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अभी तो "शिवाजी" है महापौर पुष्यमित्र भार्गव का बेटा "संघमित्र भार्गव" !!@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौरभारत के इतिहास के ...
05/09/2025

अभी तो "शिवाजी" है महापौर पुष्यमित्र भार्गव का बेटा "संघमित्र भार्गव" !!

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

भारत के इतिहास के महानायकों में छत्रपति शिवाजी का नाम उनकी वीरता और बहादुरी के लिए स्वर्ण अक्षरों में सदा के लिए अंकित हैं। शिवाजी महाराज में वीरता, बहादुरी के गुण बचपन से ही कूट कूट कर भरे हुए थे! उनके पिता शाह जी भोसले उस समय मुगल सल्तनत में सेनापति के पद पर थे और बीजापुर रियासत के "जागीरदार" थे जिसे वर्तमान लोकतांत्रिक भाषा में "महापौर" कह सकते है।

शिवाजी जब मात्र 16 साल के थे तब एक दिन उनके जागीरदार पिता शाह जी भोंसले उन्हें उस समय के बादशाह के दरबार ले गए। जहां शिवाजी के पिता जागीरदार शाह जी भोसले ने बादशाह के सामने झुककर सलामी दी और बादशाह की शान में कसीदे गढ़े!! लेकिन बहादुर किशोर शिवाजी ने बादशाह को सलामी देने और शान में कसीदे पढ़ने से इंकार कर दिया। और बादशाह के खिलाफ विद्रोह का ऐलान कर दिया! सत्ता और बादशाह के प्रति गुलामी शिवाजी के पिता में थी लेकिन वीर और बहादुर शिवाजी में नहीं।

400 साल बाद ठीक वैसा ही दृश्य इंदौर शहर में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय के सभागृह में घटित हुआ!

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के मंच पर जिस समय महापौर पुत्र संघमित्र मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन और रेलवे की खामियां, प्रोजेक्ट की लेटलतीफी, मोदी सरकार का वादे पर खरा न उतरना और जमीन अधिग्रहण में भ्रष्टाचार पर पूरे आत्मविश्वास और तथ्यों के साथ कटाक्ष किया!

उस समय मंच पर उनके पिता इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अलावा मंच पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। इसके अलावा शहर अध्यक्ष, कई नामचीन और बाहुबली विधायक और मंत्री उस मंच पर बैठे थे। जिनमें इतना साहस नहीं हैं कि वो अपने बादशाह मोदी और उनकी सल्तनत की किसी नीति, योजना या प्रोजेक्ट की खुलेआम तो बहुत दूर की बात है, खुसुर पुसुर में अकेले में भी बात करने की हिम्मत पैदा कर सके!!

संघमित्र भार्गव जैसे युवा ही भारत का भविष्य है, और वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप के असली वारिस। जय हो संघमित्र।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
https://www.rediscoverindianews.com/right-now-shivaji-is-mayor-pushyamitra-bhargavas-son-sanghamitra-bhargava/

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर अभी तो "शिवाजी" है महापौर पुष्यमित्र भार्गव का बेटा "संघमित्र भार्गव"!! भारत के इतिहा.....

कुख्यात गुंडे सलमान लाला को मौत के बाद मुस्लिम युवाओं में हीरो बनाने की साजिश? न सिर्फ युवाओं में ड्रग्स से भी ज्यादा खत...
04/09/2025

कुख्यात गुंडे सलमान लाला को मौत के बाद मुस्लिम युवाओं में हीरो बनाने की साजिश? न सिर्फ युवाओं में ड्रग्स से भी ज्यादा खतरनाक हैं! वरन् शहर के लिए बारूद का ढेर है?

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

ये कैसा शहर है एक "डकैत" पार्षद बन जाता हैं? और एक गुंडा, गैंगस्टर मौत के बाद हीरो बनाया जाता हैं? और जिम्मेदार चुप रहते है? और शहर तमाशबीन?

