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27/08/2025
जब बढ़ने लगे यूरिक एसिड की समस्या सुबह-शाम खाली पेट गिलोय का काढ़ा पीने से दूर होगी जोड़ों की सूजन !
26/08/2025

जब बढ़ने लगे यूरिक एसिड की समस्या सुबह-शाम खाली पेट गिलोय का काढ़ा पीने से दूर होगी जोड़ों की सूजन !

25/08/2025
पतंजलि योगपीठ के बहुत वरिष्ठ पदाधिकारी एवं वरिष्ठ योग शिक्षक आदरणीय श्री रघुवीर सैनी जी को समस्त संगठन की ओर से श्रद्धां...
25/08/2025

पतंजलि योगपीठ के बहुत वरिष्ठ पदाधिकारी एवं वरिष्ठ योग शिक्षक आदरणीय श्री रघुवीर सैनी जी को समस्त संगठन की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए,
परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने भी आदरणीय रघुवीर सैनी जी के योग सेवा के योगदान की चर्चा करते हुए उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

राज्य तंत्र या प्रशासन ऐसा ही होना चाहिए...... जिससे अपराधियों के अंदर भय पैदा हो दुखद यह है.... कि संविधान की धाराओं मे...
25/08/2025

राज्य तंत्र या प्रशासन ऐसा ही होना चाहिए...... जिससे अपराधियों के अंदर भय पैदा हो दुखद यह है.... कि संविधान की धाराओं में तो ऐसे अपराधियों को सजा मिलनी में बहुत समय लगता है .....या मिल ही नहीं पाती या कानूनी बारीक बारीक चीजों से निकलकर ऐसे अपराधी छूट जाते है.....
ऐसे में यदि योगी जी से डर कर कानून से डर कर अच्छे राजा से डर कर अपराधी भाग रहे हैं .....तो यह दर अच्छा है.... अब इसमें भी मानवाधिकार वाले आएंगे अपराधियों को बचाने वाले आएंगे की पुलिस कानून को अपने हाथ में ले रही है ...पहले इतने एनकाउंटर होते थे.... अब इतनी क्यों होते हैं मतलब अपराधियों की फेवर लेने वाले व्यक्ति हैं ...
लेकिन अपराध की रोकथाम के लिए खड़े होने वाले व्यक्तियों की कमी है

25/08/2025

इनके भाईचारे की असलियत यही है

सभ्यताओं का संघर्ष कैसे होता है इसका लाइव एग्जांपल आप वर्तमान में भी देख रहे हैं और इतिहास में भी करोड़ों लोगों को केवल ...
24/08/2025

सभ्यताओं का संघर्ष कैसे होता है इसका लाइव एग्जांपल आप वर्तमान में भी देख रहे हैं और इतिहास में भी करोड़ों लोगों को केवल वैचारिक संघर्ष से विचारधाराओं के टकराव से निर्दयतापूर्वक युद्ध हुए हैं हमें शत्रु बोध होना ही चाहिए...... कौन हमारे आने वाली पीढियां के लिए खतरा बन सकता है..... जिन लोगों के मन में वहम है कि सभी मत पंथ संप्रदाय बराबर है..... उनको बहुत बड़ी गलतफहमी है दुनिया के अलग-अलग देशों के लाइव एग्जांपल के साथ समझते हैं कि पूरी दुनिया के सामने आज सबसे बड़ा खतरा क्या है..... “Population Percentage Theory of Islam” या “Muslim Demographics Thesis” के नाम से जानते हैं। यह विचार सबसे ज़्यादा अमेरिकी लेखक Bill Warner और कुछ हद तक Samuel P. Huntington (Clash of Civilizations) जैसे लेखकों ने उठाया।

इसमें कहा गया है कि मुस्लिम जनसंख्या जैसे-जैसे किसी देश में बढ़ती है, वैसे-वैसे सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी बदलते हैं।
1. 0–2% मुस्लिम आबादी वाले देश

