Mahankal_k_diwane

Mahankal_k_diwane यह पेज बाबा महांकल को समर्पित है, इस पेज में सारी जानकारी वीडियो और फ़ोटो बाबा महंकाल के रहेंगे।

🙏🙏🙏❤️❤️❤️🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय |नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नमः शिवाय ||    ...
05/07/2025

🙏🙏🙏❤️❤️❤️🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय |
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नमः शिवाय ||


Dua Lipa - ACTRESS
The Hidden Secrets Behind Dua Lipa’s Stellar Success---------------
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In the dazzling world of pop music, few stars shine as brightly as Dua Lipa. With a career that has sveen meteoric rise, chart-topping hits, and a legion of adoring fans, the 28-year-old British-Albanian singer-songwriter has become a global sensation. Yet behind the glitz and glamour lies a web of secrets that contribute to her phenomenal success. From hidden inspiratiobns to strategic career moves, here’s an inside look at the untold facets of Dua Lipa’s journey to superstardom.
A Star is Born: The Early Struggles
Dua Lipa’s path to fame wasn’t paved with gold. Born in London to Albanian parents, Lip

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🔱 शिव जी को रुद्राक्ष प्रिय क्यों हैं❓🌿 रुद्राक्ष का अर्थ और उत्पत्ति:"रुद्र" का अर्थ है भगवान शिव और "अक्ष" का अर्थ है ...
03/07/2025

🔱 शिव जी को रुद्राक्ष प्रिय क्यों हैं❓

🌿 रुद्राक्ष का अर्थ और उत्पत्ति:
"रुद्र" का अर्थ है भगवान शिव और "अक्ष" का अर्थ है आंखें या आंसू।

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव गहरे ध्यान में लीन थे और उन्होंने संसार की पीड़ा को देखा, तब उनकी आंखों से करुणा के आंसू गिर पड़े। उन आंसुओं से जो बूंदें धरती पर गिरीं, वहीं से रुद्राक्ष वृक्ष उत्पन्न हुए।

इसलिए रुद्राक्ष को भगवान शिव के आंसुओं का प्रतीक माना जाता है।

🔱 शिव जी को रुद्राक्ष प्रिय क्यों हैं:
उनकी आत्मा का अंश है रुद्राक्ष
चूंकि रुद्राक्ष शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है, इसलिए यह शिव तत्व से जुड़ा हुआ है और भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।

शिव तत्व को धारण करने का माध्यम
रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति में शिवत्व का संचार होता है। यह शिव की शक्ति और ऊर्जा को आकर्षित करता है।

ध्यान और साधना का प्रतीक
भगवान शिव को योगीश्वर भी कहा जाता है। रुद्राक्ष को योगियों और साधकों द्वारा ध्यान के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह मन को स्थिर और शांत करता है।

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है
शिव के रूप में रुद्राक्ष नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला माना जाता है। इसे पहनने से बुरी शक्तियां और बुरे विचार दूर रहते हैं।

रुद्राभिषेक और शिव पूजा में उपयोग
शिव पूजा में रुद्राक्ष माला से "ॐ नमः शिवाय" का जाप किया जाता है, जिससे पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

📿 शिव जी की मूर्ति पर रुद्राक्ष क्यों चढ़ाया जाता है?
शिवलिंग या शिव प्रतिमा पर रुद्राक्ष अर्पण करने से भक्त को पुण्य मिलता है।

यह भक्त की भक्ति, समर्पण और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है।

रुद्राक्ष चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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🔚 निष्कर्ष:
रुद्राक्ष केवल एक बीज नहीं, बल्कि शिव की कृपा का प्रतीक है।
इसे धारण करने से व्यक्ति शिव की ऊर्जा से जुड़ता है और उसका जीवन आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है।🌿🪔🙏🏻

भगवान शिव को "पशुपतिनाथ" क्यों कहा जाता है? – "पशुपतिनाथ" का अर्थ होता है – पशुओं के स्वामी। यहाँ "पशु" का अर्थ सिर्फ जा...
01/07/2025

