11/11/2025
"धर्मेंद्र जी नहीं रहे” ये चार शब्द किसी न्यूज़ हेडलाइन जैसे नहीं लगते, ये तो किसी पीढ़ी की यादें छीन ले गए।
जिसने पहली बार शोले देखी थी, उसे याद है वीरू की वो मस्ती, वो आँखों में शरारत और दिल में सच्चाई।
जिसने सत्यकाम देखा, उसे याद है कि सिनेमा सिर्फ हीरोइज़्म नहीं, ईमानदारी भी होता है।
और जिसने चुपके चुपके देखी, उसे याद है कि कॉमेडी भी कितनी बेमिसाल और सलीकेदार हो सकती है।
धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, वो एक फीलिंग थे ..देसीपन की, रोमांस की, और उस सादगी की जो अब शायद कभी वापस नहीं आएगी।
उनकी मुस्कान में गाँव की धूप थी, उनकी आँखों में पंजाब की मिट्टी की खुशबू, और उनके डायलॉग में वो ठसक जो किसी एक्टिंग स्कूल में नहीं सिखाई जा सकती।
वो ऐसे हीरो थे जो पर्दे पर लड़ते थे, और पर्दे के बाहर गले लगाते थे।
वो एक जेनरेशन के लिए सिर्फ ही-मैन नहीं, बल्कि ह्यूमन थे पूरे दिल से, पूरे जोश से, पूरे अपनेपन से।
भगवान उनकी आत्मा को शांति दें 🙏🏻