31/03/2025
2011 वर्ल्डकप में इस बात पर सौ सवाल उठे थे कि फाइनल मैच में धोनी युवराज से पहले खेलने क्यों आए? क्योंकि युवराज की फॉर्म भी शानदार थी, स्ट्राइक रेट भी ज़बरदस्त था, फिर भी उनका बैटिंग ऑर्डर डाउन क्यों किया गया?
तब सचिन ने धोनी के फ़ैसले को बैक किया था कि "मैं हूँ, मैंने बोला था इसे पहले बैटिंग करने के लिए।
फिर वो समय भी आया जब धोनी ने ख़ुद को 5 से और नीचे धकेलते हुए, 6 नम्बर पर as a फिनिशर बैटिंग करना शुरू किया और रोहित शर्मा से ओपनिंग करवाने लगे। तब लगता था कि ये धोनी का सैकरिफाइज़ है। अगर टॉप फोर में बैटिंग करते तो 13-14 हज़ार रन बना लेते।
इसके बाद कप्तानी गयी, विराट नए कप्तान हुए, हम सीरीज़ जीतने लगे और टूर्नामेंट्स हारने लगे। अब धोनी 7 नम्बर पर आने लगे तो हम फैन्स ने विराट को कोसना शुरू किया।
2019 वर्ल्ड कप फाइनल में न्यूज़ीलैंड के मात्र 239 रन के टारगेट को चेज़ न कर पाने के बाद, विराट से पहला सवाल यही पूछा गया था कि आपने धोनी जैसे बैट्समैन को 7 नम्बर पर क्यों भेजा? आप उन्हें 5 पे भेजते तो उनके पास गेम रिकवर करने का टाइम होता क्योंकि 25 बॉल में 4 रन की इनिंग देकर दिनेश कार्तिक ने पूरा गुलशन उजाड़ दिया था।
इसपर विराट कोहली ने ढके छुपे शब्दों में बहुत सही बात बोली थी कि धोनी जिस लेवल के प्लेयर हैं, उन्हें बैटिंग ऑर्डर बताने वाले हम कौन होते हैं? वो ख़ुद डिसाइड करते हैं कि उन्हें किस नम्बर पर आना है।
तब क्योंकि धोनी फैन नहीं धोनी भक्ति होती थी इसलिए हमें यही लगता था कि कोहली झूठ बोल रहा है। ये ख़ुद ही टीम का सत्यानाश कर रहा है।
पर साल दर साल आईपीएल में भी यही देखने को मिला, यहाँ तो कोई कोहली कप्तान नहीं था, धोनी ख़ुद कप्तान थे पर वह 7 से खिसककर 8 पर ऐसे चुप्पे से आने लगे जैसे किसी को पता नहीं चलेगा।
पर पता चला, लोगों ने टोकना शुरु किया कि बॉस अगर जीत हार से परे, सिर्फ फ़्रेंचाइज़ के रेवेन्यू और फैन्स के नज़ारे के लिए भी खेल रहे हो तो भी जल्दी आओ, पर नहीं, बैटिंग क्रम वही रखा गया जिसमें दर्शक मनाते फिरें कि जड्डू आउट हो भाई तो देवता पधारें।
कल दूसरा मौका था जब धोनी 9वें नम्बर पर आए, 20वें ओवर में बिलो एवरेज स्पिनर को पीटकर स्ट्राइकरेट भी बढ़िया कर लिया।
लेकिन कल एक अनोखी घटना हुई जो मैं लाइव तो न देख सका, पर अभी कमेंट्री और हाईलाइट में जानी कि कल चेपौक स्टेडियम में आरसीबी आरसीबी के नारे लगे। कल कोहली कोहली की चैटिंग हुई! चेन्नई हार पर अफ़सोस से ज़्यादा आरसीबी जीत पर सेलिब्रेशन हुआ।
शायद वहाँ के अँधे फैन्स की एक आँख कल खुल गयी थी। उनको दिखने लगा था कि यहाँ क्रिकेट फैन्स के लिए कम और ब्रॉडकास्टर और ब्रांड्स के लिए ज़्यादा हो रहा है।
हो सकता है ब्रॉडकास्टर और फ्रेंचाइज़ चाहते हों कि धोनी आउट होकर न आयें, क्योंकि आउट होते ही टीआरपी डाउन होती है, इसलिए तब खेलनव उतरे जब रिस्क कम हो और ज़्यादा देर तक क्रीज़ पर रह सकें।
ख़ैर जो भी रीज़न हो, एक महान बैट्समैन, जिसके नाम हज़ारों रन्स हैं, जो बेस्ट फिनिशर कहलाता आ रहा है, अगर वो गेम में जल्दी आने से डर रहा है तो वो मैच दर मैच अपने हज़ार फैन्स खो रहा है। और अगर वो इसलिए देर से आ रहा है कि ब्रॉडकास्टर उसकी प्रेजेंस पर ज़्यादा पैसा बना सकते हैं तो ये सीधे सीधे फिक्सिंग है क्योंकि इस एक्ट से csk टीम को नुकसान हो रहा है।
बादबाकि द बॉयज़ के बिली बुचर की तरह अब मैं दिल से चाहता हूँ कि ख़ुद को होमलैंडर समझने वाले महान महेंद्र सिंह धोनी 2026, 27, 28 का भी आईपीएल खेलें और ऐसे ही खेलें। at least जबतक हमारी पीढ़ी के आख़िरी फैन का मोहभंग नहीं हो जाता, तबतक तो ज़रूर खेलें।
#सहर