भगवान शिव को "पशुपतिनाथ" क्यों कहा जाता है? –

"पशुपतिनाथ" का अर्थ होता है – पशुओं के स्वामी। यहाँ "पशु" का अर्थ सिर्फ जानवर नहीं, बल्कि माया और अज्ञान के बंधन में बंधे जीव भी होते हैं। शिव को इस रूप में पूजा जाना अत्यंत प्राचीन है, विशेषकर नेपाल के काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर इसका विश्वप्रसिद्ध प्रतीक है।

📜 पौराणिक कथा:
एक बार की बात है —
स्वर्ग, मृत्युलोक और पाताल में यह चर्चा होने लगी कि "सृष्टि में सबसे श्रेष्ठ कौन है?" ब्रह्मा और विष्णु दोनों इस पर चर्चा कर रहे थे। तभी वहां एक तेजस्वी प्रकाश-पुंज प्रकट हुआ, जो ब्रह्मा और विष्णु की भी समझ से परे था। यह तेजस्वरूप स्वयं भगवान शिव थे।

शिव ने दोनों से कहा, "तुम्हारे अहंकार को मिटाने के लिए मुझे प्रकट होना पड़ा है। मैं ही सृष्टि का मूल हूँ। मैं ही 'पशुपतिनाथ' हूँ – समस्त प्राणियों का रक्षक और स्वामी।"

इस पर विष्णु और ब्रह्मा ने अपनी भूल मानी और शिव को सच्चा स्वामी स्वीकार किया।

2)🐄 एक और रोचक कथा – हिरण रूपी शिव की कथा (नेपाल की मान्यता)
बहुत समय पहले भगवान शिव और माता पार्वती काठमांडू की घाटी में आकर रहने लगे। वे साधारण पशुओं का रूप लेकर वहां के जंगलों में विचरण करने लगे।

भगवान शिव ने एक हिरण का रूप ले लिया और वहां की प्राकृतिक सुंदरता में लीन हो गए। देवताओं ने जब उन्हें खोजा और निवेदन किया कि वे कैलाश लौट चलें, तो शिव ने हिरण रूप नहीं छोड़ा।
अंततः देवताओं ने उनका सींग पकड़कर उन्हें पहचान लिया।

उस स्थान पर भगवान शिव ने स्वयं को प्रकट किया और घोषणा की कि वे "पशुपतिनाथ" के रूप में यहां वास करेंगे – यानी "पशुओं एवं सभी प्राणियों के रक्षक" के रूप में।

उस स्थान पर आज पशुपतिनाथ मंदिर (काठमांडू, नेपाल) स्थित है, जो चारों दिशाओं में मुखों वाला शिवलिंग है और अति पवित्र माना जाता है।

🌟 आध्यात्मिक अर्थ:
"पशुपति" का गूढ़ अर्थ यह भी है कि —
हम सब 'पशु' हैं, जो मोह, अहंकार, क्रोध, लोभ जैसे विकारों से बंधे हुए हैं।
शिव ही वह शक्तिशाली तत्व हैं, जो हमें इन बंधनों से मुक्त कर मोक्ष की ओर ले जाते हैं। इस रूप में वे 'पशुपतिनाथ' कहे जाते हैं।

भावार्थ जिन्होंने मनुष्यों का ही नहीं अपितु इस भवसागर में आए हुए सभी जीव ,जंतुओं, पशुओं, पक्षियों का भी कल्याण किया वही वही महाकाल पशुपतिनाथ कहलाए🚩🙏🏻 Mahankal_k_diwane












Mahakal Daily Darshan
Mahakaal ka diwana



01/07/2025

भगवान शिव को "आशुतोष" क्यों कहा जाता है?🔱🙏🏻🚩

आशुतोष" एक संस्कृत शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है:

"आशु" = शीघ्र (जल्दी, तुरंत)

"तोष" = संतोष (प्रसन्नता, संतुष्टि)

👉 आशुतोष का अर्थ होता है — "जो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाता है।"

