न केवल इंश्योरेंस के महत्व को समझ पाएंगे बल्कि अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम भी उठा पाएंगे।

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अध्यापक तथा बच्चे नहीं कर पाएंगे मोबाइल का प्रयोग अध्यापक भी क्लास रूम में फोन लेकर नहीं जा...
19/09/2025

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अध्यापक तथा बच्चे नहीं कर पाएंगे मोबाइल का प्रयोग अध्यापक भी क्लास रूम में फोन लेकर नहीं जाएंगे शिक्षा विभाग के आदेश हर शिक्षण संस्थान में लागू।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध: शिक्षा विभाग का बड़ा कदम
शिमला, हिमाचल प्रदेश - हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश के तहत अब न केवल विद्यार्थी बल्कि शिक्षक भी कक्षा में मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकेंगे।

प्रमुख बिंदु
- *मोबाइल प्रतिबंध*: हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए कक्षा में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- *शिक्षा विभाग का आदेश*: यह निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है और इसे राज्य के हर शिक्षण संस्थान में लागू किया जाएगा।
- *उद्देश्य*: इस कदम का उद्देश्य कक्षाओं में ध्यान केंद्रित करना और शिक्षण प्रक्रिया को बेहतर बनाना है।
- *लागू करने की प्रक्रिया*: स्कूल प्रशासन को इस नियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस निर्णय के पीछे के कारण
- *ध्यान केंद्रित करना*: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से पढ़ाई में ध्यान भटकने की समस्या होती है।
- *शैक्षिक वातावरण*: कक्षाओं में मोबाइल प्रतिबंध से एक अनुशासित और केंद्रित शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
- *विद्यार्थियों का विकास*: यह निर्णय विद्यार्थियों के समग्र विकास पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

प्रतिक्रिया और प्रभाव
- *शिक्षकों की प्रतिक्रिया*: शिक्षक समुदाय इस निर्णय का स्वागत कर रहा है, जिससे कक्षाओं में अनुशासन बढ़ेगा।
- *अभिभावकों की राय*: अभिभावक भी इस कदम को बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
- *कार्यान्वयन चुनौतियां*: इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं।

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग का यह कदम
- *शिक्षा में सुधार*: इस निर्णय से हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
- *राष्ट्रीय संदर्भ*: यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
- *भविष्य की योजनाएं*: शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह के और कदम उठाए जाने की संभावना है।

हिमाचल प्रदेश के इस निर्णय से राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद है, जो विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।

75 वर्ष की आयु में भी पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा आपदा प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए घर-घर पहुंच रहे दो बार पूर्व ...
19/09/2025

75 वर्ष की आयु में भी पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा आपदा प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए घर-घर पहुंच रहे
दो बार पूर्व विधायक रहे हैं, अन्य पूर्व विधायक भी ले रहे है पेंशन लेकिन जनता के बीच नजर नहीं आते
आज जौडे अंश,बणी पंचायत व गारली पंचायत में भी पंहुचे
बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू।75 वर्षीय पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा: आपदा प्रभावितों के बीच समर्पण की मिसाल
दो बार पूर्व विधायक रहे मनजीत सिंह डोगरा की जान अपनी जनता की सेवा के लिए समर्पित है।
बड़सर, हिमाचल प्रदेश - 75 वर्ष की आयु में भी पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा ने अपने विधानसभा क्षेत्र बड़सर में आपदा प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए घर-घर पहुंचकर एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। दो बार पूर्व विधायक रहे मनजीत सिंह डोगरा की यह पहल उनकी जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाती है।