33 ज्ञात गंभीर अपराध की एफ आई आर उसके नाम थी! उसके मां स्वयं अपने आप को गुंडे की मां कहती है! उसके सारे भाई और परिवार अपराधी हैं!

और मुम्बई की बॉलीवुड का एक मुस्लिम अभिनेता गुंडे सलमान लाला की मौत पर प्रश्न उठाता है!! और सब चुप है?

कौन जिम्मेदार है एक कुख्यात गुंडे को उसकी मौत के बाद हीरो बनाने की गहरी साजिश में? इंदौर का पुलिस विभाग या इंदौर की नेतानगरी जिसकी सरपरस्ती में कई गैंगस्टर और गुंडे हीरो जैसी जिंदगी जी रहे है? या कोई गहरी साजिश?

शहर के किसी भी विधायक, नेता और कद्दावर में इतनी हिम्मत और नैतिक साहस नहीं हैं कि वो कुख्यात गुंडे, ड्रग्स माफिया सलमान लाला की मौत के बाद उसे "हीरो" बनाने वालों को चेतावानी दे सके? ऐसा क्यों?

उसके जनाजे में उमड़ी भीड़?? कैसे और क्यों पुलिस ने भीड़ को इकट्ठा होने दिया? क्या पुलिस को पहले से कोई अंदाजा नहीं था? या पुलिस को सलमान लाला की लोक प्रियता के बारे मे कोई अंदाजा ही नहीं था?

कैसे और क्यों पुलिस ने हजारों की तादाद में एक गैंगस्टर के जनाजे में भीड़ को इकठ्ठा होने दिया?

और जिस तरह से सैकड़ों की तादाद में पुलिस वालों के साथ, उसके भाई को पुलिस ने किसी फिल्मी हीरो की तरह उसके जनाजे में उसे हीरो स्टाईल में लेकर आई? क्यों?

इन सब के जनाजे में मौजूद सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम समाज के भटके हुए युवकों ने वीडियो बनाए और अनगिनत वीडियो और रील बनाकर सोशल मिडिया में भावुक गानों के साथ वायरल कर दिए!

सोशल मीडिया पर वायरल सैकड़ों की तादाद में रीलों में उसे इस्लामिक धार्मिक युवा के तौर पर! मजारों, कव्वालियों, दरगाहों पर साफा बंधवाते हुए! नोट लुटाते हुए! और यारो का यार बताकर! मुस्लिम युवाओं में हीरो की तरह पेश किया जा रहा है!?

उसकी तड़क भड़क वाली लाइफ स्टाईल, महंगे जूते, जैकेट, केप कपड़े, घड़ी, कारे, युवाओं का लाव - लश्कर, हाथ में सिगरेट, ड्रग्स में डूबी आँखें , कार की सीट पर बैठने का स्टाइल, सिल्की हेयर स्टाइल, मां के साथ लाइफ स्टाईल में फोटो! किसी भी भटके हुए युवाओ को आकर्षित कर सकते है।

कौन जवाबदार हैं एक कुख्यात गुंडे की मौत के बाद हीरो बनाने के लिए? इंदौर का पुलिस प्रशासन या कोई गहरी साजिश? जिसकी भनक इंदौर शहर के पूरे पुलिस विभाग को नहीं थी? यदि नहीं थी तो यह पूरे सिस्टम, शहर की राजनीति और सरकार के लिए शर्मनाक हैं।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

https://www.rediscoverindianews.com/conspiracy-to-make-notorious-goon-salman-lala-a-hero-among-muslim-youth-after-his-death-not-only-are-they-more-dangerous-than-drugs-among-the-youth-but-they-are-a-pile-of-gunpowder-for-the-city/

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर कुख्यात गुंडे सलमान लाला को मौत के बाद मुस्लिम युवाओं में हीरो बनाने की साजिश? न सिर....