भगवान शिव को "आशुतोष" क्यों कहा जाता है — एक कहानी के रूप में

🌿 कहानी का शीर्षक: असुर बाणासुर और भगवान शिव की कृपा

बहुत समय पहले की बात है। एक असुर था — बाणासुर, जो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। वह अपने कठोर तप से शिवजी को प्रसन्न करना चाहता था।

🌄 वह हिमालय की गुफाओं में गया और वहाँ हजारों वर्षों तक कठोर तप करने लगा। उसने कई वर्षों तक सिर्फ वायु पर निर्भर रहकर ध्यान किया। फिर उसने अपने शरीर को भी त्याग कर, अपने हजारों हाथों से शिवलिंग पर बलिदान स्वरूप रक्त अर्पित करना शुरू किया।

देवता डरने लगे — “इतनी कठोर तपस्या! यह असुर कहीं अमरत्व न माँग ले।” लेकिन भगवान शिव को अपने भक्त का समर्पण प्रिय था।

💫 अंत में भगवान शिव प्रकट हुए और बोले:

“वत्स! मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ। वर माँगो।”

बाणासुर ने कहा —

“हे भोलेनाथ! मुझे आपकी सेवा का अवसर दीजिए और मेरा राज्य कोई कभी न जीत सके।”

शिवजी ने हँसते हुए कहा:

“तथास्तु!”

⚡ लेकिन कालचक्र ने करवट ली। आगे चलकर बाणासुर का अहंकार बढ़ गया और वह अधर्म के मार्ग पर चल पड़ा। भगवान कृष्ण को अंततः उससे युद्ध करना पड़ा, लेकिन बाणासुर को शिवजी का वरदान प्राप्त था।

तब शिवजी स्वयं युद्ध में आए और भगवान कृष्ण से भिड़ गए। यह युद्ध इतना भीषण था कि तीनों लोक काँप उठे।

🌼 अंत में नारद मुनि ने हस्तक्षेप किया और शिवजी ने अपने भक्त को जीवनदान दिया — लेकिन उसे समझाया कि अहंकार से विनाश निश्चित है।

💬 इस कहानी से क्या सीखा?

भगवान शिव को आशुतोष — अर्थात जल्दी प्रसन्न होने वाला — इसलिए कहा जाता है क्योंकि:

वे सच्चे भाव से की गई भक्ति को तुरंत स्वीकार करते हैं, चाहे भक्त कोई भी हो — देव, दानव या मानव।

वे भाव के भूखे हैं, विधि के नहीं।

उन्हें प्रसन्न करना अत्यंत सरल है — एक बिल्वपत्र, गंगाजल या सच्चे मन से किया गया "ॐ नमः शिवाय" पर्याप्त है।

🕉️ इसलिए वे भोले भंडारी, करुणामूर्ति, और आशुतोष कहलाते हैं।

प्रतिदिन शिव चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होते है ❓ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼हर दिन शिव चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्...
27/06/2025

प्रतिदिन शिव चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होते है ❓
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
हर दिन शिव चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि रोज़ शिव चालीसा पढ़ने से क्या-क्या होता है:

🕉️ हर दिन शिव चालीसा पढ़ने के लाभ:

🌿मन की शांति मिलती है
शिव चालीसा पढ़ने से मन शांत रहता है, चिंता और तनाव कम होते हैं।

🌿नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
यह पाठ नकारात्मकता, बुरी शक्तियों और बुरे स्वप्नों से सुरक्षा देता है।

🌿आत्मविश्वास बढ़ता है
महादेव की कृपा से साहस, आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

🌿रोगों से मुक्ति मिलती है
शिव जी को वैद्यराज कहा गया है। नियमित पाठ से स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।

🌿पारिवारिक कलह दूर होते हैं
घर में शांति और प्रेम बना रहता है।

🌿कर्मों का शुद्धिकरण होता है
शिव चालीसा पढ़ने से पूर्व जन्म और वर्तमान जीवन के पाप क्षमित होते हैं।

🌿धन-धान्य में वृद्धि होती है
आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।