प्रमुख बातें
- *आपदा प्रभावितों से मिले*: मनजीत सिंह डोगरा ने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के करीब 70 घरों का दौरा किया, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण घर, गौशाला और डंगे गिर गए हैं।
- *जनसेवा का उदाहरण*: अन्य पूर्व विधायकों के विपरीत, जो पेंशन ले रहे हैं लेकिन जनता के बीच कम ही नजर आते हैं, मनजीत सिंह डोगरा सक्रिय रूप से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं।
- *समर्पण और सक्रियता*: 75 वर्ष की आयु में भी उनकी सक्रियता और जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है।
- *स्थानीय प्रतिक्रिया*: जिन लोगों के घर गौशाला तथा देंगे गिरे हैं उन्होंने पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा की इस पहल के लिए सरहाना की है तथा उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंचने में मदद करने के लिए आभार भी प्रकट किया है
लोगों की आवाज प्रशासन तक पहुंचाने के लिए पूर्व विधायक स्थानीय उपमंडल अधिकारी नागरिक राजेंद्र गौतम तहसीलदार, बड़सर, राजस्व विभाग के अधिकारियों को जानकारी भी उपलब्ध करवा रहे हैं। पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा ने बताया कि ढटवाल तहसील में तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार को भी क्षेत्र में जाकर लोगों को कोई नुकसान का जायजा देना चाहिए उन्होंने बताया कि कई लोगों के घरों में तहसीलदार तथा नायव तहसीलदार तक नहीं पहुंचे हैं इससे सरकार की छवि भी खराब हो रही है। विभाग को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए।
मनजीत सिंह डोगरा की पहल का महत्व
- *आपदा प्रबंधन*: आपदा प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता और समर्थन प्रदान करना।
- *जनप्रतिनिधि की भूमिका*: पूर्व विधायक की सक्रिय भूमिका जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणादायक है।
- *समुदाय में विश्वास*: ऐसे प्रयास समुदाय में विश्वास और एकता को मजबूत करते हैं।

संपर्क और अधिक जानकारी
- *नाम*: मनजीत सिंह डोगरा
- *क्षेत्र*: बड़सर विधानसभा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश
- *पत्रकार*: सतीश शर्मा विट्टू

मनजीत सिंह डोगरा की यह पहल निस्वार्थ सेवा और जनकल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है, जो निश्चित रूप से अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणा है।

आज कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत बतौर AICC आब्जर्वर पंजाब में BCC दोराहा एवं मलौध पदाधिकारियों के साथ बैठक की
19/09/2025

आज कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत बतौर AICC आब्जर्वर पंजाब में BCC दोराहा एवं मलौध पदाधिकारियों के साथ बैठक की

जिला मंडी उपमंडल सरकाघाट 19 सितम्बर 2025 मिशन वात्सलय, सुखाश्रय व सुखशिक्षा असहाय बच्चों की जिंदगी में नई उम्मीदें जगा र...
19/09/2025

जिला मंडी उपमंडल सरकाघाट 19 सितम्बर 2025 मिशन वात्सलय, सुखाश्रय व सुखशिक्षा असहाय बच्चों की जिंदगी में नई उम्मीदें जगा रही है। सरकाघाट शिविर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली योजनाओं की गहन जानकारी

धर्मेंद्र कुमार रिंकु की रिपोर्ट

सी बी एस ई पैटर्न लागू करना कांग्रेस पार्टी का हिमाचल प्रदेश के लोगों का मन भटकाने के लिए नया पेंतरा,कुटिलदाँव : कमलेश क...
19/09/2025

