08/07/2025
जीवन का कड़वा सच*
*आये है तो जाना तो तय ही है*
दोनों में से किसी एक को पहले जाना है......
वो पति (वह) भी जानता है और पत्नी(वह) भी..!
पति को परवाह पत्नी की ,
कि वह कभी बैंक नहीं गई,
न तो डाकघर,
न ही निगम,
न कोई बिल भरने ,
न तो बीमा कार्यालय में...
ऑनलाइन बैंकिंग आती नहीं ....
कैसे जमेगा उसे यह सब ?
पत्नी को पति की फिक्र...
सुबह उठते ही उनको अदरक इलायची वाली चाय चाहिए ,
Nice बिस्कुट के साथ..
इसके बिना सुबह की सैर संभव नहीं... वापसी पर गर्म नाश्ता ,
उन्हें अपने कपड़े भी जल्दी नहीं मिलते...!
आराम, दोपहर का भोजन,
शाम का अलग मेनू
सब कुछ व्यवस्थित होना चाहिए..
कैसे होगा इनसे जब मैं न रहूंगी तो ...?
एक दिन वह उसे बैंक ले गया,
एटीएम से उसी से पैसे निकलवाए ,
शादी की तारीख का पिन बनाया .
मित्रों को बताया कि अगर मैं न रहूं .....
पत्नी भी झूठ मूठ की बीमार हो गई
पतिदेव से चाय-नाश्ता बनवाया ।
बहुत अच्छा बना है
सराहना भी की...!!!
अब पति पत्नी को हर जगह ले जाने लगा ,
गैस का पंजीकरण,
बिल का भुगतान,
सब कुछ सिखाने लगा ।
पत्नी से दाल-चावल, खिचड़ी
बनाना सीखने लगा ...
अब पति भी कुछ आश्वस्त और पत्नी भी... !!
काल को कहा ,
आओ अब तुम, तुम आओ,
अब मैं निश्चिंत हूं, खुश हूं...!!
मौत के साथ जाने को तैयार. हे मृत्यु तुम्हारा स्वागत है...!!
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*दोस्तों, जीवन की शुरुआत की तरह ही जीवन के अंत के लिए भी बहुत तैयारी की आवश्यकता होती है*।
*जिसके बिना #जीवनसाथी को काफी परेशानी होगी. क्योंकि पहले नंबर किसका आएगा...??*
*किसी को नहीं मालूम।*
#वृद्धावस्था का अच्छा नाम है,
कोई कहता है
"संन्यासाश्रम ",
कोई कहता है " #वानप्रस्थाश्रम",
*लेकिन मैं कहता हूं " #आनंदाश्रम"...!!!*
* #बुढ़ापे में हमें कैसे रहना चाहिए*?
*यदि आप घर पर हैं, तो एक "आश्रम" जैसा ..*.
*यदि आप किसी आश्रम में हैं, तो "घर" जैसा....*..
कहीं भी उलझन मत रखो
पुरानी यादें ताज़ा न करें.
मत कहो "हमारे समय में.....,
अपमानित हो तो जताओ नहीं .
बात लंबी मत खींचो,
ख़ुशियाँ बनाये रखें...
हर किसी से दोस्ती करते रहो...
क्रोध और लालच को दूर भगाओ,
हमेशा आनंद का अनुभव करें.
बुढ़ापा भी अच्छा होता है..
लेंस प्रत्यारोपण से स्पष्ट दिखता है,
नए दांत से आसानी से चबाया जाता है,
श्रवणयंत्र से अच्छा सुनाई देता है ...
पार्क तक और फिर वापस,
मंदिर जाएं और भजन गाएं.
टीवी देखिए , सीरियल...देखिए
बच्चों के सामने चुप रहना,
पोते पोतियों के साथ खेलते
रहना..
पत्नी से झगड़ा
दोस्तों के साथ चैट करते रहना
जमे तो घूमने निकलो
पत्नी का सामान उठाते रहो ..
अगर समय हो तो गाओ,
अकेले में नाच लो,
कोई देख ले तो व्यायाम कह दो
*थकान लगे तो बैठ जाएं...*
*ऊब गए हैं तो सो जाइए।*
घर पर अकेले हैं....
रसोई में जाओ और मलाई साफ कर दो,
बच्चों का नाश्ता टेस्ट करो
यदि आप चाहें तो चीनी भी
खाओ,
पुरानी शर्ट पहन लो
कुछ बाल संवार लो,
ये कह दो आईना झूठा है,
अगर कोई न हो तो उसके (आईने ) सामने मुँह भी बिगाड़ लो.
खूब जमाओ सुरों की महफिल ,
अच्छी लगाओ भोजन की पंगत ,
जमे साथ गप्प की रंगत ,
लूट कर जीने की मौज ..!!
आखिरी बात...
स्वाद लेते , सराहना करते,*
*तृप्त मन से आनंद लेते लेते,*
धीरे से खुद खिसक जाना, निकल जाना*,
*पके पत्ते की तरह,*
*बिना आवाज़ के चले जाना...*
सभी #सीनियरसिटीजन के लिए
बात कड़वी है पर
सत्य है और यही
होता है इसके अलावा
कुछ नहीं है जीवन में