🌿संकटों से रक्षा होती है
संकट काल में भगवान शिव की कृपा ढाल बनकर रक्षा करती है।

🌿भक्ति भाव गहरा होता है
शिव जी के प्रति प्रेम और श्रद्धा और मजबूत होती है।

🌿मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त होता है
जो व्यक्ति शिव चालीसा को समर्पण भाव से पढ़ता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति संभव है।

📖 पढ़ने का सही समय और विधि:
समय: सुबह स्नान के बाद या शाम को शुद्ध होकर पढ़ें।

स्थान: घर के पूजा स्थान पर बैठकर पढ़ें।

भाव: श्रद्धा और एकाग्रता से पढ़ें।

शिवलिंग पर जल या बेलपत्र चढ़ाकर प्रारंभ करें।🌿🪔
















शिव-पार्वती  "अर्धनारीश्वर स्वरूप – समानता और एकता का प्रतीक"🙏🏻🪔परिचय:भगवान शिव और माता पार्वती के संबंध में अनेक रोचक औ...
26/06/2025

शिव-पार्वती "अर्धनारीश्वर स्वरूप – समानता और एकता का प्रतीक"🙏🏻🪔

परिचय:
भगवान शिव और माता पार्वती के संबंध में अनेक रोचक और आध्यात्मिक पहलू हैं, लेकिन "अर्धनारीश्वर" स्वरूप सबसे गूढ़ और प्रेरणादायक है। यह वह रूप है जिसमें शिव और पार्वती एक ही शरीर में आधे-आधे रूप में स्थित होते हैं – एक ओर शिव, दूसरी ओर शक्ति (पार्वती)। यह न केवल आध्यात्मिकता, बल्कि सामाजिक समरसता का भी संदेश देता है।

पौराणिक पृष्ठभूमि:
पुराणों के अनुसार, माता पार्वती ने शिव से प्रश्न किया कि वे केवल तपस्वी क्यों हैं और नारी तत्व को अपने में क्यों नहीं अपनाते। तब शिव ने समझाया कि वे पूर्ण तभी हैं जब शक्ति उनके साथ हो। इस भावना को साकार करने के लिए उन्होंने स्वयं को अर्धनारीश्वर के रूप में प्रकट किया – आधा पुरुष, आधा स्त्री।

आध्यात्मिक संदेश:
संतुलन का प्रतीक – यह स्वरूप बताता है कि ब्रह्मांड में ऊर्जा (शक्ति) और चेतना (शिव) दोनों की समान उपस्थिति आवश्यक है।

जेंडर इक्वलिटी – यह दर्शाता है कि पुरुष और स्त्री दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, श्रेष्ठता की भावना किसी एक में नहीं होनी चाहिए।

एकात्मता – शिव और शक्ति अलग नहीं, बल्कि एक ही सत्ता के दो रूप हैं। यह एकात्म भाव वैवाहिक जीवन, सामाजिक संबंध और आत्मिक साधना में भी लागू होता है।

आधुनिक संदर्भ में अर्थ:
आज के समय में जहां लैंगिक भेदभाव और अधिकारों की बहस होती है, अर्धनारीश्वर का संदेश है – समानता, समरसता और साझेदारी। यह रूप हमें सिखाता है कि सृजन तब ही संभव है जब स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से भागीदार हों।

निष्कर्ष:
शिव-पार्वती का अर्धनारीश्वर स्वरूप केवल एक धार्मिक कल्पना नहीं, बल्कि एक दार्शनिक दृष्टिकोण है जो मानवता को संतुलन, एकता और प्रेम का पाठ पढ़ाता है। यह स्वरूप हमें याद दिलाता है कि हर व्यक्ति के भीतर शिव और शक्ति दोनों का वास है – बस उन्हें पहचानने की आवश्यकता है।🙏🏻🚩🔱


दुनिया की सबसे खूबसूरत जोड़ी आराध्य  #शिवशक्ति                 Mahankal_k_diwane
20/12/2024

दुनिया की सबसे खूबसूरत जोड़ी आराध्य #शिवशक्ति










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Interesting facts about the history of photography:The camera obscuraThe principles of the camera obscura were described...
19/12/2024

Interesting facts about the history of photography:

The camera obscura
The principles of the camera obscura were described by Aristotle in the 4th century BC.
The camera obscura projects an image through a small hole.