सी बी एस ई पैटर्न लागू करना कांग्रेस पार्टी का हिमाचल प्रदेश के लोगों का मन भटकाने के लिए नया पेंतरा,कुटिलदाँव : कमलेश कुमारी
मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुखु की सरकार ने हिमाचल प्रदेश के कुछ स्कूलों को डे बोर्डिंग स्कूल बनाने की बात कही थी लेकिन बाद में सरकार इस फैसले पर कुछ भी नहीं कर सकी। 15 अगस्त 2025 को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा कि उनकी सरकार हिमाचल प्रदेश के 229 विद्यालयों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सी बी एस ई)का पाठ्यक्रम लागू करेगी। भोरंज विधानसभा क्षेत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज, अमरोह, भरेड़ी और मुंडखर को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधीन लाने की योजना है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अंतर क्या है?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य के साथ-साथ अध्यापकों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। (एन सी ई आर टी) के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में प्रथम कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक एक जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। नीट,आई आई टी, एन डी ए, एम बी बी एस, एच ए एस, आई ए एस, आई पी एस, आई एफ एस, अलग-अलग विषयों के शोधकर्ता, विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ, उद्योगपति,सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले प्रबंधक, अधिकारी और कर्मचारी, हिमाचल प्रदेश के अधिकतर नेता, हिमाचल शिक्षा बोर्ड तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम को पढ़कर ही निकले हैं। प्रदेश के जिन सैनिकों को परमवीर चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र और सेना मैडल से सम्मानित किया गया है वे भी एन सी ई आर टी के पाठ्यक्रम को पढ़कर देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत भी लगभग सभी पुस्तकें एन सी ई आर टी की ही पढ़ाई जाती हैं। केवल दो विषय विज्ञान और गणित विषयों में 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही अलग होता है। शेष पाठ्यक्रम एन सी ई आर टी से ही होता है। अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, ड्राइंग, आई टी आदि विषय एन सी ई आर टी के ही होते हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन सी ई आर टी) की पुस्तकें बहुत सस्ती होती हैं और सी बी एस ई की पुस्तकें उनसे चार गुना महंगी होती हैं। दोनों शिक्षा बोर्डोँ के मानदंड अलग-अलग होते हैं। सी बी एस ई के मानकों को पूरा करना कठिन होता है। इस बोर्ड के अंतर्गत सामाजिक विज्ञान विषय भी बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने की मजबूरी है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 1969 में अस्तित्व में आया वर्ष 1984 से शिक्षा बोर्ड का कार्यालय धर्मशाला में स्थापित है। हिमाचल प्रदेश में सी बी एस ई बोर्ड लागू करने से प्रदेश के बेरोजगार लोगों के लिए रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के हजारों विद्यालयों और शिक्षा विभाग के अन्य कार्यालयों में भी रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे।
ऐसा ना हो उधेड़बुन में ही 5 साल बीत जाएं।
पूर्व विधायक कमलेश कुमारी ने कहा ऐसा मालूम होता है कि सरकार की सीबीएसई पैटर्न लागू करने की योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाएगी। कुछ समय के बाद सरकार को कहीं अपना बयान ना बदलना पड़ जाए कि पूर्व में निर्मित हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के भवन तथा अन्य आवश्यकताएं सीबीएसई के मानदंडों को पूरा नहीं कर पा रही हैं । बार-बार पैंतरे बदलकर कांग्रेस सरकार हिमाचल के लोगों के मन को भटकाए रखना चाहती है। हिमाचल की जनता पढ़ी-लिखी और समझदार है यदि यह योजना जिसका प्रदेश के बच्चों को कोई खास लाभ मिलने वाला नहीं है, अगर जमीन पर नहीं उतर पाई तो हिमाचल के लोग इस छलावा करने वाली पार्टी को कभी माफ नहीं करेंगे।

कमलेश कुमारी
पूर्व विधायक भोरंज विधानसभा क्षेत्र

6.13 करोड़ से अपग्रेड होगी घुमारवीं-बल्ही-अमरपुर सड़क: राजेश धर्माणीग्राम पंचायत सेऊ में जन समस्याएं सुनने के दौरान तकनीकी...
19/09/2025

6.13 करोड़ से अपग्रेड होगी घुमारवीं-बल्ही-अमरपुर सड़क: राजेश धर्माणी

ग्राम पंचायत सेऊ में जन समस्याएं सुनने के दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

घुमारवीं (बिलासपुर), 19 सितंबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि 6.13 करोड़ रूपये की लागत से घुमारवीं-बल्ही-डाहड़-पनौल-अमरपुर सड़क का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है तथा जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। राजेश धर्माणी आज घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेऊ में जन समस्याएं सुनने के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि लगभग 7 किलोमीटर लंबी इस सड़क को बेहतर बनाने के लिए सड़क का चैड़ीकरण, पासिंग प्वांईंट, डंगे, पुलिया, कल्वर्ट इत्यादि कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस सड़क का सुधारीकरण कार्य पूर्ण हो जाने पर जहां लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा सुनिश्चित होगी तो वहीं लोगों के समय की भी बचत होगी। उन्होंने का ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित बनाना तथा बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है तथा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए जहां प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किया जा रहा है तो वहीं चिकित्सकों सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में 6 विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात किया है। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी तथा हटवाड़ में भी चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को भी विशेष प्राथमिकता प्रदान करते हुए शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जा रहा है। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया है तथा प्रदेश में प्रथम चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में शिक्षा गुणवता में व्यापक सुधार किये जा रहे हैं ताकि यहां के युवाओं और बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो सके।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने गाय के दूध पर 51 रूपये जबकि भैंस के दूघ पर 61 रूपये न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है जिसका पशुपालकों एवं किसानों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सेऊ पंचायत में लगभग 32 लाख रूपये के विभिन्न विकास कार्यों को पूरा किया जा चुका है तथा लगभग 12 लाख रूपये के विभिन्न विकास कार्यों का कार्य जारी है।