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03/09/2025

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03/09/2025
गुंडे, गैंगस्टरो और माफियाओं के जनाजो में मुस्लिम समाज के एक धड़े की भीड़ ऐसे शिरकत करती है, जैसे की वह कौम, इस्लाम या व...
02/09/2025

गुंडे, गैंगस्टरो और माफियाओं के जनाजो में मुस्लिम समाज के एक धड़े की भीड़ ऐसे शिरकत करती है, जैसे की वह कौम, इस्लाम या वतन के लिए शहीद हो गया हो!!
आखिर क्या साबित करना चाहती हैं यह भीड़?

@प्रदीप मिश्रा
री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

ये क्या हो रहा है "डेली कॉलेज" मे!! बेशर्मी की सारी हदे पार की डेली कॉलेज के चार छात्रों, टीचर और प्रिंसिपल ने!"डेली कॉल...
01/09/2025

ये क्या हो रहा है "डेली कॉलेज" मे!! बेशर्मी की सारी हदे पार की डेली कॉलेज के चार छात्रों, टीचर और प्रिंसिपल ने!

"डेली कॉलेज" स्कूल की हेड गर्ल को स्कूल के ही चार छात्रों और टीचर ने ऐसा प्रताड़ित किया कि उसे स्कूल छोड़ना पड़ा!

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

प्रिंसिपल और टीचर कि शह पर तथाकथित संभ्रांत घरों के 4 बदतमीज छात्र कर रहे थे हेड गर्ल के साथ दुर्व्यवहार!

इस तरह की भाषा और शब्दों से दे रहे थे धमकी -

• तेरा मुंह हमेशा के लिए बंद करवाते है!
• इसको तो मार डालेंगे!
• इसको छोड़ेंगे नहीं!
• हिंदी की गंदी गंदी गलियां दे कर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे!

डेली कॉलेज की सबसे होनहार, मेधावी और प्रतिभावान हेड गर्ल को तथाकथित संभ्रांत परिवार के कु-संस्कारी छात्रों ने!
टीचर अदिति घटक छात्रा को कर रही थी बदनाम! उड़ा रही थी मज़ाक! ले रही थी मजे!
प्रिंसिपल चारों कु-संस्कारी छात्रों और टीचर का दे रही थी साथ और पीड़िता को लगा रही थी डाँट!

उपरोक्त ऐसे गंभीर आरोप 12 वी की होनहार, मेधावी और स्कूल की हेड गर्ल पीड़ित छात्रा ने लिखित त्याग पत्र मे लगाए है आरोप!

इंदौर के प्रतिष्ठित कहे जाने वाले "डेली कॉलेज" स्कूल की सबसे मेधावी और प्रतिभाशाली 12 वी कक्षा की छात्रा जो क्लास फर्स्ट से 11 वी क्लास तक अपनी कक्षा में हमेशा टॉपर रही। जिसने जुनियर स्कूल के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर और कक्षा 10 वीं मे सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार जीता। वाद विवाद प्रतियोगिता से लेकर, निशानेबाजी, नृत्य, कला में कई पुरस्कार जीते और मॉडल यूनाइटेड नेशन में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया। डेली कॉलेज में इस अत्यंत मेधावी और प्रतिभाशाली छात्रा को स्कूल की हेड गर्ल बनाकर सम्मानित किया गया।

लेकिन इस अत्यंत मेधावी ओर प्रतिभाशाली छात्रा को स्कूल के चार तथाकथित संभ्रांत घरों के निहायत बत्तमीज और कुसंस्कारी छात्रों ने इतना प्रताड़ित और परेशान किया कि इस प्रतिभाशाली छात्रा को न सिर्फ हेड गर्ल से त्यागपत्र देना पड़ा वरन स्कूल भी छोड़ना पड़ा!

छात्रा ने स्कूल को "हेड गर्ल" के पद से दिए गए त्यागपत्र में लिखा है कि -

"आज मैं गर्व से नहीं बल्कि दर्द से लिख रही हूं कि सच तो यह है कि मेरे स्कूल ने मुझे निराश किया है! मेरी रक्षा करने के बजाय मुझे परेशान किया हैं! मेरे आत्मसम्मान को तोड़ा है! मुझे ऐसी जगह धकेल दिया है जहां से गुजरने पर मैं सुरक्षित महसूस नहीं करती!