The first photograph
The first photograph is believed to be View from the Window at Le Gras, taken in 1826 by French scientist Joseph Nicéphore Niépce. Niépce used a process called heliography, which involved coating a pewter plate with bitumen of Judea, a light-sensitive chemical

The plate was then placed in a camera and exposed to light.

The daguerreotype
The daguerreotype was the first publicly announced photographic process, invented by Louis Jacques Mandé Daguerre in 1839.

The daguerreotype produced detailed images.

The wet plate collodion process
This process was less expensive than daguerreotypes and required less time for exposures.
It was the dominant glass negative process in the United States until the 1880s.

The word "photography"
The word "photography" comes from Greek and means "to draw with light". Astronomer Sir John Herschel was the first to use the word "photograph" in 1839.

Interesting facts about photography:The word "photography" comes from Greek: It means "to draw with light". The first ph...
17/12/2024

Interesting facts about photography:

The word "photography" comes from Greek: It means "to draw with light".

The first photograph: Joseph Nicéphore Niépce, a French scientist, took the first photograph in 1826. He used a camera obscura and bitumen of Judea, a photosensitive material.

The first color photograph: Thomas Sutton took the first color photograph in 1861. He layered three images through red, green, and blue filters.

The first digital camera: Steve Sasson invented the first digital camera in 1975. It weighed 8 lbs and captured pictures at 0.01 Megapixels.

The most viewed photograph: The default wallpaper for Windows XP, "Bliss", is the most viewed photograph in history.

The most expensive photograph: The Rhine II by Andreas Gursky sold for $4.33 million in 2011.

The first photo on movement: Eadweard Muybridge took the first photo on movement in 1878.

The first flashes: The first flashes were mini-explosions of a mix of potassium chloride and aluminum.

The thread size of a camera tripod attachment: The thread size of the tripod attachment on a camera is the same as the bolt on a lampshade.

The camera obscura: The camera obscura, or "dark chamber" in Latin, was described in ancient China.

Interesting facts about space:SizeThe universe is so large that there are more stars in it than grains of sand on Earth'...
16/12/2024

Interesting facts about space:

Size
The universe is so large that there are more stars in it than grains of sand on Earth's beaches. The Sun is so big that one million Earths could fit inside it.

Age
The universe is 13.5 billion years old, while Earth is only about 4.5 billion years old.

Composition
Comets are made of ice, sand, and carbon dioxide, and are remnants from the formation of our solar system.

Rotation
A day on Venus is longer than a year on Venus. It takes 243 Earth days for Venus to spin once, but only 225 Earth days to orbit the Sun.

Temperature
The average temperature on Venus is over 900°F, which is hotter than a self-cleaning oven.

Wind
Neptune has the fastest winds in our solar system, reaching speeds of 1,600 miles per hour.

Moons
Our solar system has hundreds of moons, with Jupiter and Saturn having the most.

Black holes
Black holes are created when large stars explode. The closest black hole to Earth is about 10,000 light-years away.

Precession
Earth's axis changes position over time, tracing out a cone shape. This is called "precession".

Voyager 1 and Voyager 2
These NASA spacecraft crossed the termination shock in 2004 and 2007, respectively, and went interstellar in 2012 and 2018.

#शिवपार्वती
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जिन्हें भी  #शिवपार्वती जैसी जोड़ी चाहिए कमेन्ट में  #हरहरमहादेव लिखकर हजारी जरूर लगाए🙏🏻🪔                  Mahankal_k_di...
14/12/2024

जिन्हें भी #शिवपार्वती जैसी जोड़ी चाहिए कमेन्ट में #हरहरमहादेव लिखकर हजारी जरूर लगाए🙏🏻🪔










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