उन्होंने कहा कि आज पूरा प्रदेश प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त है। लेकिन प्रदेश सरकार आपदा पीड़ित प्रत्येक परिवार के साथ खड़ी है तथा उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घुमारवी विस क्षेत्र में भी भारी बरसात के कारण आठ पक्के तथा 28 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा पक्के घर 28, कच्चे घर 72, किचन 43, स्टोर 12, शौचालय 3, दुकाने 2 तथा 251 गौशालाएं भी आंशिक या पूर्ण तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सरकार की ओर से प्रभावितों को फौरी राहत प्रदान कर दी गई।

इस अवसर पर उन्होंने जन समस्याएं सुनीं तथा अधिकारियों को पूरी तत्परता एवं लग्न के साथ समाधान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर जन समस्याओं का निपटारा करना प्रदेश सरकार का प्रमुख ध्येय है तथा इस दिशा सरकार पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

इस दौरान स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र नसवाल के माध्यम से 50 लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की गई।

इस अवसर पर पंचायत प्रधान पवन कुमार सहित पंचायत प्रतिनिधि तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

भराड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, परिसर का लिया जायजा

इससे पहले उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी का निरीक्षण किया तथा अस्पताल परिसर का दौरा कर मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने उपचाराधीन मरीजों का भी कुशलक्षेम पूछा तथा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत आयोजित स्वास्थ्य शिविर में भी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रदेश सरकार विशेष ध्यान दे रही है ताकि हमारा परिवार के साथ-साथ समाज भी स्वस्थ व सशक्त बन सके। उन्होंने महिलाओं से निजी स्वच्छता अपनाने, किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों के प्रति जागरूक रहने तथा मुंह के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने का आह्वान किया।
-000- Rajesh Dharmani

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डाटा साईंस में नए डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम आरम्भ राज्य के 243 युवाओं को ड्रोन से संबंधित प्रशिक...
19/09/2025

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डाटा साईंस में नए डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम आरम्भ

राज्य के 243 युवाओं को ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण दिया

हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल कार्यबल की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में देश को कुशल कार्यबल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार ने अभिनव पहल की है।
प्रदेश सरकार राज्य में नवाचार को बढ़ावा दे रही है। इसके दृष्टिगत समग्र ड्रोन इको सिस्टम की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन प्रौद्योगिकी कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती है। ग्रीन हिमाचल विजन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना नितांत अनिवार्य हैै।
वर्तमान इस वित्त वर्ष के दौरान लोगों को ड्रोन टैक्सी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कार्य योजना बनाई जा रही है, इससे प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद और दवाइयां इत्यादि की आपूर्ति करने में सहायता मिलेगी। ड्रोन टैक्नोलॉजी इंटरवेंशन से कृषि और बागवानी क्षेत्रों में आधुनिकीकरण के दृष्टिगत जिला हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार युवाओं के लिए स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से वर्ष 2024-25 में राज्य के 243 युवाओं ने ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
युवाओं को ड्रोन प्रौद्यागिकी में दक्ष बनाने के साथ-साथ अब राज्य में न्यू एज पाठ्यक्रमों का समावेश भी किया जा रहा है। इस दिशा में जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डाटा सांइस का नया महाविद्यालय, जिला शिमला के प्रगति नगर में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स, जिला मंडी के राजकीय पॉलिटेक्निकल सुन्दरनगर में कम्प्यूटर सांइस एवं इंजीनियरिंग (एआई एण्ड मशीन लर्निंग) का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की है। इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए आवश्यक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित जाएगी।
एआई और डाटा सांइस क्षेत्र में वर्तमान में अपार संभावनाएं है। इन क्षेत्रों में युवाओं का कौशल उन्नयन कर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य में नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो करोड़ रुपये के इनोवेशन फंड की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से प्रदेश के युवा अपनी नवाचार पहलों को साकार रूप प्रदान कर सकेंगे। जिला बिलासपुर के घुमारवीं में सार्वजनिक निजी भागीदारी व सैल्फ फाइनांसिंग आधार पर डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, इन्टरप्रेन्योरशिप, स्किल एण्ड वोकेशनल स्टडीज की स्थापना की जाएगी। इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से युवाओं के नवाचार और इन्टरप्रेन्योरशिप स्किल को निखारा जाएगा।
प्रदेश सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए नवाचार और स्वरोजगार के नए द्वार खोल रही है। सरकार के इन प्रयासों से हिमाचल निश्चित रूप से देश का आईटी हब बनकर उभरेगा।

