
27/11/2023
सृष्टि स्कूल में आज गुरु नानक जयंती धूमधाम से बनाई गयी I
सृष्टि इंटरनेशनल स्पोर्ट्स स्कूल, मोठ में आज गुरु नानक जयंती धूमधाम से बनाई गयी I इस अवसर पर स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया व् इस मौके पर छात्रों ने शब्द और कीर्तन पेश किए। पारंपरिक पंजाबी पोशाक में छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांधा। आज गुरु नानक जयंती पर नन्हे-मुन्नों बच्चों ने गुरु नानक देव जी पर विचार रखे। और वाहेगुरू का सिमरन किया। इस मौके पर छात्रों ने पंच प्यारे बन मंच पर प्रस्तुति दी। बच्चों ने गतका का प्रदर्शन कर चार चाँद लगा दिए व् गुरु नानक जयंती को और भी खास बना दिया I काफी बच्चों ने गुरु नानक की बहादुरी के बारे में बताया व् नाटक भी प्रस्तुत किए गये I
सृष्टि स्कूल के डायरेक्टर श्री अनूप लोहान जी ने कहा कि गुरुओं के सिद्धांतों पर चलने से ही जीवन धन्य होता है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों और महानायकों की कुर्बानी से ही देश का अस्तित्व है। उन्होंने लोगों को काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और घृणा को त्यागने और सद्भावना को अपनाने के लिए कहा मेहनत करने और नाम सिमरन करने के लिए लोगों को जागरूक किया I सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने महिलाओं के सम्मान में कहा था कि 'सो क्यों मंदा आखिए, जित जम्मे राजान...' यानी उन्हें क्यों कम आंके जिन्होंने राजाओं को जन्म दिया।
स्कूल प्रबंधक सोनिया लोहन जी ने बताया की गुरु नानक जी के विचारों और कार्यों का महत्वपूर्ण योगदान है जो समाज में सामंजस्य और समरसता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने किया। उनके संदेशों ने समाज को एकता, समानता और सहयोग की दिशा में अग्रसर किया। उन्होंने लंगर प्रथा शुरू करके सभी लोगों को समानता का अहसास कराया और जाति प्रथा को खत्म करने का प्रयास किया। उनके विचारों में महिलाओं के सम्मान और समानता को लेकर विशेष ध्यान था। उन्होंने समझाया कि महिलाएं भी समाज में समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और उन्हें सम्मान देना चाहिए। उनका यह संदेश आज भी महत्वपूर्ण है और हमें समाज में समानता की दिशा में अग्रसर होने के लिए काम करना चाहिए। गुरु नानक जी ने अपने जीवन में बहुत साहस और सहनशीलता दिखाई थी। उन्होंने समाज में न्याय और समानता के लिए संघर्ष किया और उन्होंने अपनी बहादुरी से भी साबित किया कि वे इस मार्ग पर अपने मार्गदर्शन के साथ अग्रसर थे।
स्कूल प्रिंसिपल घनश्याम जी ने बच्चों को गुरु नानक देव के जीवन संदेशों से सीख लेने का संदेश दिया। गुरु नानक जी ने समाज में एकता, सहिष्णुता और सामंजस्यवाद के मूल्यों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने समाज में न्याय, स्नेह, और सच्चाई की बात की थी, जिससे लोगों में एक समरस वातावरण बना। उनके संदेशों को बच्चों तक पहुंचाना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यह उन्हें न सिर्फ अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ता है, बल्कि सही और गलत की पहचान करने में भी मदद करता है।
गुरु नानक जी के जीवन और उनके सिखाये हुए सिद्धांतों में इसी तरह की बहादुरी और साहस की कहानियाँ हैं, जो उनके संदेश को और भी प्रभावशाली बनाती हैं। शबद कीर्तन और अरदास के साथ बच्चों ने कार्यक्रम का समापन किया।