कई दिनों तक मुझे हिंदी के सबसे गंदे शब्दों से गालियां दी गई! सिर्फ इसलिए क्योंकि मैने एक टीचर के लिए आवाज उठाने का फैसला किया था!

कुछ छात्रों ने मुझे सार्वजनिक रूप से कहां तेरा मुंह हमेशा के लिए बंद करवाते है! मुझे बहुत अपमानित महसूस हुआ क्योंकि मैं कई तरह के अपशब्द सुन रही थी लेकिन जवाब नहीं दे पा रही थी! और भी तथाकथित कुछ छात्रों ने मुझे काफी परेशान किया! मुझे धमकाया! और मेरा मजाक उड़ाया जो टीचर और प्रिंसिपल की जानकारी में था!

स्कूल की एक टीचर अदिति घटक मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित करती थी! निराधार आरोप लगाती थी और मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने लगी! इसी टीचर की शह से DC MUN के कुछ छात्र "दादाओ" की तरह व्यवहार करते थे!

मेरे साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना और दादागिरी की शिकायत जब मैने स्कूल की प्रिंसिपल को की, तो मेरा साथ देने, मेरे साथ खड़े होने के बजाय मुझे ही डांटा!"

डेली कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित स्कूल जहा पर धनाढ्य और संभ्रांत कहे जाने वाले घरों के बच्चे पढ़ते है वहाँ पर स्कूल की अत्यंत प्रतिभाशाली और मेधावी छात्रा को इस तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, धमकी देना, मज़ाक उड़ान और स्कूल छोड़ने के लिए विवश करना जैसे आपराधिक कृत्य स्कूल के ही कुछ घरों के कु-संस्कारी छात्रों द्वारा करना और स्कूल के टीचर और प्रिंसिपल का ऐसे धनाढ्य वर्ग के दादा टाइप छात्रों का साथ देना निहायत ही शर्मनाक कृत्य है।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर ये क्या हो रहा है "डेली कॉलेज" मे!! बेशर्मी की सारी हदे पार की डेली कॉलेज के चार छात्रो.....

29/08/2025

इंदौर में "सराफा और सराफा चौपाटी" विवाद का "अंधेर नगरी चौपट राजा" की कहावत से क्या सीधा संबंध है?

@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

"अंधेर नगरी, चौपट राजा" कहानी एक मूर्ख और तर्कहीन राजा पर आधारित है, जहाँ सभी वस्तुएँ एक ही दाम पर बिकती हैं ('टके सेर भाजी, टके सेर खाजा') और न्याय प्रणाली पूरी तरह से बेतुकी है।शासन व्यवस्था पूरी तरह से तर्कहीन है। शहर में कोई नियम-कानून नहीं है, हर सामान एक ही दाम पर बिकता है, चाहे वह भाजी हो या खाजा।

इसका मतलब है कि एक ऐसा शहर जहां सब्ज़ी और सूखे मेवे दोनो की कीमत एक समान है।

यह ठीक उसी तरह है जैसे इंदौर में सराफा बाजार और 80 चाट, पकौड़ी और मिष्ठान बेचने वाले की सराफा चौपाटी। जिसे शहर का राजा (महापौर) एक ही तराज़ू में एक ही भाव से तौल रहा है।

यह कहानी आज भी प्रासंगिक है क्योंकि यह खराब शासन व्यवस्था, कानून और व्यवस्था की कमी, और आम आदमी के अन्याय के खिलाफ लड़ने में लाचारी को प्रस्तुत करता है।

"अंधेर नगरी, चौपट राजा" एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका उपयोग अव्यवस्थित या अराजक राज्य या व्यवस्था के संदर्भ में किया जाता है, जहाँ अनुशासन, नियम, और नेतृत्व की कमी होती है।

अंधेर नगरी 1881 में भारतीय हिंदी लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित नाटक है। जो शहर में व्याप्त अराजकता और अन्यायपूर्ण व्यवस्था को उजागर करता है।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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Indore
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