**समाज को उन्नत करने में शिक्षा के साथ कौशल जरूरीः राज्यपाल*राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शिक्षा, कौशल को गति...
19/09/2025

**समाज को उन्नत करने में शिक्षा के साथ कौशल जरूरीः राज्यपाल*

राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शिक्षा, कौशल को गति देती है और शिक्षा को बढ़ाने का काम करता है कौशल। दोनों को जोड़कर काम करने की आवश्यकता है तभी समाज आगे बढ़ेगा। समाज आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा।

राज्यपाल आज यहां शिमला में तीन दिवसीय ‘‘एडुस्किल एच.आर. समिट 2025’’ के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय इस समिट में अकादमिक लीर्ट्स जिनमें कुलपति, प्रधानाचार्य और निदेशक शामिल हैं, ने भी भाग लिया। करीब 100 से अधिक मानव संसाधन और कार्पोरेट लीर्ट्स भी इस समिट में शामिल हुए।

राज्यपाल ने कहा कि कहा कि विचारों में बड़ी शक्ति होती है, जिसका एक हिस्सा है कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)। विचारों की गति किसी भी स्थिति में कम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य में पुरानी नींव और नया निर्माण के बीच की परिस्थितियां हैं। नये निर्माण में एआई शामिल है, जिसका उपयोग सावधानी से करने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन राष्ट्र निमार्ण की दिशा में एक सशक्त कदम है, जिसके लिए एडु स्किलस फाउंडेशन बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि उद्योगों में बदलती तकनीक, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में राष्ट्र की असली पूँजी उसके युवाओ का ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता है। उन्होंने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा है। लेकिन, इस जनसंख्या लाभ को वास्तविक शक्ति में बदलने के लिए यह आवश्यक है कि हमारे विद्यार्थी केवल शिक्षित ही न हों, बल्कि कुशल और रोजगार योग्य भी हों। उन्होंने कहा कि पारंपरिक डिग्रियाँ अब पर्याप्त नहीं हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाओं में जो पढ़ाया जा रहा है, वह उद्योगों की माँग के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि कौशल विकास अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। यही वह आधारशिला है, जिस पर हमारे युवाओं का भविष्य, हमारी उद्योगों की प्रगति और हमारे राष्ट्र की समृद्धि टिकी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से सशक्त बनाकर ही हम देश को सशक्त बना सकते हैं।

श्री शुक्ल ने कहा कि अकादमिक संस्थानों, वैश्विक प्रौद्योगिकी नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर एडुस्किलस ने शिक्षा और रोजगार के बीच एक मज़बूत सेतु का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंटर्नशिप, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से यह संस्था देशभर के लाखों विद्यार्थियों को सशक्त बना रही है।

इस अवसर पर, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के दक्षिण एशियाई विष्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. के. के. अग्रवाल तथा ए.आई.सी.टी.ई, शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार एवं संयुक्त सचिव, राज्य सभा सचिवालय डॉ राघब प्रसाद दाश ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व, संस्थापक और सी.ई.ओ. एडुस्किल्स फाउंडेशन डॉ शुभजीत जगदेव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा एडुस्किल्स फाउंडेशन की गतिविधियों की जानकारी दी।0.

