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29/03/2025
आज कल जब कुछ लोगों को अपने माता-पिता भी एक समय बाद खटकने लगते हैं और उन्हें वृद्धाश्रम में जाकर छोड़ दिया जाता है, वहीं ए...
27/11/2022

आज कल जब कुछ लोगों को अपने माता-पिता भी एक समय बाद खटकने लगते हैं और उन्हें वृद्धाश्रम में जाकर छोड़ दिया जाता है, वहीं एक ऐसा शख्स भी है, जो एक दो नहीं बल्कि करीब 300 बुजुर्गों को किसी भी दिन खाना देने से नहीं चूकता। हम बात कर रहे हैं कोलकाता के देब कुमार मल्लिक की। देब कोलकाता में Care Home में न रह पाने वाले बुजुर्गों की मदद करते हैं। इस मदद में न सिर्फ़ खाना-पीना है बल्कि मेडिकल इमरजेंसी से लेकर, इनकी कहीं जाने की इच्छा को भी पूरा करना है।
40 वर्षीय देब बिज़नेसमैन हैं। वह कोलकाता के बारानगर में बड़े हुए। उनके माता-पिता और एक बड़ा भाई अच्छा जीवन जी रहे थे लेकिन जब देब 5 साल के थे, तब उनके पिता का एक्सीडेंट हुआ और वह लकवाग्रस्त हो गए। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी और उनकी मां ने बतौर टीचर और पार्ट टाइम फ़िज़ियोथेरेपी ट्रेनर का काम शुरू किया। इसी बीच उनके भाई को भी मानसिक स्वास्थ्य से जूझना पड़ा और उन्हें रिहैब के लिए भेजना पड़ा।
अब वह हर दिन 4,800 रुपये ख़र्च करते हैं और कई लोगों के भूखे पेट को भरते हैं। वह खाना-पीना और मेडिकल सुविधा के साथ-साथ बेघर बुजुर्गों का अंतिम संस्कार भी करते हैं। उनके लिए सबसे बड़ी जीत है कि सैकड़ों बुजुर्ग उन्हें अपना बेटा मानते हैं और बहुत प्यार देते हैं।

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं ,आज बस घर छोड़ दूंगा, औ...
27/11/2022

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं ,
आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...

जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....पता तो चले कितना माल छुपाया है .....माँ से भी ...इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..

जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....मैंने जूता निकाल कर देखा .....मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...जैसे ही कुछ दूर चला ....मुझे पांवो में गीला गीला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?

दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......ओह....अच्छे जुते पहनना ???पर उनके जुते तो ...........!!!!माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."मैं अब समझा कितने चलेंगे......

तीसरी पर्ची ..........पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....पापा का स्कूटर .............ओह्ह्ह्ह मैं घर की और भागा........अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....मैं घर पहुंचा .....न पापा थे न स्कूटर ..............ओह्ह्ह नही मैं समझ गया कहाँ गए ....मैं दौड़ा .....और एजेंसी पर पहुंचा......पापा वहीँ थे ...............मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया .......नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..वो भी आपके तरीके से ..।

"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है...और"पापा" एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है...Always Love & Respect Your Parents

30/10/2022

महापर्व छठ की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

🌞🙏क्या आप जानते छठ की शुरुआत कैसे हुई🌞🙏

कहा जाता है महाभारत काल में ही छठ पर्व की शुरुआत हुई थी| कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और सूर्य पुत्र भी थे । वो रोज पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वो महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है।

क्यों इसे बिहार यूपी और झारखंड में धूम धाम से मनाया जाता है ?
कर्ण अंग देश के राजा थे। और अंग देश आज के समय में इसी तीनों राज्यों का हिस्सा हुआ करता था। इसीलिए इन्ही क्षेत्रों में इसकी मान्यता सबसे ज्यादा है।

वैसे भी ब्रम्हांड में सबसे ज्यादा ऊर्जा और शक्ति का सबसे बड़ा source सूर्य ही है । इसलिए सूर्यदेव की पूजा तो शारीरिक और मानसिक योग्यताएं बढ़ाने के लिए भी करना चाहिए। कर्ण की ही बात करें तो कर्ण जितना मजबूत शरीर पूरे महाभारत काल में किसी का नही था क्युकी उसका शरीर वज्र का था... तर्क वितर्क की शक्ति में श्रीकृष्ण के बाद कर्ण ही था। यानी की शारीरिक और मानसिक योग्यता सबसे ज्यादा कर्ण में ही थी।

समस्त उत्तर भारतीयों के लिए ये सिर्फ पर्व नही...बल्कि महापर्व है।

#छठ

इनके बुलंद हौसले एंव संघर्ष को मेरा सलाम....🙏🙏
23/10/2022

इनके बुलंद हौसले एंव संघर्ष को मेरा सलाम....🙏🙏

सफलता की सबसे खास बात यह  है की वो मेहनत करने वालों पर🙏❤️ फ़िदा हो जाती है ओर उसको उसके मंज़िल तक पहुंचा के रहती है   #सल...
13/09/2022

सफलता की सबसे खास बात यह है की
वो मेहनत करने वालों पर🙏❤️
फ़िदा हो जाती है ओर उसको उसके मंज़िल तक पहुंचा के रहती है #सलाम_इन_नन्हे_बच्चो_को

13/09/2022

संगत अच्छी रखिए

कभी-कभी स्ट्रीट लाइटे भी गरीब के जीवन में रोशनी ला देती है...!!!!इस बच्चे का भविष्य सुंदर और सुखमय हों...!!🙏🙏 यही दुआ है...
01/09/2022

कभी-कभी स्ट्रीट लाइटे भी गरीब के जीवन में रोशनी ला देती है...!!!!
इस बच्चे का भविष्य सुंदर और सुखमय हों...!!🙏🙏 यही दुआ है !!❤️

27/08/2022

Tag the most patient person you know...

27/08/2022

3 ways to increase our AWARENESS in life 🙏🏻

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Hingoli
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