04/09/2025
प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा योगदान रहा है : प्रो . रामबिलास शर्मा
पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को दी बधाई
चंडीगढ़
जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरुरी है. शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | उक्त शब्द पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो रामबिलास शर्मा ने शिक्षक दिवस के अवसर पर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति, शिव शक्ति जनकल्याण सेवा ट्रस्ट एवं सदाचारी शिक्षा समिति के द्वारा आयोजित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन गौरव पुरस्कार सम्मान समारोह के तहत उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहे | उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा योगदान रहा है. गुरुओं से प्राप्त ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं | “शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।” उन्होंने कहा, “शिक्षक दिवस ऐसा अवसर है, जब हम राष्ट्र निर्माण में अपने शिक्षकों की समर्पित सेवा को पहचान देते हैं ! मैं डॉक्टर सर्वेपल्ली राधाकृष्णनन को उनके जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि देता हूं, जो कि एक बेहतरीन शिक्षक और एक बहुत ही अच्छे राजनेता थे।”राधाकृष्णनन राष्ट्रपति थे लेकिन वे हमेशा एक शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। वे शिक्षा के प्रति समर्पित थे। उन्होंने कहा कि एक महान वैज्ञानिक एलबर्ट आइंस्टाइन ने एक बार कहा था कि अपने छात्रों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनंद जगाना ही एक शिक्षक का महत्वपूर्ण गुण है। नए भारत’ के हमारे सपने को साकार करने में शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जो कि अनुसंधान और नवीनता संचालित करते हैं।उन्होंने कहा कि जब हम परिवर्तन की बात करते हैं तो परिवार में मां की याद आती है, वैसे ही समाज में शिक्षक की याद आती है। परिवर्तन में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। हर शिक्षक के जीवन में कहीं न कहीं कुछ घटनाएं हैं जिनके सहज प्रयासों से किसी की जिंदगी के परिवर्तन में सफलता मिली होगी। अगर हम सामूहिक प्रयास करेंगे तो देश के परिवर्तन में हम बहुत अहम भूमिका अदा करेंगे। महंत वेदनाथ जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊँचा माना गया है। जब तक गुरु न हों, तब तक ज्ञान अधूरा है। गुरु वह है जो अज्ञान के अंधकार से निकालकर हमें प्रकाश के मार्ग पर ले जाता है। वे केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाते हैं। एक सच्चा शिक्षक अपने विद्यार्थी का जीवन बदल सकता है और उसे राष्ट्र का आदर्श नागरिक बना सकता है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक ही वह दीपक है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति और पतन का मुख्य कारण उसकी शिक्षा व्यवस्था होती है, और शिक्षा व्यवस्था की धुरी शिक्षक होते हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पढ़ाई में ही निपुण न बनाएं, बल्कि उन्हें चरित्रवान, जिम्मेदार और समाजोन्मुखी भी बनाएं।इस अवसर पर महंत वेदनाथ, आर एस एस एस वरिष्ठ पदाधिकारी प्रदीप शर्मा, भाजपा के पूर्व प्रदेश सह मीडिया प्रमुख रीतिक वधवा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, एडवोकेट संदीप यादव, सुनील चौहान, सतेंद्र अत्रि तिगड़ानियां, , उप जिला शिक्षा अधिकारी शिवकुमार तंवर ,ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अनिल गौड़ , पीसीसीए आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया, निदेशक सावित्री यादव, वर्धमान ज्वेलर्स के एमडी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी सचिन जैन, समाजसेवी नरेश गर्ग ढिगावा, समाजसेवी प्रवीण गर्ग, भाजपा नेता रितिक वधवा, समाजसेवी लक्ष्मण गौड़, एनसीसी अधिकारी राजेश मुखी, शिक्षाविद मोहनदत्त शर्मा, गोवर्धन आचार्य, पंडित बसंत शास्त्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।