मेडिकल कालेज की भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया अतिशीघ्र पूरी करें: अभिषेक गर्गएडीसी ने जोल सप्पड़ में द्वितीय चरण के लिए प्रस्त...
19/09/2025

मेडिकल कालेज की भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया अतिशीघ्र पूरी करें: अभिषेक गर्ग
एडीसी ने जोल सप्पड़ में द्वितीय चरण के लिए प्रस्तावित भूमि का किया निरीक्षण

हमीरपुर 19 सितंबर। एडीसी अभिषेक गर्ग ने शुक्रवार को जोल सप्पड़ में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कालेज के निर्माणाधीन नए परिसर का दौरा करके विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों के लिए प्रस्तावित अतिरिक्त भूमि का जायजा लिया।
उन्हांेने बताया कि मेडिकल कालेज अस्पताल और अकादमिक ब्लॉक के निर्माण के बाद यहां एक अलग मातृ-शिशु अस्पताल, डेंटल कालेज, पैरा-मेडिकल स्टाफ के लिए आवासीय भवनों और कई अन्य ब्लॉकों का निर्माण भी किया जाना है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मेडिकल कालेज के साथ ही एक आधुनिक नशा निवारण एवं उपचार केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। इन भवनों के लिए अतिरिक्त जमीन चिह्नित कर ली गई है। एडीसी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस जमीन के दस्तावेज तुरंत उपलब्ध करवाने तथा वन विभाग को एक 2 हफ्तों के भीतर पेड़ों की मार्किंग करने के निर्देश दिए।
एडीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री जोल सप्पड़ में मेडिकल कालेज को एक बड़े मेडिकल हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। यह उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसलिए, अगले चरण में बनने वाले भवनों के लिए जमीन के हस्तांतरण में अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए। उन्हांेने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर मेडिकल कालेज के अतिरिक्त निदेशक अनुपम ठाकुर, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता राजेंद्र सिंह जुबलानी, नायब तहसीलदार, वन विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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*उपायुक्त ने सुशासन सूचकांक पर ली समीक्षा बैठक, आंकड़ों की सटीकता पर दिया जोर**कहा...बेहतर व पारदर्शी सेवाओं के लिए सभी ...
19/09/2025

*उपायुक्त ने सुशासन सूचकांक पर ली समीक्षा बैठक, आंकड़ों की सटीकता पर दिया जोर*

*कहा...बेहतर व पारदर्शी सेवाओं के लिए सभी मानकों पर उच्च प्रदर्शन लक्ष्य*

ऊना, 19 सितम्बर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने शुक्रवार को डीसी कार्यालय के एनआईसी हॉल में जिला सुशासन सूचकांक (गुड गवर्नेंस इंडेक्स) की प्रगति की समीक्षा करते हुए आंकड़ों की सटीकता और बेहतर विभागीय प्रदर्शन पर विशेष जोर दिया। बैठक में सुशासन से जुड़े 9 थीम, 22 फोकस क्षेत्रों और 128 संकेतकों की विभागवार प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई।

उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य सुशासन के सभी मानकों पर उच्च प्रदर्शन सुनिश्चित करना है ताकि जनता को बेहतर और पारदर्शी सेवाएं मिल सकें। उन्होंने विशेष रूप से आंकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता पर जोर देते हुए कहा कि डेटा की शुद्धता सुशासन के सही मूल्यांकन की बुनियाद है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, राजस्व और श्रम एवं रोजगार विभागों को एक सप्ताह के भीतर अद्यतन व संशोधित जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

*इन विषयों पर रहा फोकस*

बैठक के दौरान आवश्यक बुनियादी ढांचा, मानव विकास, सामाजिक सुरक्षा, महिलाएं व बच्चे, कानून-व्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण, पारदर्शिता व जवाबदेही, आर्थिक प्रदर्शन तथा भूमि एवं राजस्व प्रबंधन जैसी प्रमुख थीमों की समीक्षा की गई। साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, जल शक्ति, लोक निर्माण, विद्युत बोर्ड, राजस्व, वन, पुलिस, जिला खाद्य आपूर्ति, कृषि, सतर्कता, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रामीण विकास, श्रम व रोजगार, जिला कल्याण, पशुपालन, कृषि, आबकारी व कराधान तथा डाइट सहित विभिन्न विभागों के प्रदर्शन पर विशेष चर्चा हुई।

*ये रहे उपस्थित*

बैठक में जिला सांख्यिकी अधिकारी अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरिंदर शर्मा, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, जिला आयुष अधिकारी डॉ. किरण शर्मा, जिला विकास अधिकारी रमनवीर चौहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, जिला कल्याण अधिकारी आवास पंडित, जिला श्रम अधिकारी अक्षय शर्मा, उप निदेशक कृषि कुलभूषण धीमान, उप निदेशक बागबानी के.के. भारद्वाज, जिला राजस्व अधिकारी अजय सिंह, डीएफसीसी राजीव शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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