18/07/2025
#ये_आजादी_झूठी_है_देश_की_जनता_भूखी_है
अन्नाभाऊ साठे एक प्रसिद्ध मराठी लेखक, लोककवि, और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्हें "लोकशाहीर" के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने दलित साहित्य और संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अन्नाभाऊ साठे का जन्म 1 अगस्त 1920 को सांगली जिले के वाटेगांव में हुआ था। उन्होंने औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी, लेकिन अपने लेखन और सामाजिक कार्यों के माध्यम से उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाई। उन्होंने 32 उपन्यास, 13 लघु कथा संग्रह, एक यात्रा वृत्तांत, और कई गीत लिखे।
अन्नाभाऊ साठे के कुछ प्रमुख कार्य हैं:
उपन्यास:
फकीरा, चिखलातील कमळ, वैजयंता, वारणेचा वाघ, चंदन, रानगंगा
लघु कथा संग्रह:
कृष्णाकाठच्या कथा, खुळंवाडा, गजाआड
लोकनाट्य:
देशभक्त घोटाळे, शेटजींचे इलेक्शन, बेकायदेशीर
अन्य:
स्टालिनग्रादचा पोवाडा, माझी मुंबई, मूक मिरवणूक
अन्नाभाऊ साठे का निधन 18 जुलाई 1969 को हुआ। उन्हें मरणोपरांत महात्मा गांधी स्मारक विश्वविद्यालय (एमजीएमयू) छत्रपति संभाजी नगर द्वारा डी. लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया।
गीता पैट्रिक
अध्यक्षा
महिला जागृति फाउंडेशन
हापुड (उत्तर प्रदेश)