USA (शुरुआती दौर), न्यूज़ीलैंड, जापान
👉 इस स्तर पर मुसलमान अल्पसंख्यक रहते हैं और पूरी तरह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते हैं। ज़्यादातर लोग व्यापार, शिक्षा और रोज़गार पर केंद्रित रहते हैं।

2. 2–5% मुस्लिम आबादी

कनाडा, यूनाइटेड किंगडम (20वीं सदी के मध्य)
👉 इस स्तर पर हलाल मीट की मांग, इस्लामिक छुट्टियों की मान्यता और अलग कब्रिस्तान जैसी माँगें शुरू होती हैं।
👉 उदाहरण: ब्रिटेन में 1970–80 के दशक में हलाल स्कूल भोजन और इस्लामिक स्कूलों की शुरुआत हुई।

3. 5–10% मुस्लिम आबादी

फ्रांस (आज ~9%), जर्मनी (~7%)
👉 इस स्तर पर मुस्लिम समुदाय अपनी राजनीतिक पहचान बनाना शुरू करता है, शरिया पालन के लिए “अलग ज़ोन” की मांग करता है।
👉 फ्रांस में Burqa ban और Sharia no-go zones पर विवाद हुआ।
👉 जर्मनी में तुर्की मुस्लिम समुदाय ने अपनी सांस्कृतिक स्वायत्तता की मांग उठाई।

4. 10–20% मुस्लिम आबादी

भारत (14%), थाईलैंड (12%), इथियोपिया (17%)
👉 इस स्तर पर समुदाय मजबूत राजनीतिक ताकत बन जाता है।
👉 भारत में मुस्लिम पार्टियों और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति।
👉 थाईलैंड के दक्षिणी प्रांतों (पट्टानी, याला) में शरिया लागू करने की मांग और अलगाववादी आंदोलन।

5. 20–40% मुस्लिम आबादी

नाइजीरिया (लगभग 40%), इथियोपिया, लेबनान (30%+)
👉 यहां धार्मिक संघर्ष, हिंसा और कट्टरपंथी गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं।
👉 नाइजीरिया: Boko Haram का उदय और शरिया कानून की मांग।
👉 लेबनान: मुस्लिम-ईसाई गृहयुद्ध (1975–1990)।

6. 40%+ या बहुसंख्यक मुस्लिम देश

पाकिस्तान (96%), अफगानिस्तान (99%), सऊदी अरब (100%)
👉 यहां संविधान और कानून पूरी तरह इस्लाम पर आधारित हो जाते हैं।
👉 पाकिस्तान में शरिया कानून, ब्लास्फ़ेमी लॉ लागू।
👉 अफगानिस्तान: तालिबान शासन।
👉 सऊदी अरब: पूरी तरह शरीयत आधारित कानून।

हमारे सामने पूरी दुनिया सच्चे उदाहरण है...... कट्टरपंथी विचारधारा ....कोई भी शरीफ नहीं होती आपके स्कूल कॉलेज में..... यदि 1000 लोगों में एक भी शांतिदूत है और वह आपको शरीफ दिखाई देता है .....तो वह इसीलिए है कि वह 1000 में एक है .....100 में एक है...... या एक या दो प्रतिशत से कम है .....जैसे ही इनकी संख्या पड़ती है.... और संख्या ना भी बड़े तो भी यह अपने विचारधारा से प्रभावित करके लव जिहाद से लेकर दूसरे लोगों के धर्म भ्रष्ट करना... जैसे थूकना .....झूठन फैलाना.......सड़क पर बैठकर धार्मिक कृत्य करना......दूसरे लोगों के धर्मस्थलों का अपमान करना ....पप्रतीकों का अपमान करना .....यह उनकी सामान्य प्रवृत्ति है और इसको अपराध बोध से नहीं देखा जाता.... इनके संस्कारों में इसको गौरवबोध दिया जाता है ....कि यदि किसी शांतिदूत ने यह किया तो उसने दिन का ईमान का मजहब का बहुत बड़ा काम किया

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Haridwar

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